NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
आंदोलन
उत्पीड़न
कानून
कोविड-19
समाज
स्वास्थ्य
यूपी: उन्नाव सब्ज़ी विक्रेता के परिवार ने इकलौता कमाने वाला गंवाया; दो पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी
किशोर फैसल को लॉकडाउन के नियमों का ‘उल्लंघन’ करने के नाम पर पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया; जबकि कार्यकर्ता इसे “हिरासत में मौत” करार दे रहे हैं।
अब्दुल अलीम जाफ़री
26 May 2021
faisal

लखनऊ: उत्तरप्रदेश पुलिस ने सोमवार को कांस्टेबल विजय चौधरी को बिजनौर जिले के चांदपुर इलाके में उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि वह उन्नाव जिले के बांगरमऊ इलाके में एक किशोर सब्जी विक्रेता की मौत से जुड़ा एक प्रमुख आरोपी है।

बांगरमऊ इलाके के भाटपुरी मोहल्ले के मूल निवासी फैसल हुसैन को यूपी पुलिस द्वारा ‘सब्जी मंडी’ इलाके में उसकी दुकान से उठाए जाने के कुछ ही देर बाद मृत पाया गया था। कोविड लॉकडाउन कर्फ्यू नियमों का उल्लंघन करने के नाम पर लड़के को कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया था।

तीन लोगों – पुलिस कांस्टेबल विजय चौधरी, सीमावत और होमगार्ड जवान सत्य प्रकाश के खिलाफ 21 मई को पहले फैसल को उसके घर के बाहर भाटपुरी में कथित तौर पर पीटने और फिर पुलिस स्टेशन के भीतर पिटाई करने और हत्या के आरोप में केस दर्ज किया गया है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर मृतक के परिजनों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों द्वारा सड़कों पर उतरकर उन्नाव-बांगरमऊ-हरदोई मार्ग को जाम करने के बाद जाकर ये गिरफ्तारियां हुई हैं। अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर मुआवजे के तौर पर 2 लाख रूपये का चेक प्रदान करने और सरकार से 50 लाख रूपये के मुआवजे के लिए अनुरोध करने पर सहमति व्यक्त करने के बाद जाकर यह जाम खत्म किया जा सका और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

उन्नाव पुलिस अधीक्षक (एसपी) आनंद कुलकर्णी ने न्यूज़क्लिक  को इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि “विजय चौधरी की गिरफ्तारी के साथ, मामले के तीन में से अभी तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि तीसरा सीमावत अभी भी फरार है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्राइम ब्रांच और निगरानी टीम की मदद से चौधरी को उसके गृह जनपद बिजनौर से गिरफ्तार किया गया था। 

इस मामले के संबंध में सत्य प्रकाश की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, जो कि पहली गिरफ्तारी थी, रविवार को उन्नाव के एसपी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया: “प्राथमिक जांच से पता चला है कि विजय चौधरी और सत्य प्रकाश इस घटना में शामिल थे। सीमावत के खिलाफ हमें अभी तक कोई सबूत हाथ नहीं लग पाया है, लेकिन जांच के लिए उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।”

इस दिल दहला देने वाली घटना के दो दिन बाद रविवार को बांगरमऊ के थाना प्रभारी (एसएचओ) जितेन्द्र कुमार सिंह का स्थानांतरण पुलिस लाइन्स कर दिया गया था और हसनगंज एसएचओ मुकुल प्रकाश को बांगरमऊ का एसएचओ बना दिया गया था।

सिर में चोट लगने से हुई फैसल की मौत: पोस्टमार्टम रिपोर्ट 

शुरू-शुरू में तो उत्तर प्रदेश पुलिस ने फैसल की मौत के लिए दिल का दौरा पड़ने को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन शनिवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक जिसे न्यूज़क्लिक ने देखा था, उसमें मौत की वजह दाहिने कान के उपर सिर पर लगी चोट बताई गई थी। इसके अलावा उसकी पीठ पर चोट के 14 निशान थे। सिर के चोटों की प्रकृति बूटों की वजह से हुई होंगी, की ओर इशारा करती हैं। 

