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हारकर भी भारतीय महिला हॉकी टीम ने जीता देशवासियों का दिल

अप्रत्याशित प्रदर्शन करके सेमीफाइनल तक पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम कांस्य पदक के मुकाबले में ब्रिटेन से 3 के मुकाबले 4 गोल से हार गई।
हारकर भी भारतीय महिला हॉकी टीम ने जीता देशवासियों का दिल

नयी दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम भले ही कांस्य पदक जीतने से चूक गई हो लेकिन खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अपने जीवट और कौशल की बानगी पेश करने वाली इन खिलाड़ियों की पूरे देश ने पीठ थपथपाई है ।

अप्रत्याशित प्रदर्शन करके सेमीफाइनल तक पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम कांस्य पदक के मुकाबले में ब्रिटेन से 3-4 से हार गई।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया,‘‘ भारतीय महिला हॉकी टीम ने मैदान पर शानदार प्रदर्शन करके हर भारतीय का दिल जीत लिया है । हमें आप सभी पर गर्व है ।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया ,‘‘ हम महिला हॉकी में पदक से चूक गए लेकिन यह टीम नये भारत को प्रतिबिंबित करती है जिसमें हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके नयी ऊंचाइयों को छू रहे हैं । खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया । टीम के हर सदस्य में जबर्दस्त साहस, कौशल और दृढ़ता है । भारत को इस टीम पर गर्व है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ टोक्यो ओलंपिक में उनकी सफलता से कई युवा लड़कियों को हॉकी खेलने और उसमें अच्छा करने की प्रेरणा मिलेगी । इस टीम पर गर्व है ।’’

खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि उन्हें टीम पर गर्व है । उन्होंने लिखा ,‘‘ भारत की बेटियां . हमारी समर्पित खिलाड़ी । हमें आप पर गर्व है ।’’

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा ,‘‘ महिला हॉकी टीम को ब्रिटेन के खिलाफ जुझारू प्रदर्शन पर बधाई। अपना जुझारूपन बनाये रखिये और प्रेरित करते रहिये । भविष्य के लिये शुभकामना ।’’

ओडिशा सरकार दोनों हॉकी टीमों की प्रायोजक है ।

पूर्व खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि हॉकी का स्वर्णिम युग लौट आया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ दुखी होने की जरूरत नहीं है । आपने अंतिम चार में पहुंचकर शानदार प्रदर्शन किया। आपने भारत को गौरवान्वित किया है।’’

पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और पूर्व हॉकी खिलाड़ी वीरेन रासकिन्हा ने कहा कि ओलंपिक में महिला टीम का सफर इन खेलों की सर्वश्रेष्ठ गाथाओं में से है।

रासकिन्हा ने कहा ,‘‘ भारतीय महिला हॉकी टीम का प्रदर्शन टोक्यो ओलंपिक की सर्वश्रेष्ठ गाथाओं में से है । उन्होंने एक टीम के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया । इससे ज्यादा क्या चाहिये । हमें सुनहरी यादें देने के लिये धन्यवाद ।’’

मनप्रीत ने ट्वीट किया ,‘‘ यह हमारी महिला टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। किस्मत ने साथ नहीं दिया लेकिन वे आखिर तक लड़ी । उन्होंने देश का दिल जीता और हमें उन पर गर्व है ।’’

चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा ,‘‘ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये बधाई टीम इंडिया। आप भले ही मैच हार गए लेकिन आपने हमारे दिल जीत लिये । हमें आप पर गर्व है।’’

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, अनिल कुंबले और वी वी एस लक्ष्मण ने कहा कि भारतीय टीम का प्रदर्शन आने वाली पीढ़ी के लिये प्रेरणास्रोत बनेगा।

सहवाग ने लिखा ,‘‘ शानदार प्रयास । आपका सिर फख्र से ऊंचा होना चाहिये । आपने देश का हॉकी के लिये प्यार फिर जगाया है।’’

लक्ष्मण ने ट्वीट किया,‘‘ आपके लिये सम्मान ही उमड़ता है। आपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और हमें आप पर गर्व है।’’

रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने कहा,‘‘ भावुक हो गई हूं । इस टीम के हर सदस्य को अपने प्रदर्शन का जश्न मनाना चाहिये ।’’

