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कोरोना हेल्प और हेल्पलाइन की हक़ीक़त : हर नंबर डायल करने पर मिलता है एक नया नंबर !

प्रख्यात कवि-लेखक नरेश सक्सेना के साथ जो घटा है उसने कोरोना से लड़ने के प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के सभी दावों और इंतज़ामों की पोल खोल दी है।
नरेश सक्सेना
कवि-लेखक नरेश सक्सेना। फोटो फेसबुक वॉल से साभार। 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाले देश के प्रख्यात कवि-लेखक नरेश सक्सेना के साथ जो घटा है उसने कोरोना से लड़ने के प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के सभी दावों और इंतज़ामों की पोल खोल दी है। नरेश जी की बहू बीमार हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें क्या मदद मिली। आप खुद पढ़ लीजिए। और फिर इसे पढ़कर अपनी और अपने शहर की स्थिति का आकलन कीजिए।  

हिन्दी साहित्य सम्मेलन सम्मान (1973)फ़िल्म-निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (1992) और पहल सम्मान (2000) समेत अनेक सम्मानों से सम्मानित कवि-लेखक नरेश सक्सेना ने अपने साथ हुई पूरी घटना इस तरह साझा की है-

 लखनऊ मेडिकल कालेज कल रात साढ़े दस बजे गये थे. मेरी बहू को दिन से ज़ुकामबुख़ारनाक बंदगले और हड्डियों में दर्दसांस फूल रही. दिल्ली शादी में गये थेजहां अमेरिकी रिश्तेदार आये थे. सब सुनने के बाद कहा, "घर जाकर आइसोलेशन में रहिये. दो हफ्ते बाद हाल बताइये." 112 नं पर फ़ोन किया तो कांस्टेबल आये. पूरा हाल सुना फिर शायदकिसी प्रशासनिक आफ़िस फ़ोन किया. उन्हें पूरा हाल बताया तो कहा कि उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत होगी. एक घंटे बाद बतायेंगे. एक घंटे बाद बताया, "अभी निर्णय नहीं हुआ कल सुबह पता चलेगा."इसी बीच गोमतीनगर के सिटी हैल्थ अस्पताल गयेसिर्फ 100 मीटर की दूरी के लियेएंबुलेंस ने एक हज़ार (आना जाना) लिए. डाक्टर की फ़ीस 500 सौ लेकर बताया "हम इलाज नहीं कर सकते."

पूछा कहां जायें तो कुछ नहीं बताया. एक नंबर लखनऊ कोरोना के नोडल अधिकारी का मिलालेकिन वह चालू नहीं था.
पता लगा है कि राममनोहर लोहिया अस्पताल में शायद सैंपल ले लेंगे लेकिन वहां जांच नहीं होती. बनारसइलाहाबाद आदि के नाम बताने के लिये धन्यवाद."

 इसी पोस्ट को पढ़कर लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन ने अपने प्रयास किए लेकिन हर नंबर पर डायल करने पर मिला एक नया नंबर।

नाइश हसन लिखती हैं- आज सुबह उठी तो FB पर खबर देखी Naresh Saxena जी की बहू में कुछ लक्षण कोरोना जैसे मिल रहे।
मैंने पहला फोन शेखर अस्पताल कियावहाँ टेस्ट नही हो रहा। जारी कोरोना हेल्प लाइन no 18001805145 जवाब यह no मौजूद नही। CMO कंट्रोल रूम 5222622080 जवाब आप के द्वारा डायल किया no अमान्य है, dr k p tripathi DSO लखनऊ 9415795809 कॉल डायवर्ट की गई है संदेश के बाद फोन कट गया। फिर मिलाया 1075 cm help line पूरी इन्क्वायरी के बाद no दिया 1123978046 कोरोना हेल्प के लिए, no अमान्य बता रहाएक no और दिया 1076, महिला पूरी पूछताछ करती है, हमारे बारे में मरीज के बारे में बताती हूँ पूरी डिटेलये भी की लखनऊ से हूँवो फिर मशीनी ज़ुबान में पूछती है आप का राज्य क्या हैबताती हूँफिर वो कहती है मरीज किस डेट को किसी विदेशी से मिली हमने कहा डेट नही मालूमवो कहती है बताना जरूरीहमने कहा न मालूम हो तो क्या मदद नहीं मिलेगी

इस दौरान ये भी लगा कि इन लड़कियों को कुछ मालूमात भी नही हैशायद शिक्षा भी नहीवो पूछती हैं किस कंट्री गई थीमैंने कहा दिल्ली में ही मिली अमेरिकन रिश्तेदार से। गई नहीं कहींवो थोड़ा आना कानी कर के 112 पुलिस का no मिलाने को कहती हैबताने पर कि पुलिस से मदद नहीं मिल पाई वो होल्ड करने को कहती है। मिनेट बाद वो डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर Dr मनोज का no 8423882903 देकर हमसे छुटकारा पाती हैऔर dr मनोज का no मिलाने पर कुछ देर बाद आवाज़ आती है आप जिसे संपर्क कर रहे है वह उत्तर नहीं दे रहा।
आज सुबह का ये हासिल रहा। sorry naresh जी कुछ न कर सकी। ये देश खाली घोषणाएं करता है अमल नहींअमल में वो बस थाली बजाता है।
बहुत निराश हूँ।

इसी तरह दुख और गुस्से से नरेश सक्सेना की वॉल पर विश्वास राजरत्नम कमेंट करते हैं-

यह रामराज वाले प्रदेश की राजधानी का हाल है, जहाँ ज्ञानपीठ व साहित्य एकेडमी विजेता कवि-साहित्यकार के साथ ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है तो बाकी जगहों के सामान्य लोगों की क्या स्थिति होगीबाकी आप थाली-घंटा बजाओ गो कोरोना गाओ। 

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