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रूस-यूक्रेन युद्ध अपडेट: कीव के मुख्य टीवी टावर पर बमबारी; सोवियत संघ का हिस्सा रहे राष्ट्रों से दूर रहे पश्चिम, रूस की चेतावनी

रूसी बलों ने मंगलवार को यूक्रेन के घनी आबादी वाले शहरी इलाकों पर हमले तेज करते हुए यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर के मध्य स्थित एक मुख्य चौराहे और कीव के मुख्य टीवी टावर पर बमबारी की। वहीं भारत ने सोमवार को युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों तथा अन्य लोगों के परिवारों की मदद के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
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रूसी बलों ने यूक्रेन के असैन्य इलाकों में हमले तेज किए

रूसी बलों ने मंगलवार को यूक्रेन के घनी आबादी वाले शहरी इलाकों पर हमले तेज करते हुए यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर के मध्य स्थित एक मुख्य चौराहे और कीव के मुख्य टीवी टावर पर बमबारी की, जिसे यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ‘‘आतंक’’ करार दिया।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने खारकीव में ‘फ्रीडम स्क्वेयर’ पर रक्तपात के बाद कहा, ‘‘कोई इसे नहीं भूलेगा। इसे कोई माफ नहीं करेगा।’’

इस बीच, 40 मील दूरी तक फैला रूसी टैंकों और अन्य वाहनों का काफिला धीरे-धीरे कीव की ओर बढ़ा। देश की राजधानी कीव में करीब 30 लाख लोग रहते है। पश्चिमी देशों को आशंका है कि यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेनी सरकार को अपदस्थ करके रूसी समर्थक सत्ता की स्थापना करने की कोशिश है।      

आक्रमणकारी बलों ने ओडेसे और मारियुपोल के अहम बंदरगाहों समेत अन्य शहरों एवं कस्बों पर भी हमले तेज कर दिए हैं। 

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़े युद्ध के छठे दिन रूस और अलग-थलग पड़ गया। रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं और देश के पास चीन, बेलारूस और उत्तर कोरिया जैसे कुछेक मित्र ही बचे हैं।        

यूक्रेन में युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। एक वरिष्ठ पश्चिमी खुफिया अधिकारी ने अनुमान जताया कि 5,000 से अधिक रूसी बल या तो कैद में हैं या मारे गए हैं। यूक्रेनी बलों को हुए नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बताया कि उसने 136 आम नागरिकों की मौत दर्ज की है, लेकिन मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा रही है।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पिछले दो दिन में रूसी हमले तेज हुए हैं।

उसने यह भी कहा कि तीन शहरों-खारकीव, खेरसन और मारियुपोल को रूसी बलों ने घेर लिया है।

यूक्रेन के अधिकारियों ने मंगलवार शाम को बताया कि रूसी सेना ने हमले के छठे दिन कीव के टीवी टॉवर और यूक्रेन में यहूदी नरसंहार के मुख्य स्मारक समेत अन्य असैन्य स्थलों को निशाना बनाते हुए हमले किए।

यूक्रेन की सरकारी आपात स्थिति सेवा ने बताया कि टीवी टॉवर पर हमलों में पांच लोगों की मौत हो गयी तथा पांच अन्य घायल हो गए हैं।

यूक्रेन की संसद ने टीवी टॉवर के आसपास धुएं के गुबार की एक तस्वीर पोस्ट की और कीव के मेयर विताली क्लिश्चको ने इस पर हमला होने की एक वीडियो साझा की। उन्होंने कहा कि हमले के कारण टॉवर में बिजली पहुंचा रहे एक सबस्टेशन तथा एक नियंत्रण कक्ष क्षतिग्रस्त हो गये हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख आंद्रे यरमाक ने फेसबुक पर कहा, ‘‘उस स्थान पर शक्तिशाली मिसाइल हमला किया जा रहा है जहां (बाबी) यार स्मारक स्थित है।’’          

बाबी यार में नाजियों ने 1941 में 48 घंटे के भीतर करीब 33,000 यहूदियों की हत्या कर दी थी।     

रूसी सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के मुख्य चौराहे ‘फ्रीडम स्क्वेयर’ तथा अन्य असैन्य ठिकानों पर मंगलवार को हमला किया जिससे पूरा शहर थर्रा उठा।

सूर्योदय के कुछ ही समय बाद, एक रूसी सैन्य हमले में यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर के केंद्र पर हमला किया गया जिससे प्रतीकात्मक सोवियत-युग के क्षेत्रीय प्रशासन भवन को बुरी तरह नुकसान पहुंचा।

ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में लगभग 15 लाख की आबादी वाले रणनीतिक खारकीव में क्षेत्र के सोवियत-युग के प्रशासनिक भवनों और आवासीय क्षेत्रों में विस्फोट होते दिखाई दिए।

