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इज़रायल में उच्च सुरक्षा वाले जेल से छह फ़िलिस्तीनी क़ैदी फ़रार

शौचालय के नीचे एक सुरंग बनाकर उत्तरी इज़रायल की गिलबो जेल से बाहर निकलने में छह क़ैदी कामयाब रहे।
इज़रायल में उच्च सुरक्षा वाले जेल से छह फ़िलिस्तीनी क़ैदी फ़रार

उत्तरी इज़रायल में वहां की सबसे सुरक्षित जेल में रखे गए छह फिलिस्तीनी कैदी जेल की दीवारों के बाहर अपने साझा सेल के अंदर से एक सुरंग बनाकर भागने में सफल रहे। सोमवार 6 सितंबर को प्रकाशित कई रिपोर्टों में इसका उल्लेख किया गया है।

इन छह कैदियों की पहचान 46 वर्षीय जकारिये जुबैदी, मोनादेल याकूब नाफेत (26 वर्ष), याकूब कासिम (39 वर्ष), याकूब महमूद कादरी(49 वर्ष), अयहम नायेफ कामामजी(35 वर्ष) और महमूद अब्दुल्ला अरदा (46वर्ष) के रूप में हुई। स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार इन छह कैदियों में से 4 कैदी उम्रकैद की सजा काट रहे थे।

पुलिस, सेना, विशेष बलों से बने इजरायली सुरक्षा बलों ने खोजी कुत्तों और हवाई निगरानी के जरिए इजरायल और कब्जे वाले वेस्ट बैंक के साथ-साथ जॉर्डन के साथ सीमा पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

फिलिस्तीनी, आम लोग और राजनेताओं जैसे लोग सोशल मीडिया पर और प्रेस को दिए बयानों में इन कैदियों के भागने को लेकर खुशी मना रहे हैं। उन्होंने इसे "एक बहादुर और वीरतापूर्ण कार्य" बताया है और "इजरायल सेना को करारा जवाब" बताया है। कई लोग उनकी सुरक्षा के लिए दुआ भी कर रहे थे और उम्मीद कर रहे थे कि वे पकड़े नहीं जाएंगे।

जुबैदी नाम के एक कैदी जेनिन में स्थित फतह पार्टी के अल अक्सा मार्टियर्स ब्रिगेड के पूर्व कमांडर थे। अन्य पांच कैदी फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद प्रतिरोध समूह के सदस्य थे। इनमें से चार इस सदी की शुरुआत में फिलिस्तीनी इंतिफादा के दौरान इजरायली नागरिकों पर कथित हमलों के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे थे और 90 के दशक/2000 के दशक की शुरुआत से जेल में थे। अन्य दो कैदी जुबैदी और नाफेत को 2019 में गिरफ्तार किया गया और हिरासत में रखा गया और उन पर अभी भी मुकदमा नहीं चला है और सजा नहीं दिया गया है।

गाजा स्थित फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूह हमास के प्रवक्ता फवजी बरहम ने एक बयान में पलायन की सराहना करते हुए कहा, "यह हमारे वीर कैदियों की इच्छा और दृढ़ संकल्प की जीत है और ज़ियोनिस्ट सुरक्षा प्रणाली के लिए एक वास्तविक चुनौती है जो दुनिया में सबसे अच्छा होने का दावा करता है। ज़ियोनिस्ट दुश्मन कभी नहीं जीतेगा, चाहे उसके पास कितनी भी शक्ति क्यों न हो। कब्जा करने वाले से आजादी की लड़ाई जारी है।"

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