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इज़रायल की ओर से बार-बार होने वाले हमले को रोकने के लिए यूएनएससी से सीरिया ने कहा

साल 2011 में सीरियाई युद्ध की शुरुआत के बाद से इज़रायल ने सीरिया के अंदर सैकड़ों हवाई हमले किए हैं। लेबनानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए गुरूवार को एक और हवाई हमले को लेकर सीरिया ने हमले को रोकने की मांग उठाई।
इज़रायल की ओर से बार-बार होने वाले हमले को रोकने के लिए यूएनएससी से सीरिया ने कहा

गुरुवार 8 अप्रैल की सुबह राजधानी दमिश्क के पास इज़रायल द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद सीरिया की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की। सीरिया ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भारी उल्लंघन करार दिया है।

सीरिया के विदेश और प्रवासी मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है कि इज़रायल ने "गुरुवार की सुबह सीरियाई अरब गणराज्य के क्षेत्र में नए हमले को अंजाम दिया"। इसने सीरिया अरब गणराज्य की संप्रभुता के प्रति सम्मान की पुष्टि करने वाले अंतर्राष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के सिद्धांत, संयुक्त राष्ट्र चार्टर का खुले तौर पर उल्लंघन कर "लेबनानी क्षेत्र के ऊपर से मिसाइल दागे, जिसने दमिश्क के आसपास के क्षेत्रों को निशाना बनाया।" सीरियन अरब न्यूज एजेंसी (एसएएनए) ने ये समाचार प्रकाशित की।

एसएएनए के अनुसार हालांकि सीरिया की वायु सेना ने इजरायल द्वारा दागी गई अधिकांश मिसाइलों को नष्ट कर दिया। इनमें से एक मिसाइल ने दमिश्क के बाहरी इलाके को निशाना बनाया। एसएएनए के अनुसार कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। इस हमले में कम से कम चार सैनिक घायल हो गए।

अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार इन मिसाइलों को इज़रायल के कब्जे वाले सीरियाई गोलन हाइट्स से लेबनान के क्षेत्रों के ऊपर से छोड़ा गया था।

साल 2011 में शुरु हुए सीरियाई युद्ध के समय से इजरायल ने सीरिया में हजारों हवाई हमले किए। इन हमलों में बड़ी संख्या में नागरिक और सशस्त्र बल के जवान मारे गए और घायल हुए। इन हमलों में से अधिकांश को इजरायल के अधिकारियों ने कभी स्वीकार नहीं किया है। हालांकि, कुछ मामलों में इसने उन हमलों को सीरिया में ईरान के कथित ठिकानों के खिलाफ राक्षात्मक कार्रवाई बताते हुए सही ठहराने की कोशिश की है।

सीरियाई सरकार के बयान में यह भी कहा गया है कि इस तरह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के घोर उल्लंघन से इजरायल को नजरअंदाज न किया जाए। सुरक्षा परिषद में इसने कहा कि उत्तरोत्तर अमेरिकी प्रशासन और कुछ अन्य देशों द्वारा दिए गए सहायता के बिना ऐसा उल्लंघन नहीं हो सकेगा। इसने परिषद के सदस्यों से अपील की कि वह सीरियाई और फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इसके आतंकी कृत्यों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराए।

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