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बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उड़ रही है सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां

कोरोना वायरस संक्रमण काल में चुनाव प्रचार के दौरान दो मीटर की सामाजिक दूरी और मास्क को अनिवार्य बताया गया था लेकिन बीजेपी समेत दूसरे दलों की रैलियों में इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
बिहार

"धन्य है ये धरती चंपारण, निरहुआ सटल रहे तबो कोरोना नइखे सटल, कोरोना हमनी के ना होई। ऐसे ना होई की इंहा सीता जी के शक्तिभूमि ह, वाल्मीकि जी के तपो भूमि ह, बस जाना है वोट करना है कमल का बटन दबाना है।" बिहार के बेतिया रमना मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी के लौरिया से विधायक विनय बिहारी ने ये बात कही।

मज़े की बात यह है कि विधायक खुद सपरिवार कोरोना पॉजटिव हो चुके हैं। वो 14 दिन आइसोलेशन में रहे थे, इसके बाद भी भरी भीड़ में जनता को जागरूक करने के बजाय भ्रामक जानकारी दे रहे हैं।

विनय बिहारी ने ये बयान बीजेपी के राज्य अध्यक्ष के मौजूदगी में उनके गृह जिले पश्चिमी चम्पारण के बेतिया विधानसभा क्षेत्र में दिया। जहाँ दूसरे चरण में मतदान होना है। बेतिया विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री रेणु देवी ने बीजेपी के सिंबल से नामांकन भरा है। रेणु देवी ने नामांकन से पहले शहर भ्रमण करते हुए बेतिया के रमना मैदान में पहुंची थी, जहां चुनावी सभा का आयोजन किया था। चुनावी सभा में हैलीकाप्टर से बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह पहुंचे थे। इसके अलावा यहां कई बड़े बीजेपी के नेता भी पहुंचे थे।

जायसवाल ने कहा कि,"मैं आपलोगों का बेटा हूं, आपलोगों के आशीर्वाद से आज हैलीकॉप्टर से आपके बीच में आया हूं। आपलोग बेतिया से रेणु देवी को जिता दीजिये, नहीं तो मैं पटना में क्या जवाब दूंगा।" यह सीट बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल का गृह क्षेत्र है और यहां हमेशा बीजेपी का कब्जा रहा है। लेकिन पिछली बार यह सीट कांग्रेस ने जीत ली थी।

नड्डा की रैली में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

वैसे इन नेताओं का क्या ही कहें जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के रैली में भी कोरोना गाइडलाइन की खूब धज्जियाँ उड़ी। वैसे नड्डा की बिहार विधानसभा चुनाव की पहली चुनावी रैली रविवार को हुई थी जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ाईं गयी। स्थानीय रिपोर्ट के मुतबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के भाषण देते समय अधिकांश कुर्सियां खाली हो गई।

गौरतलब है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और कोरोना महामारी से बचने के लिए केंद्र ही राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश देता है। कोरोना से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले सात महीने से लगातार देश की जनता को संदेश दे रहे हैं, लेकिन उन्हीं की पार्टी के सरपंच यानि राष्ट्रीय अध्यक्ष ही उनकी बातों को पालन नहीं कर रहे है।

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विपक्ष भी नहीं कर रहा पालन

पूरे बिहार में हो रही चुनावी रैलियों और सभाओं में समर्थक कंधे से कंधा मिलाकर रैली में बैठे नजर आते हैं। देश में वर्चुअल रैली के बाद फिजिकल रैली की अनुमति दी गई थी। रैली आयोजकों को सख्त निर्देश दिया गया था कि सभी लोग मास्क लगाकर प्रवेश करेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, बहुत कम लोग मॉस्क लगाए हुए रहते है और सोशल डिस्टेंसिंग का तो ख्याल भी नहीं है।

लगता है जैसे कोरोना बिहार से ख़त्म हो गया है, हालंकि बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1,97000 पहुंच गई है। बिहार में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 732 नए मामले सामने आए। जबकि राज्य में अब तक 955 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

क्या है गाइडलाईन

कोरोना वायरस से संक्रमित ऐसे मरीज़ जो क्वॉरन्टीन में होंगे उन्हें मतदान के आखिरी घंटे में वोट देने की सुविधा के साथ ही प्रचार के दौरन भी कई दिशानिर्देश दिए थे,जो शायद भारतीय चुनाव व्यवस्था में मुमकिन नहीं है।

दिशानिर्देशों के मुताबिक इस दौरान मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स के इस्तेमाल के अलावा कई बातों का ध्यान रखना होगा। पूरे चुनाव प्रकिया में सभी लोगों को मास्क का इस्तेमाल करना होगा।

उम्मीदवार को डोर टू डोर कैंपेन में सिर्फ 5 लोगों के जाने की इजाज़त होगी। इसके अलावा नामांकन के दौरान उम्मीदवार को अपने साथ दो लोग और दो गाड़ियों को ही ले जाने की इजाज़त होगी। इसके अलावा पहली बार जमानत राशि ऑनलाइन भरने की सुविधा दी गई है।

पब्लिक मीटिंग और रोड शो की अनुमति गृह मंत्रालय और राज्यों के कोरोना पर दिशानिर्देशों के अनुसार मिलेगी. रोड शो में 5-5 गाड़ियों के बीच में आधे घंटे का गैप रखना ज़रूरी होगा।

कोरोना संक्रमितों के लिए भी व्यवस्था

कोरोना पॉज़िटिव या जो कवांरटीन में हैं, उन्हें मतदान के दिन सबसे आखिरी घंटे में वोट देने की सुविधा होगी और इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद होंगे, ताकि तमाम प्रोटोकॉल का पालन किया जा सके।

अगर किसी मतदाता का टेम्प्रेचर स्वास्थ्य मंत्रालय के तय तापमान से अधिक होता है, तो ऐसे मतदाता को सर्टीफिकेट दिया जाएगा और मतदान के आखिरी घंटे में मत देने के लिये बुलाया जाएगा। यही नहीं कोरोना पॉज़िटिव और संदिग्ध मतदाता को चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलट की सुविधा भी प्रदान की है।

चुनाव प्रक्रिया के दौरान सैनिटाइजर, ग्लव्स, फेस शील्ड, मास्क, थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल होना है। चुनाव से जुड़े सभी अधिकारियों और पोलकर्मियों को मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और ग्लव्स मिलेगा। मतदाता रजिस्टर पर हस्ताक्षर और ईवीएम का बटन दबाने से पहले सभी मतदाताओं को हैंड ग्लव्स दिया जाएगा।

पोस्टल बैलट का भी विस्तार

चुनाव में पोस्टल बैलट की सुविधा 4 कैटेगरी के लोगों को मिलेगी। पहला, दिव्यांग मतदाता, दूसरा, 80 साल से अधिक उम्र के मतदाता, तीसरा, आवश्यक सेवाओं से जुड़े मतदाता और चौथा, कोरोना पॉज़िटिव और कोरोना संदिग्थ को पोस्टल बैलट से वोट देने की सुविधा होगी। हाल में नियमो में बदलाव के जरिये चुनाव आयोग ने कोरोना के मरीजों को पोस्टल बैलट की सुविधा देने वालों में जोड़ा है।

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