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राजेंद्र नगर उपचुनाव :  क्या है चुनावी समीकरण?

सोमवार को आप के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक, बीजेपी उम्मीदवार राजेश भाटिया और कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमलता ने राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पर्चा दाख़िल कर दिया है।
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नयी दिल्ली: दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। राजेंद्र नगर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 23 जून को होंगे और मतगणना 26 जून को होगी। आप के विधायक राघव चड्ढा मार्च में पंजाब से राज्यसभा के लिए चुने गए थे, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। इस एक सीट पर दोनों भारतीय जनता पार्टी बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जबकि कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है। सोमवार को नामांकन दाख़िल करने के अंतिम दिन आप के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक, बीजेपी उम्मीदवार राजेश भाटिया और कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमलता ने राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पर्चा दाख़िल कर दिया है।

मुख्य निर्वाचन कार्यालय (सीईओ), दिल्ली की वेबसाइट पर साझा की गई सूचना के मुताबिक उपचुनाव के लिए कुल 32 नामांकन पत्र प्राप्त हुए हैं। इनमें से 21 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, जिनमें से कुछ ने कई नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। वेबसाइट पर साझा की गई जानकारी के अनुसार इनमें से सात नामांकन निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किए गए हैं।

नामांकन के लिए दाखिल हलफनामों के अनुसार, मुख्य तीन उम्मीदवारों में राजेश भाटिया सबसे अमीर हैं। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गए हलफनामों के अनुसार, आप, भाजपा और कांग्रेस द्वारा उतारे गए तीनों उम्मीदवारों के बीच आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक के पास सबसे कम संपत्ति है।

हलफनामों के मुताबिक पूर्व निगम पार्षद भाटिया ने 2,08,85,777 रुपये की चल संपत्ति घोषित की है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमलता की चल संपत्ति 6,94,970.95 रुपए है। पाठक ने 6,77,980.11 रुपये की चल संपत्ति घोषित की है।

पिछले चुनाव 2020 में चड्ढा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के आरपी सिंह को 20 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। यह उपचुनाव वैसे तो तीनों ही मुख्य राजनैतिक दल बीजेपी, आप और कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है। परन्तु आप और बीजेपी के लिए ये चुनाव एक तरीक़े का शक्ति प्रदर्शन करने का ज़रिया है।  इस चुनाव से पता चलेगा कि आज के समय में दिल्ली के लोगों की पहली पसंद कौन सी पार्टी है। आप जहाँ इन चुनाव के माध्यम से अपना दबदबा बनाए रखना चाहेगी तो बीजेपी भी अपने विधायकों की संख्या बढ़ाना चाहेगी। वैसे भी एक समय इस विधानसभा में बीजेपी काफी मज़बूत मानी जाती थी। इस सीट से भाजपा उम्मीदवार सात में से चार चुनाव जीत चुके हैं। हालाँकि इस एक सीट की जीत हार से विधानसभा के गणित पर कोई असर नहीं पड़ेगा परन्तु इस चुनाव के माध्यम से सभी दल दिल्ली के राजनैतिक माहौल को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे है।

इस चुनाव में आप ने अपनी सरकार के जनकल्याणकारी काम और बीजेपी द्वारा अतिक्रमण के नाम पर ग़रीब मज़दूरों के घर दुकानों पर चलाए जा रहे बुलडोज़र को  अपना चुनावी मुद्दा बनाया है। वहीं बीजेपी आप सरकार की विफलताओ और बिजली पानी को अपने चुनावी कैम्पेन के केंद्र में रख रही है। इसके अलावा बीजेपी केंद्र की मोदी सरकार के विकास कार्यों के आधार पर भी वोट मांग रही है। वहीं कांग्रेस दोनों ही पार्टियों पर हमला कर रही है। कांग्रेस आप पर हमला कर रही है और उसका कहना है कि निवर्तमान विधायक राघव चड्ढा दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष थे उसके बाद भी इलाक़े में पानी की समस्या बनी हुई है।

बुलडोजर पिछले कुछ महीनों से देश ही नहीं दिल्ली में भी चर्चा का मुद्दा बना हुआ है।  इस चुनाव में भी इसकी खूब चर्चा हो रही है। बीजेपी इसे एक तरह न्याय के तौर पर दिखा रही और इसके सकारत्मक रुख को बताने का प्रयास कर रही है। वहीं आप  यह कहकर बीजेपी को घेर रही है कि दिल्ली में कच्ची कॉलोनियों में 50 लाख और झुग्गियों में 10 लाख लोग रहते हैं तो क्या 63 लाख लोगों के घरों और दुकानों पर बीजेपी बुलडोजर चलवाएगी।  

पिछले दिनों एमसीडी ने जहांगीरपुरी, शाहीन बाग और राजेंद्र नगर  समेत कई इलाकों में बुलडोजर चलवाया था। जिसमें कई गरीब रेहड़ी पटरी वालों का रोज़गार छिन गया था। इससे एक तबके में बीजेपी को लेकर काफ़ी रोष है। आप इसी का फायदा उठाना चाहती है। इसके साथ ही आप  बिजली-पानी, स्वास्थ्य-शिक्षा की बात करते हुए जनता से वोट मांग रही है।

राजेंद्र नगर के सामाजिक ताने बाने की बात करें तो यहा पाकिस्तान से आए पंजाबी शरणार्थियों की बड़ी आबादी है। इसके आलावा यहां पूर्वांचली मतदाताओ की बड़ी संख्या है। कई मीडिया रिपोर्टो की मानें तो पंजाबी-सिख और पूर्वांचली मतदाताओं की कुल आबादी 65%  है। 

यहाँ कुल मतदाताओं की संख्या 1,76,364 जिसमें से पुरुष वोटर्स 99,175 हैं और महिला वोटर्स 77,186 है। पिछले चुनावी नतीजों को देखें तो साल 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को हराया था। 2020 में आप के राघव चड्ढा को 59,135 वोट मिले थे तो वहीं बीजेपी के आर पी सिंह के 39,077 वोट ही ले सके थे।

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