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यूपी एमएलसी चुनाव: भाजपा-सपा की सीधी टक्कर

उत्तर प्रदेश में एमएलसी चुनाव भी बेहद दिलचस्प होने वाले हैं, क्योंकि ज्यादातर सीटों पर भाजपा-सपा के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है तो कहीं-कहीं बाहुबलियों के करीबी अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य (एमएलसी)- स्थानीय निकाय पद की चुनावी लड़ाई अपने अंतिम दौर में हैं, चुनाव प्रचार थम चुका है, इंतज़ार है बस मतदान का और मतगणना का। शनिवार, 9 अप्रैल को 58 ज़िलों में 739 मतदान केंद्रों पर 1,20,657 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 36 में से 27 सीटों पर ही मतदान होंगा क्योंकि 9 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध चुने जा चुके हैं। हालांकि ज्यादातर सीटों पर भाजपा और समाजवादी पार्टी का सीधा मुकाबला है जबकि कुछ सीटों निर्दलीय प्रत्याशी होने के कारण लड़ाई त्रिकोणीय भी है। बसपा और कांग्रेस चुनाव से दूर ही हैं। वहीं कुल 95 उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। जबकि इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला यानी मतगणना 12 अप्रैल को होगी।

आपको बतातें चलें कि विधानसभा परिषद चुनावों में आम आदमी वोट नहीं डालता। इस स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतें, ज़िला पंचायतें, क्षेत्र पंचायतें और छावनी बोर्ड के सदस्य मतदान करते हैं।

ये हैं BJP के 9 निर्विरोध निर्वाचित MLC

  • श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत, मिर्ज़ापुर-सोनभद्र
  • ओम प्रकाश सिंह, मथुरा-एटा-मैनपुरी
  • आशीष यादव, मथुरा-एटा-मैनपुरी
  • वागीश पाठक, बदायूं
  • अशोक अग्रवाल, हरदोई
  • अनूप गुप्ता, लखीमपुर खीरी
  • जितेंद्र सिंह सेंगर, बांदा-हमीरपुर
  • ऋषिपाल सिंह, अलीगढ़
  • नरेंद्र भाटी, बुलंदशहर

विधानसभा चुनावों की तरह विधानपरिषद के चुनावों में भी पूर्वांचल के चुनाव रोचक होने वाले हैं क्योंकि कई सीटों पर भाजपा तो कुछ सपा के बागी अपनी-अपनी पार्टियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

प्रमुख प्रत्याशियों की बात करें तो वाराणसी सीट पर भाजपा के सुदामा पटेल और सपा के उमेश यादव चुनावी मैदान में हैं। जबकि माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णां सिंह उर्फ पूनम सिंह भी यहीं से चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में वाराणसी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय नज़र आ रहा है। इसके बावजूद काफी हद तक अन्नपूर्णां की जीत लगभग तय मानी जा रही है। इससे पहले साल 2016 में इस सीट से बृजेश सिंह ही चुनाव जीते थे। वहीं जौनपुर से बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी बृजेश सिंह प्रिंसू पर भाजपा ने भरोसा जताया है। प्रिंसू 2016 में बसपा से एमएलसी रह चुके हैं।

वहीं दूसरी ओर आज़मगढ़-मऊ सीट पर भाजपा के लिए अपनों ने ही मुसीबत कर रखी है। दरअसल भाजपा ने यहां सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत यादव को मैदान में उतारा है। अरुणकांत फूलपुर-पवई सीट से भाजपा के विधायक भी रह चुके हैं। यहां भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। आपको बता दें कि भीतरघात की आशंका में भाजपा ने पिछले दिनों यशवंत को पार्टी से 6 महीने के लिए निष्कासित कर दिया था।

इसके अलावा प्रतापगढ़ सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है क्योंकि यहां से भाजपा के पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह, सपा से विजय बहादुर यादव और अक्षय प्रताप उर्फ गोपाल जी चुनाव लड़ रहे हैं। अक्षय प्रताप कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि गाज़ीपुर सीट से भाजपा के विशाल सिंह चंचल मैदान में हैं। यहां निर्दलीय प्रत्याशी मदन यादव, चंचल को सीधी टक्कर दे रहे हैं। आपको बता दें कि यहां निर्दलीय मदन यादव को सपा का सीधा समर्थन मिल रहा है क्योंकि पहले सपा की ओर से प्रत्याशी बनाए गए भोलानाथ शुक्ला ने अपना नाम वापस ले लिया था।

इन 27 सीटों के लिए होगा मतदान

वाराणसी-चंदौली-भदोही, आजमगढ़-मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, देवरिया, मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फर्रुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज।

विधान परिषद में कितनी है सपा के सदस्यों की संख्या

वर्तमान में समाजवादी पार्टी के सदस्यों संख्या विधान परिषद में 17 रह गई है, जबकि इस वक्त बीजेपी के विधान परिषद सदस्यों की संख्या 38 है। वहीं 9 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इसकी घोषणा चुनाव के बाद होगी ऐसे में बीजेपी की संख्या बढ़कर 47 हो गई है। जबकि विधान परिषद में कुछ समय पहले तक समाजवादी पार्टी के 56 एमएलसी थे। पर अब उनकी संख्या घटकर महज 17 ही रह गई है। वहीं अप्रैल में समाजवादी पार्टी के तीन और सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। जबकि मई में भी तीन अन्य सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में अगर इस एमएलसी चुनाव में सपा को एक भी सीट नहीं मिलती है तो मई में उसकी संख्या घटकर 11 हो जाएगी। जबकि जाहिर सी बात है कि बीजेपी के 6 सदस्य और विधान परिषद पहुंच जाएंगे, और पहली बार विधान परिषद में बहुमत से भी आगे निकल जाएगी।

आपको बतातें चलें कि विधानसभा परिषद चुनावों में आम आदमी वोट नहीं डालता। इस स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतें, ज़िला पंचायतें, क्षेत्र पंचायतें और छावनी बोर्ड के सदस्य मतदान करते हैं।

ख़ैर... इन सभी आंकड़ों के बाद भी पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान आया था कि एमएलसी चुनावों में भाजपा का सफाया करेंगे। देखना ये होगा कि सपा के प्रतायाशी भाजपा के मैदान में कितनी कड़ी चुनौती दे पाते हैं।

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