Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

दिल्ली दंगों के केस में वकील महमूद प्राचा पर पुलिस की छापेमारी की SCBA और BAI ने निंदा की

रिपोर्ट में एक पीड़ित का स्टेटमेंट शामिल किया गया है, जिसमें पीड़ित ने कहा है कि प्राचा ने उनसे कोर्ट में झूठी जानकारी देने के लिए कहा।
दिल्ली दंगों के केस में वकील महमूद प्राचा पर पुलिस की छापेमारी की SCBA और BAI ने निंदा की

"सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA)" और "बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI)" ने वकील महमूद प्राचा के घर पर हुई पुलिस छापेमारी की निंदा की है। यह छापेमारी दिल्ली दंगों के सिलसिले में हुई थी। प्राचा दिल्ली दंगों में आरोपी बनाए गए कुछ लोगों का केस लड़ रहे हैं।

सोमवार को जारी किए गए एक स्टेटमेंट में SCBA ने कहा- पुलिस द्वारा एक वकील के परिसर पर की गई छापेमारी बुरी मंशा वाली है, जबकि छापेमारी का सीधा संबंध बार के सदस्य से संबंधित नहीं था. एक वकील द्वारा अपने पेशे को निडर और निष्पक्ष ढंग से चलाने के उद्देश्य का इस कार्रवाई से उल्लंघन होता है।

SCBA ने कहा कि पुलिस की धमकियों से एक वकील को मजबूर करने वाली इस तरह की कार्रवाईयां, डराने वाली और नियत प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल होती हैं, जिनका कानूनी दुनिया में जिक्र नहीं है।

स्टेटमेंट के मुताबिक़, "वकील-मुवक्किल विशेषाधिकार के तहत सुरक्षित जानकारी को इस छापेमारी में जब्त किया गया है। जबकि यही पुलिस इन मुवक्किलों की जांच कर रही हैं। इस जब्ती से आरोपियों के अधिकारों पर पूर्वाग्रही ढंग से प्रभाव पड़ेगा। यह गैरकानूनी कार्रवाई है और एक वकील व उसके मुवक्किल को प्राप्त सभी सुरक्षा प्रावधानों का उल्लंघन करती है।"

SCBA ने मजिस्ट्रेट द्वारा इस तरह के सर्च वारंट को जारी करने पर भी सवाल उठाए। SCBA ने कहा कि एक वकील के परिसर में नियमित प्रक्रिया से खोजबीन की अनुमति देना, खासकर वकील के संचार-संवाद से सबंधित दस्तावेज़ों की जांच की अनुमति, कानून के शासन के लिए अनैतिक और विशेषाधिकार का उल्लंघन है, जिससे सीधे तौर पर न्याय प्रक्रिया प्रभावित होती है।

SCBA ने उत्तरप्रदेश के ऐटा जिले में एक वकील पर उनके घर में परिवार वालों के सामने हुए क्रूर हमले की भी निंदा की।

SCBA ने कहा, "पुलिस की तरफ से यह पहले से तय की गई कार्रवाई थी, जो कानून के पूरी तरह खिलाफ़ थी।"

SCBA ने प्रशासन से कानून के शासन का उल्लंघन करने और उसे धता बताकर, अत्याचार को अंजाम देने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।

अपने स्टेटमेंट में BAI ने प्रशासन और न्यायपालिका से सर्च वारंट जारी करने और उस पर अमल करने के दौरान, वकील-मुवक्किल विशेषाधिकार के बारे में सजग रहने की अपील की।

BAI ने कहा, "वकील के संवाद और संचार के बारे में इस तरह के वारंट को जारी किया जाना वकील-मुवक्किल विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन है। इससे मुवक्किलों में वकीलों को पूरी जानकारी देने के खिलाफ़ डर बैठ सकता है और इससे न्याय का शासन अवरुद्ध होगा।"

इससे पहले दिल्ली बार काउंसिल ने गृहमंत्री अमित शाह को ख़त लिखकर दोनों वकीलों के परिसर में हुई छापेमारी पर नाखुशी जाहिर की थी। काउंसिल ने कहा कि छापेमारी में वकील और मुवक्किल के बीच संचार-संवाद विशेषाधिकार का ख्याल नहीं रखा गया और ना ही इस छापेमारी को करने के पहले बार काउंसिल को विश्वास में लिया गया। 

इस बीच प्राचा के आवेदन पर एक दिल्ली कोर्ट ने उनके घर पर हुई पूरी पुलिस छापेमारी की वीडियो फुटेज को सुरक्षित करने का आदेश दिया है।

दिल्ली पुलिस ने प्राचा के खिलाफ़ एक FIR भी दर्ज की है। इस FIR में आरोप लगाया गया है कि प्राचा और उनके साथी वकीलों ने 24 से 25 दिसंबर के बीच 15 घंटों की छापेमारी के दौरान पुलिसवालों से गालीगलौज की और उन्हें धमकियां दीं।

छापेमारी की निंदा करते हुए वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने ट्वीट में लिखा, "वकील और दिल्ली दंगों में बचाव पक्ष के वकील महमूद प्राचा पर की गई छापेमारी कानूनी प्रतिनिधित्व के बुनियादी अधिकारी पर सीधा हमला है और सभी वकीलों को इसकी निंदा करनी चाहिए।"

एक दिल्ली कोर्ट के आदेश के बाद प्राचा की जांच चल रही है। इस आदेश में कोर्ट ने पुलिस से उन आरोपों की जांच करने के लिए कहा था, जिनमें कहा जा रहा है कि प्राचा ने दिल्ली-दंगों के कुछ पीड़ितों और गवाहों को गलत वक्तव्य देने के लिए "प्रशिक्षित" किया। रिपोर्ट मे एक पीड़ित के स्टेटमेंट को शामिल किया गया है, जिसमें उसने कहा है कि प्राचा ने उससे कोर्ट में गलत जानकारी देने को कहा था।

यह लेख मूलत: द लीफ़लेट में प्रकाशित किया गया था।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

SCBA and BAI Condemn Police Raids on Delhi Riots Case Advocate Mehmood Pracha

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest