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जन्मदिन विशेष: अदम, सौ में सत्तर नहीं सौ में नब्बे आदमी फ़िलहाल नाशाद है...

जनता के शायर अदम गोंडवी का आज जन्मदिन है। वो ऐसे नायाब शायर थे जिन्होंने ‘धरती की सतह पर’ खड़े होकर ‘समय से मुठभेड़’ की। वो आज होते तो सौ में सत्तर नहीं बल्कि कहते- सौ में नब्बे आदमी फ़िलहाल जब नाशाद है/ दिल पे रखकर हाथ कहिए देश क्या आज़ाद है। न्यूज़क्लिक ने उनकी याद में ये विशेष वीडियो फीचर तैयार किया है।

जनता के शायर अदम गोंडवी का आज जन्मदिन है। 22 अक्टूबर, 1947 को उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में परसपुर के आटा गांव में उनका जन्म हुआ। मां-बाप ने नाम रखा रामनाथ सिंह...लेकिन उन्होंने अपने लिए नाम चुना अदम गोंडवी। वो हर ग़रीब-मेहनतकश का दु:ख-दर्द महसूस करते थे और इसी को उन्होंने अपनी ग़ज़लों में ढाला। वो ऐसे नायाब शायर थे जिन्होंने धरती की सतह पर खड़े होकर समय से मुठभेड़ की। न्यूज़क्लिक ने उनकी याद में 2018 में ये वीडियो फीचर तैयार किया। जिसे आज भी देखा-सुना जाना चाहिए।

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