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यूपी: बिजली कर्मचारी, इंजीनियर हड़ताल पर, मंत्री ने दी NSA की चेतावनी!

“3 दिसंबर 2022 को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हमारी मांगों को पूरा करने का वादा किया था जिसे लेकर हमारे बीच लिखित समझौता भी हुआ था। लेकिन, निगम प्रबंधन और मंत्री दोनों ही अपनी बात से मुकर रहे हैं।”
UP Workers

उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने गुरुवार रात तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की। इस हड़ताल के तहत प्रदर्शनकारियों ने वेतन नियमित करने, कैशलेस उपचार सुविधा का दायरा बढ़ाने, चेयरमेन चयन प्रक्रिया के कुछ मानदंडों को पूरा करने और संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग की।

हड़ताल के कारण बिजली बाधित हुई और इस दौरान बिजली विभाग के अधिकांश कर्मचारी मरम्मत और रखरखाव के साथ-साथ जन शिकायतों के निवारण के लिए उपलब्ध नहीं थे। हड़ताल पर गए कर्मचारियों में इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, तकनीशियन, ऑपरेटिंग स्टाफ और लिपिकीय और संविदा कर्मचारी शामिल हैं।

प्रयागराज, संभल और महराजगंज समेत कई अलग-अलग शहरों से अब तक लगभग 50 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि महोबा के जिलाधिकारी ने यूपी राज्य विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर हड़ताल पर बैठे 10 संविदा और आउटसोर्स बिजली कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। जिला प्रशासन ने इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश भी दिए हैं।

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि पूर्वांचल डिस्कॉम में 75 फीडर बंद हैं। "कल हमारे विरोध शुरू होने के बाद से पूरे राज्य में भारी संकट की स्थिति पैदा हो गई है और आधे से ज़्यादा जिलों में बिजली नहीं है। 1,850 मेगावाट (MW) की क्षमता वाले थर्मल प्लांट बंद पड़े हैं, जबकि 1,030 मेगावाट क्षमता वाले थर्मल प्लांट हड़ताल के बाद बंद कर दिए गए हैं। यह स्थिति केवल उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अध्यक्ष देवराज की हठधर्मिता के कारण आई है, जो राज्य के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा दिए गए समझौते को लागू करने के लिए भी तैयार नहीं है।"

दुबे के मुताबिक़, कई बिजली कर्मचारियों को कथित रूप से 17 घंटों तक काम करने के लिए मजबूर किया गया था और उनमें से दर्जनों को हड़ताल में शामिल होने से रोकने के लिए घंटों तक एक प्रकार से बंदी बनाकर रखा गया था। दुबे ने आरोप लगाया, "पुलिस ने फतेहपुर में दो कर्मचारियों को उनके घर में घुसकर गिरफ्तार किया है, जबकि एक को महाराजगंज में गिरफ्तार किया गया है।"

राज्य में बिजली कर्मचारी 23 साल बाद हड़ताल पर हैं।

इस बीच मंत्री शर्मा ने हड़ताल के दौरान किसी भी डिस्कॉम संपत्ति को क्षतिग्रस्त पाए जाने पर उनपर नेशनल सेक्योरिटी एक्ट (NSA) लागू करने की चेतावनी दी।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया में उन्होंने कहा, "राज्य भर में आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (ESMA) लागू किया गया है। यदि हड़ताल में शामिल कर्मचारी, बिजली सेवाओं के संचालन में किसी भी तरह के व्यवधान का प्रयास करते हैं, तो उनपर ESMA के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और एक साल की जेल होगी। इसके अलावा, यदि प्रदर्शनकारियों द्वारा डिस्कॉम की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है या वे अन्य इंजीनियरों को अपनी ड्यूटी करने से रोकते हुए पाए जाते हैं, तो उनपर NSA लगाया जाएगा।"

मंत्री आगे कहते हैं कि राज्य सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले इंजीनियरों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि, “यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन, विद्युत मज़दूर पंचायत संघ, बिजली संविदा कर्मचारी महासंघ, यूपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी काउंसिल लीडर एम्प्लॉइज एसोसिएशन, प्रमोटेड पावर इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन, इलेक्ट्रिकल टेक्निकल एम्प्लॉइज यूनाइटेड एसोसिएशन समेत अन्य कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल से दूर रहने का आश्वासन दिया है।”

