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मुक्रोह गांव के निवासी असम-मेघालय सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं

मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा और विभिन्न राजनीतिक दल इस गांव के निवासियों को लुभाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
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फ़ोटो साभार: Telegraph India

विवादित असम-मेघालय अंतरराज्यीय सीमा से सटे मुक्रोह गांव के निवासी इन दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।

मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा और विभिन्न राजनीतिक दल इस गांव के निवासियों को लुभाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

लगभग तीन महीने पहले इस गांव में हिंसक झड़प की घटना भी हुई थी, जिसमें मेघालय के पांच निवासी और पड़ोसी राज्य असम के एक वनरक्षक की मौत हो गई थी। असम के वनरक्षकों द्वारा अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों को ले जा रहे एक ट्रक को रोकने के बाद हिंसा भड़क गई थी।

मुक्रोह गांव के निवासी असम-मेघालय सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। गांव की एक बुजुर्ग महिला बी. लमारे ने कहा कि वह चाहती हैं कि नयी सरकार इस विवाद को सुलझाए।

उन्होंने कहा, ‘‘मुक्रोह कभी असम का हिस्सा नहीं था। हम किसी भी व्यक्ति द्वारा किये गये ऐसे दावों को स्वीकार नहीं करते हैं। नयी सरकार बनाने वालों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अब और खूनखराबा न हो।’’

लमारे की तरह, ज्यादातर निवासियों ने कहा कि मुक्रोह मेघालय का हिस्सा है और वे चाहते हैं कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए और ऐसी हिंसक घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी न हो।

क्षेत्र में प्रचार कर रहे राजनीतिक दलों ने भी कहा कि असम के साथ जटिल सीमा विवाद को सुलझाना चुनाव में उनका शीर्ष एजेंडा है।
मोकायाव से यूडीपी विधायक नुजोरकी सुनगोह ने कहा, ‘‘सत्ता में आने पर हम असम-मेघालय सीमा विवाद का स्थायी समाधान निकालेंगे। यह हमारा शीर्ष एजेंडा है।’’

उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ी है, लेकिन मुक्रोह और कुछ अन्य गांवों में विवाद अभी तक सुलझा नहीं है।

मेघालय और असम के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा के साथ कम से कम 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है और जिस स्थान पर हिंसा हुई, वह उनमें से एक है।

दोनों पूर्वोत्तर राज्यों ने छह क्षेत्रों में विवाद को समाप्त करने की दिशा में नयी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में पिछले साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

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