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प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठनों का रोष प्रदर्शन, जेएनयू, डीयू और जामिया करेंगे  बैठक में जल्द निर्णय

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर कोरोना वायरस के मामलों में कमी का हवाला देते हुए विज्ञान विषय के छात्रों के लिए प्रत्यक्ष कक्षाएं दोबारा शुरू करने की घोषणा की थी।
प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठनों का रोष प्रदर्शन, जेएनयू, डीयू और जामिया करेंगे  बैठक में जल्द निर्णय

नयी दिल्ली: देशभर के छात्र संगठन प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठन रोष प्रदर्शन कर रहे हैं।  इसी कड़ी वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया और बाकि कई अन्य संगठनों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय को पूर्ण रूप से खोले जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।  वही जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रत्यक्ष कक्षाओं को दोबारा शुरू करने पर चर्चा करने के लिए आंतरिक बैठकें करेंगे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को घोषणा की कि सभी कॉलेजों को एक सितंबर से दोबारा खोला जा सकता है, जिसके बाद इन विश्विद्यालयों ने बैठकें करने का फैसला किया है।

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर कोरोना वायरस के मामलों में कमी का हवाला देते हुए विज्ञान विषय के छात्रों के लिए प्रत्यक्ष कक्षाएं दोबारा शुरू करने की घोषणा की थी। हालांकि, विश्वविद्यालय के शिक्षकों के एक वर्ग ने इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी। बाद में डीयू ने अपना ये फैसला स्थगित कर दिया था।

डीयू के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने शुक्रवार को कहा, “हमारे यहां 31 अगस्त को कार्यकारी परिषद की बैठक होगी और उसके बाद हम योजना बनाएंगे और एक बैठक करेंगे। हम एक सितंबर से प्रत्यक्ष कक्षाएं बहाल नहीं कर पाएंगे। जब भी हम दोबारा कक्षाएं शुरू करेंगे, सबसे पहले हम विज्ञान के छात्रों के लिए इसकी शुरुआत करेंगे।'

जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि आधिकारिक आदेश प्राप्त होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन आतंरिक तौर पर इस पर चर्चा करेगा।

वहीं, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक अधिकारी ने कहा कि प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली से पहले संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों का इंतजार करेगा। साथ ही आतंरिक स्तर पर भी चर्चा की जाएगी।

एसएफआई रामजस के संयोजक अमन ने कहा, "शिक्षा के ऑनलाइन मोड ने हाशिए के समुदायों की महिलाओं और छात्रों की पहुँच से शिक्षा को दूर किया है। हम मांग करते हैं कि डिजिटल डिवाइड को समाप्त किया जाना चाहिए और शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली होनी चाहिए।  

एसएफआई ने अपने एक बयान में कहा कि वो विश्वविद्यालय के अधिकारियों से छात्रों की चिंताओं पर विचार करने और इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग करते हैं।

उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार है :

- डीयू कैंपस में 24*7 पुस्तकालय, छात्रावास और प्रयोगशालाओं की सुविधाएं खोली जाए  

- परिसर में छात्रों और कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाए

- इस माहमारी में कोई शुल्क नहीं लिया जाए

- डिजिटल डिवाइड को रोका जाए

- नई शिक्षा नीति 2020 को निरस्त करें

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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