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उप्र : सरकार और नई नियमावली के विरोध में विधानसभा में काले कपड़े पहनकर आए सपा के सदस्य

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया ''यह सरकार नहीं चाहती कि हम जनता के सवालों को उनके सामने उठाएं। यह व्यवस्था किस लोकतंत्र में है कि जनता के सवाल न उठाए जाएं।"
Akhilesh yadav

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पहले दिन मंगलवार को राज्‍य के मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के ज्यादातर सदस्य काले कपड़े पहनकर आये। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सदन से बाहर पत्रकारों से कहा कि सदस्यों ने सरकार के विरोध में काले कपड़े पहने और इसके जरिये नई नियमावली का भी विरोध किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत मंगलवार को नये नियमों के तहत हुई। दिवंगत सदस्य आशुतोष टंडन (भारतीय जनता पार्टी) व अन्य पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन में नेता प्रतिपक्ष यादव सफेद कुर्ता पायजामा व काली सदरी पहने हुए थे, लेकिन अधिकतर सपा सदस्य ऊपर से नीचे तक काले कपड़ों में नजर आये।

सदन से बाहर अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा ''यह सरकार का और नई नियमावली का विरोध है क्योंकि ये (सरकार) लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। नियम तो इसलिए बने हैं ताकि लोकतंत्र मजबूत हो। हमें जनता ने चुनकर भेजा है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि जनता के सवालों को उठाएं।''

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया ''यह सरकार नहीं चाहती कि हम जनता के सवालों को उनके सामने उठाएं। यह व्यवस्था किस लोकतंत्र में है कि जनता के सवाल न उठाए जाएं। जनता के सवाल न उठें, विपक्ष मुखर होकर न बोले, इसीलिए (सरकार) नियम व पाबंदियां ला रही है। इससे लोकतंत्र कमजोर होगा।''

उन्होंने कहा कि जो परंपराएं रही हैं, जो लोकतंत्र की मर्यादा है, उसके तहत ही विपक्षी सदस्य अपने सवाल उठाएंगे।

सपा के वरिष्ठ सदस्य मनोज पारस ने कहा ''यह सदन मात्र तीन दिन चलेगा और सदस्‍यों की बात अनसुनी रह जाएगी। इसलिए हम विरोध स्वरूप काले कपड़े पहनकर आये हैं।'' हाल ही में उप चुनाव में मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार, पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को पराजित कर चुनाव जीतने वाले सपा के सुधाकर सिंह गुलाबी गमछा पहनकर आये थे। उन्होंने कहा ''काले कपड़े पहनने के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन यह गमछा विजय और राजपूती आन का प्रतीक है।''

यहां शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि 66 साल बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में विधानसभा सत्र नये नियमों के साथ संचालित होगा। बयान के अनुसार, नये नियमों के तहत अब सदस्यों को सदन में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सदन में झंडा और बैनर ले जाने पर भी प्रतिबंध होगा।

सत्र के एक दिसंबर तक चलने की संभावना है। मंगलवार को सत्र के पहले दिन सदन में सदस्य मोबाइल फोन लेकर नहीं गए और न ही किसी के हाथ में झंडे बैनर दिखे। भदोही से समाजवादी पार्टी के सदस्य जाहिद अपने कुर्ते पर सरकार विरोधी नारे लिखे पन्ने चिपकाकर आये थे। उन्होंने पत्रकारों से कहा ''विरोध का हमारा यह एक तरीका है।''

जाहिद साइकिल से विधानसभा आये थे। इसके पहले जब सदन में दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी, तभी तेजी से घंटी बजी। सीतापुर जिले के महोली विधानसभा क्षेत्र के भाजपा सदस्य शशांक त्रिवेदी ने खड़े होकर बताया कि उनके टैबलेट से आवाज आ रही है। सदन में सभी सदस्यों के टेबल पर टैबलट लगा है।

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव कार्यवाही स्थगित होने के बाद करीब 10 मिनट तक अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ पार्टी के सदस्यों से चर्चा करते नजर आए।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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