इस बीच, खारकीव में मंगलवार को हुए एक हमले की चपेट में आने से कर्नाटक निवासी एक भारतीय छात्र की मौत हो गई। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से किसी भारतीय की मौत का यह पहला मामला है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने खारकीव के मुख्य चौराहे पर हुए हमले को "निर्विवाद आतंक" करार दिया और इसे युद्ध अपराध कहा। उन्होंने कहा, "कोई भी माफ नहीं करेगा। यह हमला एक युद्ध अपराध है। कोई नहीं भूलेगा।"

जेलेंस्की ने यूरोपीय संघ की संसद से एक भावनात्मक अपील में कहा कि यूक्रेन "यूरोप का समान सदस्य बनने के लिए भी" लड़ रहा है।

उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​​​है कि आज हम हर किसी को दिखा रहे हैं कि हम क्या हैं ... हमने साबित कर दिया है कि कम से कम, हम आपके जैसे ही हैं।"

शहरों पर हमले के अलावा, ऐसी खबरें सामने आई हैं कि मॉस्को ने आबादी वाले तीन क्षेत्रों पर क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया है।

क्रेमलिन ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उसने इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया है और फिर से जोर देकर कहा है कि उसके बलों ने केवल सैन्य ठिकानों पर हमला किया। हालांकि, घरों, स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की कई तस्वीरें सामने आई हैं।

इस बीच, पूरे यूक्रेन में अनेक लोगों ने एक और रात आश्रयों, तहखानों या गलियारों में बिताई।

वहीं, युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता केवल आगे के दौर की वार्ता पर सहमति बनने के साथ ही समाप्त हो गई है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि बमबारी में वृद्धि केवल उन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई है।            

उन्होंने सोमवार को देर रात जारी वीडियो संदेश में कहा, ‘‘रूस इन आसान तरीकों से (यूक्रेन पर) दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।’’

जेलेंस्की ने हालांकि दिन में दोनों पक्ष के बीच हुई लंबी वार्ता की जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा कि कीव कोई रियायत देने को तैयार नहीं है, वह भी तब जब एक ओर रॉकेट और तोप से हमले किए जा रहे हैं।

जेलेंस्की ने कहा कि रूसियों के लिए कीव ‘‘मुख्य लक्ष्य’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारे देश की राष्ट्रीयता को खंडित करना चाहते हैं और इसलिए राजधानी लगातार खतरे में है।’’

पुतिन गलत हैं, हम रूस का सामना करने को तैयार: बाइडन ने एसओटीयू संबोधन में कहा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ ‘‘पूर्व नियोजित तथा अकारण’’ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका उनके द्वारा पेश की गईं चुनौतियों का सामना करने को तैयार है।

बाइडन ने कहा, ‘‘ अपने पूरे इतिहास से हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती, तो वे और अधिक अराजकता फैलाने लगते हैं। वे आगे बढ़ते रहते हैं और अमेरिका तथा विश्व के लिए खतरा बढ़ता जाता है।’’

पुतिन पर निशाना साधते हुए बाइडन ने कहा, ‘‘ इसलिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का गठन किया गया। अमेरिका सहित 29 अन्य देश इसके सदस्य हैं। अमेरिकी कूटनीति मायने रखती है।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ पुतिन का युद्ध पूर्व नियोजित और अकारण है। उन्होंने कूटनीति के प्रयासों को खारिज कर दिया। उन्होंने सोचा था कि पश्चिमी देश और नाटो इसका जवाब नहीं देंगे। उन्हें लगा था कि वह हमारे घर में ही हमें बांट सकते हैं। पुतिन गलत थे। हम तैयार हैं।’’

बाइडन ने कहा कि उनके रूसी समकक्ष ने यूक्रेन पर हमले का गलत आकलन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ पुतिन ने सोचा था कि वह यूक्रेन में घुस जाएंगे और दुनिया कुछ नहीं करेगी, जबकि इसके बजाय उन्हें ऐसी एकजुटता का सामना करना पड़ा, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। उन्हें यूक्रेन की जनता का सामना करना पड़ा।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ संघर्ष के इस समय में, जैसा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय संसद में अपने भाषण में कहा, ‘‘ रोशनी अंधेरे पर जीत हासिल करेगी’’। अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत आज रात यहां मौजूद हैं। आइए हम सभी आज रात इस कक्ष से यूक्रेन और दुनिया को एक अचूक संकेत भेजें।’’

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद यह पहला मौका था, जब संसद के सभी सदस्यों को सदन में आमंत्रित किया गया। बाइडन के भाषण के दौरान सांसद लगातार तालियों के साथ उनकी हौसला अफजाई करते रहे।             