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए दुबे ने कहा, “हम अपराधी नहीं हैं और कुछ भी असंवैधानिक नहीं कर रहे हैं इसलिए हम एनएसए से नहीं डरते। यूपीपीसीएल के शीर्ष प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण हमें हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 3 दिसंबर 2022 को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मांगों को पूरा करने का वादा किया था जिसे लेकर हमारे बीच लिखित समझौता भी हुआ था। लेकिन, निगम प्रबंधन और मंत्री दोनों ही अपनी बात से मुकर रहे हैं। राज्य के बिजली मंत्री और अधिकारी आमने-सामने की चर्चा के बाद कुछ महीने पहले तय किए गए समझौते को लागू करने में नाकाम रहे हैं।”

बिजली कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने बिजली क्षेत्र की नौकरियों में लगे संविदा कर्मियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने और बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को वापस लेने की मांगों पर भी प्रकाश डाला है।

दुबे ने ज़ोर देकर कहा कि राज्य सरकार और कर्मचारियों ने पिछले साल 3 दिसंबर को कुछ बिंदुओं पर सहमति जताई थी, लेकिन उनमें से कई बदलावों को तीन महीने बाद भी लागू नहीं किया गया।

3 दिसंबर के समझौते की ओर इशारा करते हुए कन्वीनर ने कहा, “सरकार ने बिजली कंपनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक की चयन प्रक्रिया में बदलाव को लेकर सहमति जताई। आपसी सहमति से यह तय किया गया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से चेयरमेन और एमडी का चयन किया जाएगा लेकिन फैसले के तीन महीने बीत जाने के बाद भी अब ये पद तबादलों के आधार पर भरे जा रहे हैं। सरकार ने आला अधिकारियों के चयन के अलावा विद्युत क्षेत्र कर्मचारी संरक्षण अधिनियम को लागू करने, बिजली सब-स्टेशनों के संचालन और रखरखाव के लिए आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने, विभिन्न निगमों के लिए समान मानदेय और भत्तों में संशोधन और वेतन से विसंगतियां हटाने पर भी सहमति जताई थी।

कर्मचारियों को NCCOEEE का समर्थन

‘द नेशनल कोर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी & इंजीनियर्स (NCCOEEE)’, जो कि बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के एफिलिएटेड और इंडीपेंडेंट फेडरेशन का व्यापक आधार वाला राष्ट्रीय स्तर का समूह है, इसने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार द्वारा Anpara और Opra की दो नई 800 मेगावाट उत्पादन इकाइयों को बेचने के निजीकरण के कदम के खिलाफ एकजुट हड़ताल की कार्रवाई के लिए एकजुटता का विस्तार किया।

NCCOEEE के आह्वान के बाद, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और कई अन्य राज्यों सहित देश भर में, बिजली कर्मचारी और इंजीनियर यूपी के इन कर्मचारियों के समर्थन में सड़कों पर उतर आए।

यूनियन ने कहा, "अपने राज्य के बिजली कर्मचारियों के मुद्दों और मांगों को हल करने के बजाय, यूपी सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर अत्याचारपूर्ण दमनकारी क़दम उठाए हैं। लगातार डराना-धमकाना और ESMA के साथ-साथ NSA के तहत मामला दर्ज करने की धमकी देना यूपी सरकार के जघन्य हथियार हैं। NCCOEEE सरकार से आग्रह करती है कि हड़ताली बिजली कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह की मनमानी पर रोक लगाई जाए।"

यूनियन नेता ने आगे कहा कि मंत्री अरविंद कुमार शर्मा की मौजूदगी में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और यूपी पावर कॉरपोरेशन के बीच एक लिखित समझौते के बावजूद, और बिजली संपत्तियों का निजीकरण नहीं करने के आश्वासन के बावजूद, यूपीपीसीएल 'पीछे हट गया'।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

UP: Over 1 Lakh Employees, Engineers Go on Strike, Minister Threatens NSA, ESMA

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