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टोक्यो ओलंपिक: चार दशक बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने से एक कदम दूर भारतीय हॉकी टीम

ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई।
टोक्यो ओलंपिक: चार दशक बाद ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने से एक कदम दूर भारतीय हॉकी टीम

टोक्यो: आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय हॉकी टीम ब्रिटेन के खिलाफ रविवार को जब क्वार्टर फाइनल में उतरेगी तो उसका इरादा चार दशक बाद ओलंपिक पदक जीतने की दिशा में अगला कदम रखने के साथ उस गौरवशाली इतिहास को दोहराने का भी होगा ।

ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी।

बीजिंग में 2008 ओलंपिक में टीम पहली बार क्वालीफाई नहीं कर सकी और 2016 रियो ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रही । देश में हॉकी का ग्राफ लगातार नीचे चला गया ।

पिछले पांच साल में हालांकि भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार आया है जिससे वह विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची ।

दो साल पहले कोच बने आस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के आने के बाद से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास, आत्मबल और फिटनेस का स्तर बढ़ा है। पहले दबाव के आगे घुटने टेकने वाली टीम अब आखिरी मिनटों तक हार नहीं मानती ।

आस्ट्रेलिया के हाथों 1 . 7 से मिली हार के अलावा भारतीय टीम ने अभी तक शानदार हॉकी खेली है। पांच में से चार मैच जीतकर टीम पूल ए में दूसरे स्थान पर है। दूसरी ओर ब्रिटेन ने दो जीत दर्ज की और दो हार तथा एक ड्रॉ के बाद वह पूल बी में तीसरे स्थान पर है ।

भारत ने आस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद लगातार तीन मैच जीते हैं। रैंकिंग में भी देखें तो भारत तीसरे और ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है। मनदीप सिंह की अगुवाई में फॉरवर्ड पंक्ति को हालांकि मौकों को भुनाना होगा। भारत की ताकत मिडफील्ड है जिसमें कप्तान मनप्रीत सिंह और नीलाकांता शर्मा होंगे।

ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह , रूपिंदर पाल सिंह, अमित रोहिदास और वरूण कुमार से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। डिफेंस को अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा।

कोच रीड ने पिछले मैच के बाद कहा था,‘‘ हमने वह लय हासिल करने की कोशिश की है जो क्वार्टर फाइनल में चाहिये। कुछ अच्छे फील्ड गोल किये और मौके भी बनाये लेकिन सर्कल के भीतर बेहतर प्रदर्शन करना होगा ।’’

ओलंपिक में भारत और ब्रिटेन का सामना आठ बार हुआ है और दोनों टीमें चार चार बार जीती हैं।

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