‘चक दे इंडिया’ में महिला हॉकी टीम के कोच की भूमिका निभाने वाले बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान ने ट्वीट किया ,‘‘दिल टूट गया । लेकिन सिर गर्व से ऊंचा है। भारतीय महिला हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन । आपने भारत में सभी को प्रेरित किया जो अपने आप में जीत है ।’’

ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहना छोटी बात नहीं, लेकिन पदक चूकने का मलाल: रानी

टोक्यो: भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को ओलंपिक खेलों में अपनी टीम के प्रयास पर फख्र है लेकिन वह ऐतिहासिक पदक चूक कर चौथे स्थान पर रहने से आहत हैं।

रानी ने इस मैच के बाद कहा, ‘‘ हम बहुत निराश महसूस कर रहे हैं क्योंकि हम (पदक के) इतने करीब थे। हम 2-0 से पिछड़ रहे थे और फिर हमने बराबरी की और हम 3-2 से बढ़त हासिल करने में भी सफल रहे। मुझे नहीं पता कि क्या कहना है, लेकिन हाँ बहुत दुख हो रहा है क्योंकि हम कांस्य पदक नहीं जीत सके।’’

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि लगता है कि सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, इसलिए मुझे टीम पर गर्व है। ओलंपिक खेलों में खेलना और शीर्ष चार में जगह बनाना आसान नहीं है। हमने लंबा सफर तय किया। मुझे लगता है कि अब हम काफी करीब थे, लेकिन कभी-कभी करीब होना भी अच्छा नहीं होता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि अब भी टीम पर गर्व है। हमने पूरे टूर्नामेंट में इतनी मेहनत की और एक साथ एक टीम के रूप में खेले।’’

भारतीय टीम ने दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और मध्यांतर के समय 3-2 की बढ़त हासिल कर ली थी। ब्रिटेन की टीम ने हालांकि दूसरे हाफ में अपना सब कुछ झोंक दिया और दो गोल कर भारत के हाथों से जीत छीन ली।

रानी ने उम्मीद जतायी कि टोक्यो खेलों में उनका प्रदर्शन भारत में आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी देशवासियों का आभार प्रकट करना चाहती हूं क्योंकि उन्होंने हमारा बहुत समर्थन किया और उन्हें हम पर विश्वास था कि हम यहां कुछ हासिल कर सकते हैं। मुझे पता है कि भले ही हमने कांस्य पदक नहीं जीता, लेकिन वे हमारा समर्थन करेंगे क्योंकि हमने देश को प्रेरित किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें देश से यहीं चाहिए, हमें उनका समर्थन चाहिये।’’

ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर के दो गोल भी भारत को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं थे। उन्होंने कहा कि किस्मत शायद उनके साथ नहीं थी और इस हार को पचा पाना मुश्किल होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत कठिन हार थी लेकिन हमने बहुत प्रयास किया। हर एक खिलाड़ी ने अपना शत प्रतिशत दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इतिहास बनाया है। हम किसी को दोष नहीं दे सकते। यह एक टीम प्रयास था। हम आज भाग्यशाली नहीं थे।’’

महिला हॉकी खिलाड़ियों के परिवारों ने कहा, हम अगली बार जीतेंगे

नयी दिल्ली/ चंडीगढ़/ कोलकाता: भारतीय महिला हॉकी टीम को ओलंपिक कांस्य पदक प्ले ऑफ में मिली हार से परिवार निराश हैं लेकिन टीम के प्रदर्शन पर उन्हें फख्र है।

टीम की मध्यपंक्ति की खिलाड़ी नेहा गोयल की मां सावित्री देवी ने कहा, ‘‘ कोई बात नहीं है, वे अगली बार पदक जीतेंगे।’’

दूसरे खिलाड़ियों के परिवारों का भी यही मानना है।

रियो ओलंपिक (2016) में आखिरी स्थान पर रहने वाली भारतीय टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया और शुक्रवार को सेमीफाइनल में उन्हें गत चैम्पियन ब्रिटेन से करीबी मुकाबले में उन्हें 3-4 से हार का सामना करना पड़ा।

टीम में हरियाणा और पंजाब के 10 खिलाड़ी है और उनके परिवार के लोग मैच के शुरू होने से पहले टेलीविजन सेट के सामने बैठ गये थे।

