NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
नज़रिया
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...
हम तो हर मेहमान का स्वागत करते हैं। आखिर 'अतिथि देवो भव', यही हमारी सभ्यता है। और अगर मेहमान विदेशी हो तो कहना ही क्या! विदेशी अतिथि तो हमें बहुत ही पसंद हैं। क्या पता, निवेश करने ही आया हो।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
09 Jan 2022
omicron

आखिर ओमीक्रॉन आ ही गया। वैसे नहीं भी आता तो हमारा क्या जाता था। हमारा काम उसके बिना ज्यादा अच्छी तरह चल रहा था। पर आया है और पहले से अधिक धूमधाम से आया है। वैसे तो उन शहरों में जहां सैक्टरों के नाम ग्रीक एल्फाबेट पर हैं, एल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा आदि हैं, वहां तो डेल्टा से ओमीक्रॉन पहुंचने में पंद्रह बीस मिनट या आधा घंटा ही लगता है पर इस वायरस ने डेल्टा से ओमीक्रॉन पहुंचने में छह-सात महीने लगा दिए। बहुत ही धीरे चलने वाला वायरस है।

कोरोना का यह वायरस चलता तो धीरे है पर जब मंजिल पर पहुंचता है तो बहुत ही तेजी से फैलता है। बताया जा रहा है कोरोना के वायरस का यह वेरिएंट पुराने डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले तीन से सात गुना अधिक तेजी से फैलता है। चलता तो धीरे-धीरे हैं पर फैलता तेजी से है, है न अजीब बात। जैसे झूठ के पांव नहीं होते हैं, वैसे ही कोरोना वायरस के भी पांव नहीं होते हैं। यह भी अफवाह की तरह से हवा के सहारे ही फैलता है। अलबत्ता जिसे यह फैलता है और जो इसको फैलाता है, उसके पांव अवश्य होते हैं। ठीक झूठ और अफवाह की तरह ही।

हम तो हर मेहमान का स्वागत करते हैं। आखिर 'अतिथि देवो भव', यही हमारी सभ्यता है। और अगर मेहमान विदेशी हो तो कहना ही क्या! विदेशी अतिथि तो हमें बहुत ही पसंद हैं। क्या पता, निवेश करने ही आया हो। उसके सामने तो हम जैसे बिछ ही जाते हैं, हाथ पांव बांधे खड़े रहते हैं, उसे हाथों हाथ लेते हैं। और अगर निवेश करने न भी आया हो तो भी डालर-पाउंड तो लाया ही होगा और खर्च भी करेगा ही। इसीलिए जब कोरोना का वायरस देश में पधारा तो हमने वैसा ही स्वागत किया। हम बोले, 'पधारो म्हारे देस'। तो हमने ढोल-नगाड़े बजा कर, बर्तन-भांडे बजा बजा कर उसका स्वागत किया। किसी किसी ने तो इतना जबरदस्त स्वागत किया कि बर्तन पीटते पीटते बर्तन तोड़ ही डाले। और फिर स्वागत में कहीं कोई कसर न रह गई हो, इसलिए बाद में दीया बाती भी कर ली गई, फूल भी बरसा दिए गए।

कोरोना वायरस तो बाहर से ही आया है, विदेश से ही आया है। विदेशी अतिथि को बुलाने तो हम उसके देश तक पहुंच जाते हैं। और यह कोरोना का वायरस तो अपने आप ही आया है। है भले ही चीनी, परन्तु हमारे देश में तो यूरोप से, अमरीका से ही आया है। और वहां से आने वाला हर एक हमें अपना उद्धार करने वाला ही लगता है। बाद में भले ही हमें लूट ले, पर शुरू में तो उसे हम अपना शुभचिंतक ही समझते हैं। तो कोरोना वायरस ने भी यही किया। पहली लहर में तो लगा जैसे 'अवसर' ही आ गया हो। 'आपदा में अवसर'। यह बात अलग है कि दूसरी लहर में तो उसने लूट पाट ही मचा दी। मरने के लिए अस्पताल तक नहीं बचे और न ही अंतिम क्रिया के लिए श्मशान घाट-कब्रिस्तान।

