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यूपी बजट 2020 : बेरोज़गार युवा नज़रअंदाज, मंदिरों पर मेहरबानी

बजट में धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दिया गया है। कांग्रेस बजट को आंकड़ों की बाजीगरी बताते हुए इसे प्रदेश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के जले पर नमक छिड़कने जैसा करार दिया है।
UP Budget
Image Courtesy: Hindustan Times

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में वर्ष 2020—21 के लिये मंगलवार को 5,12,860.72 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में बजट पेश करते हुए जानकारी दी कि बजट में 10,967.80 करोड़ रुपये की नयी योजनाओं का प्रावधान किया गया है।

बजट में धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दिया गया है। अयोध्या में उच्च स्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 85 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। वहीं अयोध्या हवाई अडडे के लिये 500 करोड़ रूपये का प्रस्तावित हैं।

वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए बजट में 180 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्ट्स के लिए 25 करोड़ रुपयेवाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 200 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया गया है।

खन्ना ने कहा कि मेरठगाजियाबादफिरोजाबादअयोध्यागोरखपुरमथुरा-वृंदावन और शाहजहांपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा।

बजट में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 358 करोड़ रुपयेआगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 286 करोड़ रुपये तथा गोरखपुर और अन्य शहरों की मेट्रो के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रस्तावित किए गए हैं।

बजट उत्तर प्रदेश के किसानों और युवाओं के साथ धोखाकांग्रेस

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मंगलवार को विधानसभा में पेश आम बजट को आंकड़ों की बाजीगरी बताते हुए इसे प्रदेश के किसानोंयुवाओंमहिलाओं और गरीबों के जले पर नमक छिड़कने जैसा करार दिया है।

लल्लू ने बजट पर प्रतिक्रिया में कहा कि 450 रूपये प्रति क्विंटल गन्ने का मूल्य देने की घोषणा करके सत्ता में आने वाली भाजपा तीन वर्षों में मात्र गन्ने के मूल्य में 10 रूपये की ही वृद्धि कर पायी है।

उन्होंने कहा कि युवा बेरोजगारों की तादात पिछले दो वर्षों में 12.5 लाख बढ़ गयीलेकिन उनके लिये नये रोजगार देने के बजाए आज के बजट में सेवानिवृत्त शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में नौकरी देने की घोषणा बेरोजगार युवाओं के साथ विश्वासघात है। ‘‘वहीं कौशल विकास योजना भी छलावा साबित हुई।’’

लल्लू ने 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की घोषणा को भी झूठ का पुलिन्दा करार देते हुए इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा शुरू किये गये नवोदय विद्यालयों को खत्म करने की साजिश बताया।

उन्होंने कहा कि कृषि पर लागत कम करनेखादबीजपानीकृषि यन्त्रकीटनाशकबिजली वगैरह के दामों में कमी का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है जबकि पिछले तीन वर्षों में अनिवार्य कृषि उपयोग की इन चीजों के दामों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। इसके मुकाबले किसानों के उपज मूल्य में की गयी बढ़ोत्तरी नगण्य है।

लल्लू ने कहा कि शिक्षा मित्रआंगनबाड़ीरसोइयाआशा बहूरोजगार सेवकचौकीदारहोमगार्डअनुदेशक एवं मदरसा शिक्षकों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है जो अत्यन्त निराशाजनक है।

समाजवादी पार्टी ने उप्र के बजट को ‘पुरानी बोतल में नया पानी’ बताया

समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को पेश उत्तर प्रदेश सरकार के बजट को ‘पुरानी बोतल में नया पानी’ करार दिया और कहा कि इस बजट में प्रदेश के किसानोंछात्रोंयुवाओंमहिलाओं और आम आदमी के लिये कुछ भी नहीं है।

बजट के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता समाजवादी पार्टी के राम गोविंद चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बजट गरीब विरोधीकिसान विरोधीमजदूर विरोधीपिछड़ा वर्ग विरोधीअल्पसंख्यक विरोधीदलित विरोधीमहिला विरोधीनौजवान विरोधी है ।

उन्होंने कहा,‘‘ राज्य की वास्तविक स्थिति यह है कि प्यारदया के हंसते हुये माहौल को खराब कर दिया गया है । 5, 12, 860 . 72 करोड़ रुपए का इनका बजट हैपुरानी बोतल में नये पानी को रखा गया है । पिछले बजट का पैसा क्या हुआ यह इन्होंने कुछ बताया नहीं और इस बजट में केवल अनुमान है । इस बजट से समाज के किसी वर्ग को कोई फायदा नहीं होगा । किसी भी तबके का कोई हित नहीं है।’’  उन्होंने कहा कि यह बजट दिशाहीन है और जनता के खिलाफ है।

उप्र सरकार का बजट जनता की आकांक्षाओं के साथ छलावा मायावती

बसपा की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के बजट को जनता की अपेक्षाओं के साथ छलावा बताते हुये कहा है कि बजट में सरकार ने जो बड़े बड़े वादे और दावे किये हैं वे पूरी तरह से खोखले हैं।

राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये ट्वीट कर कहा, ‘‘उप्र सरकार का आज विधानसभा में पेश बजट जनता की आशाओं व आकांक्षाओं के साथ छलावा है। इस बजट से प्रदेश का विकास और यहां की 22 करोड़ जनता का हित एवं कल्याण संभव नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यही बुरा हाल इनके (योगी सरकारपिछले बजटों का भी रहा हैजो जनहित एवं जनकल्याण के मामले में भाजपा की कमजोर इच्छाशक्ति का परिणाम है।’’

मायावती ने एक अन्य ट्वीट में सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुये कहा, ‘‘उप्र सरकार के आज के बजट में जो भी बड़े-बड़े दावे और वादे किए गए हैंवे पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले व कागजी ही ज्यादा लगते हैं। केन्द्र की तरह उप्र की भाजपा सरकार ऐसे दावे एवं वादे क्यों करती है जो लोगों को आम तौर पर जमीनी हकीकत से दूर तथा विश्वास से परे लगते हैं?’’

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