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लीबिया में संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित शांति वार्ता का दूसरा दौर वर्चुअल रूप में शुरू हुआ

पिछले सप्ताह संपन्न हुए पहले दौर में प्रतिद्वंद्वी गुटों ने दिसंबर 2021 में चुनाव कराने पर सहमति व्यक्त की थी।
लीबिया में संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित शांति वार्ता का दूसरा दौर वर्चुअल रूप में शुरू हुआ

लीबिया में प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच शांति वार्ता का दूसरा दौर सोमवार 13 नवंबर से शुरू हुआ। लीबियन पॉलिटिकल डायलॉग फॉरम (एलपीडीएफ) नाम की इस वार्ता का औपचारिक रूप से उद्घाटन लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी दूत और इस मिशन के प्रमुख स्टीफाइन विलियम्स ने किया।

सोमवार को यूनाइटेड नेशन सपोर्ट मिशन इन लीबिया (यूएनएसएमएल) ने बयान में कहा, अगले वर्ष दिसंबर में होने वाले 'चुनावों से पूर्व के प्रीडेटरी पीरियड के लिए यूनिफाइड एक्सक्यूटिव अथॉरिटी के चयन मानदंडों' को अंतिम रुप देने के लिए वार्ता के दूसरा दौर में चर्चा होगी।

ट्यूनीशिया में 9 से 15 नवंबर के बीच पहले दौर की वार्ता हुई। ये वार्ता किसी निर्णय पर नहीं पहुंची क्योंकि यह देश में शांतिपूर्ण ट्रांजिशन के लिए अंतरिम अथॉरिटी तय करने में विफल रही। हालांकि, दोनों दलों ने 24 दिसंबर 2021 को राष्ट्रपति पद के लिए और संसद के लिए चुनाव कराने पर सहमति व्यक्त की और चुनावों की प्रक्रियाओं पर निर्णय लेने के लिए एक क़ानूनी समिति का गठन किया।

वे देश के तेल क्षेत्रों को प्रदान की गई संयुक्त सुरक्षा के साथ देश में तेल के उत्पादन को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए थे।

पहले दौर की वार्ता में भाग लेने वालों ने अंतरिम अथॉरिटी की शक्ति और जिम्मेदारियों के दायरे पर सहमति व्यक्त की और निर्णय लिया कि अध्यक्षीय परिषद तीन सदस्यों से बनी होगी जिनमें से प्रत्येक लीबिया के तीन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे और सभी निर्णय सर्व सम्मति से लिए जाएंगे।

लीबिया में तीन भौगोलिक और सांस्कृतिक क्षेत्र त्रिपोलिंजिया, साइरेनैका और फेज़ान हैं। एलपीडीएफ में 75 सदस्य हैं जो वर्तमान में युद्ध में शामिल लीबिया के सभी गुटों के प्रतिनिधियों से बना है।

तेल समृद्ध उत्तर-अफ्रीकी देश में युद्ध वर्ष 2011 नाटो के इस देश में आक्रमण के बाद से जारी है जिसने देश में लंबे समय तक पदस्थ राष्ट्रपति मुअम्मर गद्दाफी को हटा दिया था। यूएन द्वारा संघर्ष को हल करने और शांति लाने के प्रयास विफल हो गए थे और इसके द्वारा समर्थित सरकार राजधानी त्रिपोली में प्रतिबंधित है। एक बड़ा क्षेत्र खलीफा हफ्तार की सेनाओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है और दक्षिणी क्षेत्र कई छोटे कबीले द्वारा नियंत्रित होते हैं।

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