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चीनी राष्ट्रपति से 'चेन्नई संपर्क' के जरिये कश्मीर समेत कई मुद्दों पर बातचीत

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पिछले दो दिनों में कई सत्रों में हुई आमने-सामने की करीब साढ़े पांच घंटे की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “चेन्नई संपर्क” के जरिए भारत और चीन के संबंधों में सहयोग का एक नया युग शुरू होने जा रहा है।
modi xi jinping
फोटो पीआईबी के ट्विटर हैंडिल से साभार

चेन्नई : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपना भारत दौरा पूरा कर शनिवार को ‘एयर चाइना’ के एक विमान से नेपाल रवाना हो गए।

शी प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए करीब 24 घंटे के भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान कश्मीर मुद्दे समेत कई अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति की बीच बातचीत हुई और द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने के संकेत दिए गए।

चीनी राष्ट्रपति के दौरे की शुरुआत तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित मामल्लापुरम में शुक्रवार को हुई।

इस दौरान मोदी के साथ शिखर वार्ता के बाद शिष्टमंडल स्तर की बैठकें भी हुई। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम और विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने चीनी राष्ट्रपति को गर्मजोशी से विदाई दी।

चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को घोषणा की थी कि इस दौरे के बाद शी नेपाल यात्रा पर जाएंगे।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पिछले दो दिनों में कई सत्रों में हुई आमने-सामने की करीब साढ़े पांच घंटे की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि “चेन्नई संपर्क” के जरिए भारत और चीन के संबंधों में सहयोग का आज से एक नया युग शुरू होने जा रहा है।

अनौपचारिक शिखर वार्ता के दूसरे एवं अंतिम दिन मामल्लापुरम के एक लक्जरी रिजॉर्ट में शी के साथ शिष्टमंडल स्तर पर हुई अपनी बातचीत में मोदी ने ध्यान दिलाया कि भारत और चीन पिछले 2,000 साल में ज्यादातर समय वैश्विक आर्थिक शक्तियां रहें हैं और धीरे-धीरे उस चरण की तरफ लौट रहे हैं।

मोदी ने पिछले साल चीनी शहर वुहान में शी के साथ अपनी पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता के परिणामों का जिक्र करते हुए कहा, “वुहान की भावना ने हमारे संबंधों को नयी गति एवं विश्वास प्रदान किया। ‘चेन्नई संपर्क’ के जरिए आज से सहयोग का नया युग शुरू होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता के बाद से दोनों देश के बीच रणनीतिक संचार बढ़ा है।

मोदी ने कहा,“हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय किया है। हमने तय किया है कि हम एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे।”

शिष्टमंडल स्तर की वार्ताओं से पहले, शी और मोदी के बीच फिशरमैन कोव रिजॉर्ट में आमने-सामने की करीब एक घंटे बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए संबंधों को नये सिरे से निखारने की मंशा का स्पष्ट संकेत दिया गया।

दोनों नेताओं को समुद्र तट के पास चहलकदमी करने के दौरान भी बातचीत करते देखा गया। इससे पहले मोदी और शी एक गोल्फ गाड़ी में सवार होकर साथ में रिजॉर्ट पहुंचे।

भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद दोनों देश के बीच तनाव बढ़ने के बीच शी शुक्रवार को यहां पहुंचे थे।

चिनफिंग की भारत यात्रा से पहले चीन ने मंगलवार को कश्मीर मसले पर अपना रुख बदल लिया था। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि इस मसले को द्विपक्षीय तरीके से हल किया जाना चाहिए। इससे पहले चीन ने कश्मीर मुद्दे पर में संयुक्त राष्ट्र और उसकी सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक हल निकाले जाने की बात कही थी। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दौरे के दौरान चीन ने कहा था कि कश्मीर के हालात पर उसकी नज़र है।

शुक्रवार को मोदी और शी ने रात्रिभोज के दौरान करीब ढाई घंटे बातचीत की थी। जिसमें कश्मीर पर भी बात हुई। इसके अलावा आतंकवाद तथा कट्टरवाद से मिलकर निपटने और द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने की प्रतिबद्धता जताई गई। अधिकारियों ने बताया कि इस तटीय शहर में समुद्र के किनारे भव्य मामल्लापुरम मंदिर परिसर में स्थित एक रंगबिरंगे खेमे में कल हुई बैठक तय समय से काफी लंबी चली। इस दौरान दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए जटिल मामलों समेत कई विषयों पर बातचीत की।

विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बाद कहा था, ‘‘दोनों नेताओं ने बिना किसी सहयोगी के एक साथ अच्छा वक्त गुजारा।”

उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटे और व्यापार में असंतुलन पर भी बातचीत की।

इससे पहले शुक्रवार की दोपहर तमिलनाडु की पारपंरिक वेशभूषा ‘वेष्टि’ (धोती), सफेद कमीज और अंगवस्त्रम पहने मोदी ने अच्छे मेजबान की भूमिका निभाते हुए शी को इस प्राचीन शहर की विश्व प्रसिद्ध धरोहरों ‘अर्जुन तपस्या स्मारक’, ‘नवनीत पिंड’ (कृष्णाज बटरबॉल), ‘पंच रथ’ और ‘मामल्लापुरम मंदिर’ के दर्शन कराए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर अनौपचारिक शिखर वार्ता की यह सहज प्रकृति आगे भी जारी रहेगी और यह उच्चतम स्तर पर संपर्कों को गहरा करेगी और भारत-चीन संबध के भविष्य के मार्ग को निर्देशित करेगी।’’

इस बीच भारत ने चीनी यात्रियों के लिए बहु प्रवेश केंद्र के साथ पांच साल का पर्यटक ई-वीजा देने की घोषणा की। यह घोषणा राष्ट्रपति शी के दौरे के दौरान की गई।

बीजिंग में भारतीय दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “ ऐसा अनुमान है कि चीनी नागरिकों के लिए ई-टूरिस्ट वीजा में दी गई यह एकतरफा ढील दोनों देश के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाएगा और चीनी पर्यटकों को पर्यटन के लिए भारत को चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”

चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने खबर दी कि शी और मोदी ने शुक्रवार को अपनी मुलाकात के दौरान संयुक्त विकास एवं समृद्धि हासिल करने के लिए दोनों देश के बीच आपसी संपर्क एवं परस्पर शिक्षा को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।

भारत-चीन में सांस्कृतिक एवं वैचारिक आदान-प्रदान की बहुत गुंजाइश है, इस बात पर ध्यान दिलाते हुए चीनी राष्ट्रपति ने दोनों देशों से आग्रह किया कि वे कूटनीतिक संबंधों की अगले साल होने वाली 70वीं वर्षगांठ को, व्यापक एवं गहरे सांस्कृतिक और आपसी संपर्क बढ़ाने के अवसर के तौर पर लें।

मोदी के साथ मामल्लापुरम में धरोहरों का दौरा करते हुए शी ने कहा कि प्राचीन ‘रेशम मार्ग’ में जहाजी माल के लिए समुद्री पारगमन केंद्र रहे तमिलनाडु का चीन के साथ संपर्क का लंबा इतिहास रहा है और प्राचीन वक्त से ही समुद्री व्यापार पर चीन के साथ उसके करीबी संबंध रहे हैं।

अपने भारत दौरे से दो दिन पहले शी ने बीजिंग में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ वार्ता की थी।

दोनों तरफ के अधिकारियों ने कहा कि मोदी-शी शिखर वार्ता का मकसद दोनों देशों के बीच के मतभेदों को परे रख आगे बढ़ने और विकास का नया मार्ग तलाशना रहा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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