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तमिलनाडु ऑटो चालकों ने डीएमके-सरकार से मीटर किराया संशोधित करने की मांग की

प्रदर्शनकारियों ने राज्य से मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 को रद्द करने की भी मांग की, जो ड्राइवरों पर भारी जुर्माना लगाता है।
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ऑटो चालकों ने चेन्नई में भूख हड़ताल की। तस्वीर साभार : CITU, तमिलनाडु

9 मई को हजारों ऑटोचालकों ने पूरे तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन किया। वे मीटरों में संसोधन की मांग कर रहे थे।

अप्रैल 2022 में, मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया कि वह ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए समय-समय पर ऑटो-रिक्शा के किराए में संशोधन करे, और स्वचालित रूप से काम करने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया। इस आदेश को एक साल बीत चुका है लेकिन द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सरकार ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है। बता दें कि मीटर किराया आखिरी बार 2013 में संशोधित किया गया था।

सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऑटो चालक एग्मोर, चेन्नई में पूरे दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए।

हड़ताल का नेतृत्व तमिलनाडु ऑटो वर्कर्स फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष एस बालासुब्रमण्यम ने किया। चेन्नई में विरोध स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा, "10 साल से मीटर किराया संशोधित नहीं किया गया है, जब उच्च न्यायालय ने मीटर दरों में बढ़ोतरी का आदेश दिया था, इसे भी एक साल बीत चुका है। लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस अंतराल के कारण, अधिक शुल्क लेने के लिए ऑटो चालकों की जनता के बीच बदनामी होती है।

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) से संबद्ध यूनियन ने मांग की कि पहले 1.5 किलोमीटर के लिए किराया 50 रुपये और उसके बाद के किलोमीटर के लिए 25 रुपये तय किया जाना चाहिए। डीएमके के यूनियन लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) सहित राज्य की सभी ऑटो यूनियनों ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है।

'मोटर व्हीकल एक्ट लागू न करें'

संघ की मांग में कहा गया है कि राज्य में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि यह चालकों पर भारी जुर्माना लगाता है।

बालासुब्रमण्यन ने कहा, "अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने संसद में केंद्र सरकार के मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम का समर्थन किया, जबकि DMK ने इसका विरोध किया। लेकिन अन्नाद्रमुक सरकार ने कानून लागू नहीं किया। दुर्भाग्य से, DMK शासन इसे लागू कर रहा है।”

उन्होंने पूछा, "तमिलनाडु में वो कानून क्यों लागू किया जाए, जो कई राज्यों में लागू नहीं है?"

ऑटो संघ ने राज्य से अधिनियम को छोड़ने और इसके विपरीत, ऑनलाइन जुर्माना रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करने की मांग की।

विरुधुनगर में प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय परिवहन अधिकारी से नकली जुर्माना लगाने से बचने की मांग की, जिसमें दावा किया गया था कि ऑटो सीमा पार चलाए गए थे। यात्री ऑटो को 30 किमी के दायरे में संचालित करने की अनुमति है।

विरुधुनगर में ऑटो चालकों ने किया विरोध प्रदर्शन छवि क्रेडिट: थेक्काथिर

अन्य मांगें

सीटू से संबद्ध ऑटो यूनियन ने पड़ोसी राज्यों की तरह एक त्रिपक्षीय समिति की मांग की। समिति पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में वृद्धि के अनुसार समय-समय पर टैरिफ को समायोजित करेगी।

यह कहते हुए कि ओला और उबर कंपनियां सरकार द्वारा तय किए गए किराए के विपरीत किराया वसूलती हैं, संघ ने मांग की कि इस तरह के संचालन राज्य सरकार द्वारा किए जाएं, जैसा कि केरल में प्रचलित है। उन्होंने रैपिडो जैसी अवैध बाइक टैक्सियों के नियमन की भी मांग की।

शिवगंगा पैलेस गेट के पास आयोजित विरोध प्रदर्शन में ऑटो चालकों ने शिवगंगा (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) आरटीओ में दलालों द्वारा ऑटो चालकों को परेशान करना बंद करने की मांग की।

शहर में गड्ढों वाली सड़कों की मरम्मत नहीं करने के लिए ऑटो कर्मचारी संघ ने पेराम्बलूर जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

तिरुवन्नामलाई में विरोध प्रदर्शन करते ऑटो चालक। फोटो साभार: थेक्काथिर।

DMK ने नए ऑटो के लिए 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता का वादा किया था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।

राज्य सचिव एस के महेंद्रन ने कहा, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने DMK के 90% चुनावी वादों को पूरा किया। हम उनसे 91% के हिस्से के रूप में ऑटो-श्रमिकों से अपना वादा पूरा करने का आग्रह करते हैं। सीटू के डीएमके की चुनावी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भूरी वर्दी वाले कार्यकर्ताओं की जायज मांगों को पूरा किया जाना चाहिए।"

अंग्रेजी में प्रकाशित मूल रिपोर्ट को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

Tamil Nadu Auto Drivers Demand DMK-Govt to Revise Metre Fare

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