आपदा में अवसर से ध्यान आया, आपदा तो आम जनता के लिए ही आपदा होती है। बड़े लोगों के लिए तो आपदा अवसर ही होती है। अब नोटबंदी को ही लो, आम जनता तो लाइनों में ही लगी रही पर खास लोगों ने बिना लाइन में लगे ही अपने काले को सफेद कर लिया, ब्लैक को व्हाइट बना लिया। इसी तरह कोरोना काल में भी आम जनता तो मरती खपती रही, बे-नौकरी होती रही, पाई पाई को मोहताज होती रही पर अमीर और अमीर होते गए। जो कोरोना शुरू होने से पहले विश्व के पहले बीस में भी नहीं थे, कोरोना होने के बाद चौथे नंबर पर पहुंच गए। दूसरे एशिया में सबसे अमीर बन गए। अवसरवादियों के लिए तो आपदा भी अवसर ही होती है ना।

खैर यह कोरोना तो हाथ धो कर हमारे पीछे ही पड़ गया है। पर हमारे लिए, हमारे परिवार के लिए अवसर बचे रहें, इसके लिए जरूरी है कि हम कोरोना नाम की इस आपदा से बचे रहें। इस हाथ धो कर पीछे पड़े कोरोना वायरस से बचने का उपाय यही है कि हम भी हाथ धो कर इसके पीछे पड़े रहें। बार बार हाथ धोते रहें। और केवल हाथ धोने से ही काम नहीं चलेगा, आपस में दूरी भी बना कर रखें। भीड़ भाड़ वाली जगहों पर न जाएं। और हां! मास्क जरूर पहन कर रहें। भले ही हमारे नेता, नायक, आइडियल इन सब बातों को मानें न मानें, रैलियां करते रहें, पर हम सब इन बातों को जरूर ही मानें।

(इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
sarcasm
Political satire
draun sharma
Omicron
COVID-19

Related Stories

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या घटकर 1,31,807 हुई

देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या बढ़कर 1,35,510 हुई

देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,34,933 हुई

विशेष: कोविड के बाद अगली आपदा मानसिक सेहत हो सकती है, लेकिन क्या हम हैं तैयार?

भारत में 19,400 नए मामले, 49 मरीज़ों की मौत

देश में कोरोना वायरस संक्रमण से 70 लोगों की मौत

देश में कोरोना वायरस संक्रमण से 53 लोगों की मौत

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 17,135 नए मामले, 47 और लोगों की मौत

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,39,792 हुई

देश में कोविड-19 के 16,464 नए मामले, 24 और लोगों की मौत


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर मनाया भारत छोड़ो दिवस
    09 Aug 2022
    सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) और ऑल इंडिया ऐग्रिकल्चरल वर्कर्स यूनियन (एआईएडब्ल्यूयू) के आह्वान पर, श्रमिकों ने देश भर के जिला मुख्यालयों पर एकत्रित होकर धरना…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    नीतीश कुमार शाम 4 बजे कर सकते हैं राज्यपाल से मुलाकात, स्पीकर 24 घंटों में ही कोरोना से उबरे
    09 Aug 2022
    पार्टी सूत्रों ने बताया कि जदयू के सांसदों और विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग पर हो रही है।
  • पीपल्स रिपोर्टर
    बांग्लादेश में भी ईंधन की क़ीमतों में बेतहाशा वृद्धि, विरोध में प्रदर्शन शुरू
    09 Aug 2022
    सरकार वित्तीय दबाव में है और आईएमएफ से 450 मिलियन डॉलर का क़र्ज़ लेने की कोशिश कर रही है। इस ऋण की शर्तों में से एक ऊर्जा क्षेत्र में सब्सिडी की वापसी है। माना जा रहा है कि ईंधन की क़ीमतों में…
  • भाषा
    एफबीआई ने ट्रंप के मार-ए-लागो आवास पर छापा मारा, तिजोरी तोड़ी
    09 Aug 2022
    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि फ्लोरिडा के उनके घर में तलाशी चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे देश के लिए बुरा दौर है क्योंकि फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो के मेरे…
  • भाषा
    देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या घटकर 1,31,807 हुई
    09 Aug 2022
    पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 3,703 की कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.51 प्रतिशत है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें