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जनवरी में SKM का अखिल भारतीय किसान सम्मेलन, MSP समेत कई मुद्दों पर आंदोलन की तैयारी!

“राष्ट्रीय सम्मेलन में किसान संघर्ष को तेज़ करने और कॉरपोरेट सांप्रदायिक गठजोड़ के ख़िलाफ़ देश भर में किसानों और श्रमिकों की एकता को मज़बूत करने पर चर्चा की जाएगी।”
Rakesh Tikait
फाइल फ़ोटो। PTI

शुक्रवार, 22 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) और राष्ट्रीय समन्वय समिति की आम सभा की दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी सभी मांगों के लिए एक कार्य योजना की घोषणा के लिए जनवरी 2024 में पंजाब में अखिल भारतीय किसान सम्मेलन बुलाने का निर्णय लिया है। किसान संगठनों की प्रमुख मांगों में सभी फसलों की खरीद के लिए C2+50% की दर से एमएसपी की कानूनी गारंटी, ऋण माफी के ज़रिए किसानों को कर्ज मुक्ति, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करना व उनके ख़िलाफ़ मुकदमा चलाना, बिजली के निजीकरण को रोकना आदि शामिल हैं।

SKM ने अपने बयान में कहा, "राष्ट्रीय सम्मेलन में कॉरपोरेट राज के तहत गंभीर कृषि संकट को दूर करने के लिए वैकल्पिक विकास नीति, किसान संघर्ष को तेज़ करने और कॉरपोरेट सांप्रदायिक गठजोड़ के ख़िलाफ़ देश भर में किसानों और श्रमिकों की एकता को मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी।"

साक्षी मलिक के प्रति व्यक्त की गई एकजुटता

SKM ने मीटिंग के बाद अपने बयान में बताया कि बैठक में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के प्रति एकजुटता व्यक्त की गई। साक्षी ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के क़रीबी संजय सिंह के कुश्ती संघ अध्यक्ष बनने के विरोध में अपने संस्यास का ऐलान कर दिया। SKM ने कहा "साक्षी मलिक का यह साहसी फैसला उन सभी के मुंह पर एक तमाचा है जो महिला पहलवानों का यौन शोषण करने वाले अपराधियों को बचा रहे हैं।"

इसके अलावा बेरोज़गारी के सवाल पर SKM ने कहा, "बैठक में 13 दिसंबर 2023 को बेरोज़गारी, महंगाई और मोदी सरकार के अहंकार जैसे ज्वलंत मुद्दों के ख़िलाफ़ संसद के अंदर विरोध प्रदर्शन करने वाले युवाओं पर लगाए गए कठोर यूएपीए की धारा को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। एसकेएम लंबे समय से यूएपीए के काले कानून को रद्द करने के लिए आवाज़ उठाता रहा है।"

SKM ने सांसदों के निलंबन की निंदा करते हुए कहा, "बैठक में मोदी सरकार के बढ़ते अहंकार पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई और लोकतंत्र को नष्ट करने के उद्देश्य से संसद में विपक्षी सदस्यों के अभूतपूर्व निलंबन की निंदा की गई। देश के किसानों से इस तरह के अधिनायकवाद का पुरजोर विरोध करने का आह्वान किया गया और इसे लोकतांत्रिक प्रणाली में लोगों के संवैधानिक अधिकार के लिए एक चुनौती माना गया।"

इसके साथ ही SKM ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने वाली पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाने के फैसले को "निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रशासन की संवैधानिक भावना की हत्या" बताया।

SKM ने 26 से 28 नवंबर 2023 तक पूरे भारत में राजभवन के सामने तीन दिवसीय महापड़ाव को सफल बताया। किसान मोर्चा ने कहा कि "इस संघर्ष ने किसानों और श्रमिकों की मुख्य मांगों को जनता के ध्यान में लाया और यह आज़ादी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों/फेडरेशनों के संयुक्त मंच की पहली बड़ी संयुक्त कार्रवाई थी।"

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