बाइडन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पुतिन का सामना करने के लिए यूरोप और अमेरिका से लेकर एशिया और अफ्रीका तक सभी स्वतंत्रता-प्रेमी देशों का गठबंधन बनाने में महीनों मेहनत की। हम रूस के झूठ का जवाब सच से देते हैं...।’’

बाइडन ने कहा कि अपने सहयोगियों के साथ-साथ अमेरिका भी कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है। वे रूस के सबसे बड़े बैंकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से बाहर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम रूस की प्रौद्योगिकी तक पहुंच भी सीमित कर रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में उसकी आर्थिक ताकत को कम और उसकी सेना को कमजोर करेगा।’’             

इस दौरान, बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिका अपने हवाई क्षेत्र को रूसी विमानों के लिए बंद कर रहा है और कहा कि अन्य दंडात्मक कदमों के साथ उठाया गया यह कदम रूस को कमजोर करेगा।

बाइडन ने कहा, ‘‘ आज रात, मैं घोषणा करता हूं कि हम और हमारे सहयोगी रूसी विमानों के लिए अमेरिकी हवाई क्षेत्र को बंद करेंगे।’’

बाइडन ने यूक्रेन के लोगों के साथ दिखाई एकजुटता, रूस के विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र किया बंद

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में रूस की आक्रामकता का सामना करने और अमेरिकी मुद्रास्फीति को काबू करने का संकल्प किया।

रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बीच बाइडन के इस भाषण के मायने और बढ़ गए हैं। राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरुआत भी यूक्रेन संकट के मुद्दे से ही की। उन्होंने सदन के कक्ष में उपस्थित सांसदों से कहा कि वे खड़े होकर यूक्रेन के लोगों के जज्बे को सलाम करें। इसके बाद सभी सांसद खड़े हो गए।

बाइडन ने कहा, ‘‘ अपने पूरे इतिहास में हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती, तो वे और अधिक अराजकता फैलाने लगते हैं।’’       

इस दौरान, बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिका अपने हवाई क्षेत्र को रूसी विमानों के लिए बंद कर रहा है और कहा कि अन्य दंडात्मक कदमों के साथ उठाया गया यह कदम रूस को कमजोर करेगा।

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद यह पहला मौका था, जब संसद के सभी सदस्यों को सदन में आमंत्रित किया गया।  

भाषण से पहले सांसद वाल डेमिंग्स ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि इस देश में सभी लोगों को यह पता है कि दुनिया में जो कुछ भी होता है उसका सीधा असर यहां होता है।’’

यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवारों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी : केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने सोमवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों तथा अन्य लोगों के परिवारों की मदद के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, यूक्रेन में फंसे छात्रों तथा अन्य लोगों के परिवार हेल्पलाइन नंबर 9173572-00001 और 9198154-25173 पर फोन कर सकते हैं।

होशियारपुर से सांसद प्रकाश ने चिंतित परिजनों को यूक्रेन में फंसे छात्रों या किसी और के बारे में एक फॉर्म में आवश्यक सूचना देने का अनुरोध किया है। इसमें उनके मोबाइल नंबर, पासपोर्ट नंबर और यूक्रेन में उस इलाके की जानकारी होनी चाहिए जहां वे रहते थे तथा साथ ही यूक्रेन के नजदीकी सीमावर्ती इलाकों की सूचना होनी चाहिए।

यूक्रेन संकट : भारत ने मानवीय सहायता की पहली खेप भेजी

नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) भारत ने मानवीय सहायता के तौर पर यूक्रेन को पोलैंड के रास्ते दवाओं और अन्य राहत सामग्री की पहली खेप मंगलवार को भेजी।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को बताया कि बुधवार को एक अन्य विमान से पूर्वी यूरोपीय देश को सहायता की दूसरी खेप भेजी जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘पोलैंड के जरिए यूक्रेन को मानवीय सहायता की पहली खेप लेकर एक विमान सुबह रवाना हुआ।’’

रूस ने परमाणु पनडुब्बियों और मिसाइलों के साथ अभ्यास शुरू किया

रूसी परमाणु पनडुब्बियों ने मंगलवार को बेरेंट सागर में उतरकर अभ्यास की शुरुआत की। इस अभ्यास के दौरान बर्फ से ढंके साइबेरियाई क्षेत्र में मोबाइल मिसाइल लॉन्चर की भी चहलकदमी दिखी।

यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों से तनाव बढ़ने को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने देश के परमाणु बलों को हाई-अलर्ट पर रहने के आदेश देने के बाद ये अभ्यास किए जा रहे हैं।

रूस के उत्तरी बेड़े ने एक बयान में कहा कि उसकी कई परमाणु पनडुब्बियां अभ्यास में शामिल रहीं, जिसका मकसद इन्हें विपरीत परिस्थितियों में सैन्य साजोसामान को लाने-जाने के लिए प्रशिक्षित करना है।   

