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राजस्थान : बजट में गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के गठन का ऐलान, यूनियन ने किया स्वागत

“यह क़दम अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों को अपनी मांग और संघर्ष को मज़बूत करने के लिए प्रेरित करेगा और वे अपने उचित अधिकारों तक पहुंचने की ओर अग्रसर होंगें।”
Rajasthan

कल शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान का बजट पेश किया। ये राज्य विधानसभा चुनाव से पहले उनका आखिरी बजट था इसलिए इसमें कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की गई है। इस बजट में सबसे बड़ी घोषणा ओला, उबर, स्विगी, ज़ोमैटो, अमेज़न आदि कंपनियों के लिए काम करने वाले अस्थायी कर्मी जिन्हें ‘गिग वर्कर्स’ कहा जाता है, के लिए की गई। इनके लिए 200 करोड़ रुपये के कल्याण कोष को स्थापित करने का ऐलान किया गया जिसकी गिग वर्कर्स की लंबे समय से मांग रही थी। गहलोत सरकार ने इस मांग को पूरा किया है और सरकार की इस घोषणा का गिग वर्कर्स यूनियन नेताओं से स्वागत किया।
 
आपको बता दें 'भारत जोड़ों यात्रा' के दौरान राहुल गांधी इन कर्मचारियों से मिले थे। कर्मचारियों ने अपनी मांगों और समस्याओं से राहुल गांधी को अवगत कराया था। इसके बाद कांग्रेस की एक राज्य सरकार इनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए एक कानून बनाने जा रही है जिसके साथ ये नया साल भारत के लाखों गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए एक बड़ी आशा और एकजुटता के साथ शुरू हुआ, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए लंबे समय से लड़ रहे हैं।

गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की और कहा कि गिग वर्कर्स ओला, उबर, स्विगी, ज़ोमैटो, अमेज़न आदि कंपनियों के लिए काम करते हैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ‘गिग इकॉनमी’ का दायरा बढ़ रहा है और राज्य में ‘गिग वर्कर्स’ की संख्या बढ़कर 3-4 लाख हो गई है और इनकी सामाजिक सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।

गहलोत ने कहा, ‘‘उन्हें उत्पीड़न से बचाने के लिए, मैं 'गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट' लाने का प्रस्ताव पेश करता हूं, जिसके तहत 'गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड' के गठन के साथ, 200 करोड़ रुपये के 'गिग वर्कर्स वेलफेयर फंड' की स्थापना की जाएगी।’’

ओला, उबर, स्विगी, ज़ोमैटो, रैपिडो, अमेज़न, फ्लिपकार्ट व अर्बन कंपनी में काम करने वाले सभी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए राजस्थान ऐप बेस्ड श्रमिक यूनियन राजस्थान, सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान, और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स की ओर से राज्य सरकार से बार-बार की जा रही मांग पर प्रदेश में काम कर रहे लगभग 5 लाख गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने शुक्रवार के अपने बजट अभिभाषण में गिग वर्कर्स के लिए 'गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट' और 'गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड' की घोषणा की। इसके साथ ही इस बोर्ड के गठन के लिए 200 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की। प्रदेश के सभी मोबाइल ऐप बेस्ड श्रमिकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इसके लिए धन्यवाद दिया।

राजस्थान ऐप आधारित श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष धर्मेंद्र वैष्णव ने बताया कि, "हमनें सरकार के आगे 4 मांगें रखी थीं"

    • मोबाइल ऐप आधारित श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो।
    • सामाजिक सुरक्षा हर लेन-देन पर लगने वाली लेवी पर आधारित हो।
    • एग्रीगेटर कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानून शीघ्र बने।
    • गिग एवं प्लेटफार्म वर्कर्स के लिए शीघ्र त्रिपक्षीय बोर्ड बने।

वैष्णव ने कहा कि, "कानून और बोर्ड की मांग सरकार ने मान ली है। अब हम यही चाहते हैं कि जो भी कानून बने वह इन श्रमिकों को लाभ दिलाने वाला बने, और जो बोर्ड बने वह भी श्रमिकों के हित में काम करे। साथ ही बोर्ड का संचालन गिग वर्कर्स के हर लेन-देन पर कटने वाली लेवी से हो ताकि सरकार पर इस का अतिरिक्त भार ना पड़े।”

इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के महासचिव शेख सलाउद्दीन ने लेबर मार्किट और काम की दुनिया की सबसे जटिल समस्याओं में से एक का ठोस समाधान खोजने के लिए राजस्थान सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "यह न केवल गिग वर्कर्स के लिए, बल्कि पूरे अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों और उद्योगों के लिए यादगार क्षण हैं। आशा की ये नई किरण, गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को अपने आंदोलन को और मजबूत करने और भारत में राजस्थान से अलग इस एजेंडे को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगी। हम गलत नहीं होंगें अगर हम कहें कि यह कदम अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों को अपनी मांग और संघर्ष को मजबूत करने के लिए प्रेरित करेगा और वे अपने उचित अधिकारों तक पहुंचने की ओर अग्रसर होंगें।

उन्होंने कहा, "हम आशा करते हैं कि राजस्थान सरकार का ये कदम केंद्र सरकार को गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड स्थापित करने के अपने वादे को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा। हम इस अवसर पर केंद्र सरकार से विनम्रतापूर्वक 'नेशनल गिग वर्कर्स बोर्ड' की तत्काल स्थापना करने का आग्रह करते हैं।”

 इसे चुनाव से जोड़ते हुए उन्होंने कहा, "जो 50 करोड़ मज़दूरों की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा।" 

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