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पूर्व एवं मौजूदा 51 सांसदों के ख़िलाफ़ धन शोधन के मामले लंबित 

उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत एक रिपोर्ट में यह भी अवगत कराया गया है कि विभिन्न विधानसभा और विधान परिषद के कुल 71 सदस्यों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामले दर्ज हैं।
supreme court
फ़ोटो साभार: पीटीआई

उच्चतम न्यायालय को सूचित किया गया है कि पूर्व और मौजूदा 51 सांसद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों का सामना कर रहे हैं।

हालांकि, रिपोर्ट में इन आरोपी सांसदों का विवरण साझा नहीं किया गया है। उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत एक रिपोर्ट में यह भी अवगत कराया गया है कि विभिन्न विधानसभा और विधान परिषद के कुल 71 सदस्यों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामले दर्ज हैं।

सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटारे के संबंध में दायर एक याचिका में न्याय मित्र नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया ने इस संबंध में दाखिल अपनी रिपोर्ट में शीर्ष अदालत को यह सूचित किया है।

स्थिति रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पूर्व और मौजूदा सदस्यों सहित 121 सांसदों और विधायकों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले लंबित हैं।

उच्चतम न्यायालय, अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर उस याचिका पर समय-समय पर निर्देश देती रही है, जिसमें सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों की त्वरित सुनवाई और सीबीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा जांच में तेजी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।

न्याय मित्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उच्चतम न्यायालय के कई निर्देशों और नियमित निगरानी के बावजूद सांसदों और विधायकों के खिलाफ बड़ी संख्या में आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें से कई मामले पांच साल से अधिक समय से लंबित हैं।

उच्चतम न्यायालय ने पूर्व में सभी उच्च न्यायालयों को सांसदों और विधायकों के खिलाफ पांच साल से अधिक समय से लंबित आपराधिक मामलों और उनके त्वरित निपटान के लिए उठाए गए कदमों का विवरण प्रस्तुत करने को कहा था।

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