मणिपुर में तलाशी अभियान के दौरान 35 हथियार बरामद, हथियारों के गोदामों का भी पता चला
जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान कम से कम 35 हथियार बरामद हुए हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए यह भी बताया कि अभियान के दौरान ही हथियारों के कुछ गोदामों का भी पता चला है।
At least 35 weapons, warlike stores recovered during joint combing operations by security forces in ethnic violence-affected Manipur: Official
— Press Trust of India (@PTI_News) June 9, 2023
उन्होंने बताया कि राजधानी इंफाल को असम और देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि मणिपुर में आवश्यक वस्तुओं की मुक्त एवं सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
अधिकारी के मुताबिक, बृहस्पतिवार को संयुक्त तलाशी अभियान के दूसरे दिन अलग-अलग तरह के 35 हथियार तथा गोलाबारूद बरामद किए गए, साथ ही हथियारों के कुछ गोदाम का पता भी चला।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में एक महीने से अधिक समय से जारी जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों की परेशानी कम करने के लिए सुरक्षा बल विश्वास बहाली उपाय करने के साथ ही जन केंद्रित दृष्टिकोण अपना रहे हैं।
अधिकारी के अनुसार, संयुक्त तलाशी अभियान के पहले दिन बुधवार को सुरक्षा बलों ने 29 हथियारों के अलावा मोर्टार, हथगोले, गोला-बारूद आदि बरामद किए थे। ज्यादातर हथियार स्वचालित हैं। इसके अलावा हथियार रखने के कुछ गोदामों का इस दिन भी पता चला था।
उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम) लागू नहीं है, वहां तलाशी अभियान के दौरान मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे।
अधिकारी के मुताबिक, तलाशी अभियान के दौरान पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं, जिसका मकसद हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी के साथ-साथ समुदायों के बीच तनाव कम करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थानीय आबादी को असुविधा न हो।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं।
इन झड़पों में कम से कम 100 लोग मारे जा चुके हैं और 310 अन्य घायल हुए हैं। वहीं, 37,450 लोग फिलहाल 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं।
मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है।
राज्य में शांति बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवान तैनात किए गए हैं।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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