सावित्री ने सोनीपत में कहा, ‘‘ कोई बात नहीं, हम फिर जीतेंगे। यह एक सुनहरा मौका था और हमें उन पर पूरा भरोसा था। यह तनावपूर्ण क्षणों से भरा था और वे सभी अच्छा खेले, हमें उन पर गर्व है।’’

निशा वारसी के पिता सोहराब अहमद ने भी ऐसी ही भावना व्यक्त की।

उन्होंने कहा, ‘‘ वहां प्रेशर कुकर जैसी दबाव की स्थिति थी। लेकिन हमारी बेटियों ने जी-जान ला दिया। उसने इससे पहले काफी मुश्किल समय का सामना किया है, चाहे वह वित्तीय समस्या हो या आलोचना का सामना करना, उसने चुनौती का सामना किया है।’’

गोलकीपर सविता पूनिया के पिता महेंद्र पूनिया ने कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैच का नतीजा भले ही उनके पक्ष में न हो, लेकिन उन्होंने वास्तव में अच्छा खेल दिखाया।’’

कप्तान रानी के पिता रामपाल ने कुरुक्षेत्र में शाहाबाद स्थित अपने घर से कहा कि भारतीय टीम अच्छा खेली लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में इस प्रदर्शन का खेल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और युवाओं को इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। हमारी बेटियां जोरदार वापसी करेंगी।’’

झारखंड में आदिवासी बहुल सिमडेगा में सलीमा टेटे के घर के बाहर भारी भीड़ जमा थी।  सिलवानुस डुंग डुंग और माइकल किंडो जैसे हॉकी के दिग्गज भी यही के रहने वाले हैं।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर उनके घर में एक नया स्मार्ट टीवी लगाया गया था ताकि उनके परिवार के सदस्य मैच देख सकें।

भारतीय टीम के हर गोल पर ग्रामीण स्थानीय बोली में ‘मार सलीमा मार, गोल मार’ के नारे लगाते रहे थे।

सलीमा के पिता सुलक्षण ने कहा, ‘‘ मेरी बेटी सहित टीम की सभी बेटियों ने पूरे देश का दिल जीता और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए और मजबूत होकर उभरी हैं।’’

राज्य के खूंटी जिले के हेसल गांव में डिफेंडर निक्की प्रधान के पिता सोमा प्रधान ने कहा, ‘‘जीत और हार खेल का हिस्सा हैं। वे सभी प्रशंसा के पात्र हैं।’’

उप-कप्तान दीप ग्रेस एक्का के घर में सुंदरगढ़ जिले के बामनीबहार में भी ग्रामीणों के लिए यह भावुक करने वाला मौका था।

उनके भाई और राष्ट्रीय स्तर के पूर्व गोलकीपर दिनेश एक्का ने कहा, ‘‘ हर कोई पदक जीतना चाहता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर भी उनकी यात्रा ऐतिहासिक रही है।’’

परिवार पर कथित जातिवादी तानों पर वंदना ने कहा, पुलिस जांच कर रही है, टिप्पणी नहीं करना चाहती

टोक्यो: भारतीय महिला हॉकी टीम की फारवर्ड वंदना कटारिया ने ओलंपिक सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के खिलाफ हार के बाद उनके परिवार के खिलाफ की गयी कथित जातिवादी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया करने से इन्कार करते हुए कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

सिडकुल पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय टीम की बुधवार को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के हाथों हार के बाद दो व्यक्ति हरिद्वार के रोशनाबाद क्षेत्र में स्थित वंदना के घर के आगे उपहास उड़ाने के लिये नाचने लगे और उन्होंने आतिशबाजी भी की।

अधिकारी ने बताया कि जब कटारिया के परिवार के कुछ लोग शोर सुनकर बाहर आये तो इन दोनों ने उनके लिये जातीय टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि टीम इसलिए हारी क्योंकि उसमें बहुत अधिक दलित खिलाड़ी थे।

कटारिया ने कांस्य पदक के मैच में टीम की ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 3-4 से हार के बाद कहा, ‘‘मैं इस मामले में टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं। मैंने इस बारे में सुना है। मैंने अपने परिवार से बात की और उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।’’

इन दोनों व्यक्तियों और वंदना के परिवार के बीच बहस के बाद इस हॉकी खिलाड़ी के भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी जिसके बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की पहचान विजयपाल के रूप में की गयी है। उस पर भारतीय दंड संहिता और एससी एसटी अधिनियम की धारा 504 (शांतिभंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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