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रणनीतिक मिसाइल बलों की इकाई ने पूर्वी साइबेरिया के इरकुत्स्क प्रांत के जंगलों में अंतरमहाद्वीपीय विध्वंसक मिसाइल लांचर तैनात किए हैं।

हालांकि रूसी सेना की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई कि ये अभ्यास रविवार को पुतिन द्वारा यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर परमाणु बलों को अलर्ट पर रखने से संबंधित हैं या नहीं।

यूक्रेन संकट पर आगामी संरा प्रस्ताव पर भारत की स्थिति हमारे हितों पर आधारित होगी: श्रृंगला

यूक्रेन संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र में कई प्रस्तावों के आने के बीच विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि भारत सभी प्रस्तावों पर उनकी ''संपूर्णता'' और राष्ट्रीय हितों के आधार पर विचार करेगा। 

यूक्रेन संकट पर कम से कम दो प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने लाए जाने हैं जबकि अन्य प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाया जाना है।             

श्रृंगला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, '' हम संयुक्त राष्ट्र में ऐसा रुख अपनाते हैं जो बेहद सावधानीपूर्वक विचारों पर आधारित होता है। हम उन पर (प्रस्ताव) पूरी तरह से विचार करेंगे और अपने सर्वोत्तम हित में निर्णय लेंगे।''   

विदेश सचिव इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या यूक्रेन के पूर्वी शहर खारकीव में मंगलवार को गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की मौत के बाद यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति में कुछ बदलाव आएगा?            

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने की मांग की गई थी।

यूक्रेन कवरेज को लेकर रूसी रेडियो स्टेशन का प्रसारण बंद

रूस की सरकार के आलोचक रहे देश के एक रेडियो स्टेशन से मंगलवार को प्रसारण बंद हो गया। उसके मुख्य संपादक ने यह जानकारी दी है।

प्राधिकारियों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कवरेज को लेकर उसे बंद करने की चेतावनी दी थी।

रूस के सबसे पुराने रेडियो स्टेशन में से एक इको मॉस्की के खिलाफ यह कदम तब उठाया गया है जब रूस के स्वतंत्र मीडिया पर यूक्रेन पर हमले की खबरें जारी करने में क्रेमलिन के आधिकारिक रुख के अनुसार चलने का दबाव बढ़ रहा है।

अधिकारियों ने रूस के शीर्ष स्वतंत्र टीवी चैनल ब्लॉक डॉज को भी चेतावनी दी। महा अभियोजक के कार्यालय ने दोनों मीडिया संस्थानों पर चरमपंथी गतिविधियों को भड़काने वाली सामग्री प्रसारित करने के साथ ही ‘‘यूक्रेन में विशेष अभियान के तौर पर रूसी सैन्य कर्मियों के कार्यों के संबंध में झूठी सूचना’’ देने का आरोप लगाया।

पश्चिम को सोवियत संघ का हिस्सा रहे राष्ट्रों में सैन्य केंद्र स्थापित नहीं करने चाहिए: रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी देशों को सोवियत संघ से टूट कर अस्तित्व में आए राष्ट्रों के क्षेत्र में सैन्य केंद्र स्थापित नहीं करने चाहिए जो नाटो के सदस्य नहीं हैं।   

इससे कुछ दिन पहले रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया है।

जिनेवा में हो रहे निरस्त्रीकरण सम्मेलन को वीडियो के माध्यम से संबोधित करते हुए रूस के शीर्ष राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि मॉस्को का मानना है कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्यों से कानूनी तौर पर बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी हासिल करना अहम है।

लावरोव ने कहा, “ हमारे पश्चिमी सहयोगियों ने अब तक रूस को दीर्घकालिक कानूनी रूप से बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी देने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है। हमारे लिए इन उद्देश्यों को प्राप्त करने का मौलिक महत्व है।”

सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के मुताबिक, लावरोव ने कहा, “पश्चिमी देशों को सोवियत संघ का हिस्सा रहे राष्ट्रों के क्षेत्र में सैन्य केंद्र स्थापित करने से बचना चाहिए जो गठबंधन के सदस्य नहीं हैं, जिनमें किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि करने के लिए उनकी अवसंरचना का इस्तेमाल भी शामिल है।”

रूस लंबे समय से यूक्रेन के यूरोपीय संघ और नाटो की ओर बढ़ने का विरोध करता रहा है।

अपने संबोधन में रूसी विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका (ऑकस) के बीच त्रिपक्षीय साझेदारी पर भी हमला किया।

उन्होंने कहा कि तीन देशों के बीच सैन्य गठबंधन परमाणु हथियार अप्रसार व्यवस्था को प्रभावित करता है, तनाव को भड़काता है और हथियारों की प्रतिस्पर्धा की ओर ले जाता है।

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