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सत्तारूढ़ माकपा ने केरल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया, 11 सितंबर से प्रदर्शन की घोषणा

माकपा के राज्य सचिव ने तर्क दिया कि भाजपा शासित केंद्र सरकार और केरल में विपक्षी दलों का गठबंधन यूडीएफ दोनों लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए क़दम नहीं उठा रहे हैं।
M. V. Govindan
फ़ोटो साभार : TOI

केंद्र सरकार पर केरल में आर्थिक प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाते हुए, राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को घोषणा की कि इसके खिलाफ वह 11 सितंबर से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करेगी।

पुथुपल्ली विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार के बीच माकपा के राज्य सचिव एम. वी. गोविंदन ने राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) पर भी निशाना साधा और विपक्षी दलों पर राज्य पर केंद्र के आर्थिक प्रतिबंधों का विरोध नहीं करने का आरोप लगाया।

यहां माकपा की राज्य समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोविंदन ने कहा कि पार्टी केंद्र की वित्तीय नीतियों और उसके एवं कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर उनके रुख के खिलाफ 11 सितंबर से पूरे केरल में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करेगी।

माकपा के राज्य सचिव ने तर्क दिया कि भाजपा शासित केंद्र सरकार और केरल में विपक्षी दलों का गठबंधन यूडीएफ दोनों लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसके बजाय वे यहां हर चीज के लिए वामपंथी सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। यह एक राजनीतिक रणनीति बन गई है। वे राज्य को वित्तीय संकट में धकेलने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र के विभिन्न कदम जैसे कि जीएसटी (माल एवं सेवाकर) मुआवजे को रोकना, केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी को कम करना, केरल की उधार सीमा में कटौती करना और केरल बुनियादी ढांचा निवेश कोष बोर्ड (केआईआईएफबी) जैसे सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा लिए गए ऋण को राज्य के ऋण में जोड़ना, राज्य को वित्तीय संकट में डाल रहे हैं।

माकपा नेता ने यह भी कहा कि जब राज्य बाजार में हस्तक्षेप करके और अधिक नौकरियां पैदा करके बेरोजगारी के मुद्दे को संबोधित करने की कोशिश कर रहा था तो न तो केंद्र और न ही यूडीएफ किसी भी तरह से मदद कर रहे थे, बल्कि वे केवल वाममोर्चा शासन को दोष दे रहे हैं।

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