इस बीच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) उन्नाव, शशि शेखर ने स्थानीय पुलिस द्वारा मौत की वजह दिल का दौरा पड़ने की थ्योरी को ख़ारिज कर दिया और पुष्टि की कि फैसल को चोटें आई थीं, जैसा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र किया गया था।

यह आरोप लगाया जा रहा था कि पुलिस द्वारा सबसे पहले बांगरमऊ के भाटपुरी इलाके में स्थानीय सब्जी बाजार की सड़क पर रेहड़ी-पटरी विक्रेता पर हमला किया गया था, जहाँ वह कई अन्य लोगों की तरह सब्जियां बेच रहा था। पुलिस ने कथित तौर पर उसे पुलिस थाने के अंदर भी बेरहमी से पीटा, जहाँ वह बेहोशी की हालत में पहुँच गया था। जैसे ही उसकी हालत बिगडनी शुरू हुई तो उसे बांगरमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहाँ उसे मृत अवस्था में लाया गया घोषित कर दिया गया था।

लड़के के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिस थाने में थाना प्रभारी के समक्ष उसकी बेरहमी से पिटाई की गई थी और उन्होंने दावा किया कि उनकी क्रूरता का सुबूत सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग में मौजूद है।  

जिलाधिकारी (डीएम) रविन्द्र कुमार और एसपी आनंद कुलकर्णी ने भी रविवार को शोकाकुल परिवार से उनके बांगरमऊ आवास पर मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और किसी भी सरकारी योजना के तहत मकान आवंटित करने का भी वादा किया।

राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग (एनसीपीसीआर) की रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने सोमवार को उन्नाव जिला अधिकारियों को एक नोटिस भेजा है जिसमें फैसल की मौत पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को  तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।

एकमात्र कमाने वाले को खो दिया 

18 वर्षीय फैसल हुसैन की मौत से उसके परिवार वालों को गहरा सदमा पहुंचा है। उसकी 58 वर्षीया माँ नसीमा बेगम, 13 वर्षीय बहन खुशनुमा और पिता इस्लाम हुसैन को अब अपने भविष्य को लेकर कोई उम्मीद की किरण नहीं नजर आती, क्योंकि उन्होंने अपने एकमात्र कमाने वाले को खो दिया है।

रो-रोकर बेहाल पड़ी फैसल की माँ नसीमा का कहना था कि “मैं अब उसे कहाँ जाकर तलाश करूँ? उन्होंने मुझसे मेरा कलेजा छीन लिया। अब हमारी देखरेख कौन करेगा? वहीं हमारे घर को चला रहा था। अगर मुझे इस बात की खबर होती कि ऐसा कुछ होगा, तो मैं उसे हर्गिज न जाने देती।” वे आगे कहती हैं कि उनका बेटा 13 साल की उम्र से ही सब्जियां बेच रहा था क्योंकि उसके पिता बुढ़ापे की समस्याओं की वजह से कामकाज करने में असमर्थ थे। उसकी बेहाल माँ ने न्यूज़क्लिक को बताया “मेरा बेटा हमारी आँखों का तारा था और दिन भर में बामुश्किल से 300 रूपये रोजाना कमाने के बावजूद वह हमेशा हमारा ख्याल रखता था।” फैसल उनके लिए नए कपड़े लाया था जिसे दिखाते हुए उनका चेहरा आंसुओं से सरोबार हो रहा था।

फैसल के छोटे भाई मोहम्मद सुफियान हुसैन, नोमान हुसैन और बहन खुशनुमा बुत की तरह खामोश थे। 

पीड़ित के पिता, इस्लाम हुसैन जो अपने 60 के उत्तरार्ध में हैं, ने मुआवजे और न्याय की गुहार लगाते हुए कहा: “बड़ा फरमाबरदार बेटा था, हम दोनों की खिदमत करता था...छीन लिया पुलिस वालों ने हमसे।” इस्लाम का कहना था “हमें इंसाफ के पहियों के मुड़ने का इंतजार रहेगा, लेकिन वहीं दूसरी तरफ हमारे पास कोई उम्मीद नहीं बची है।”

“हिरासत में मौत” पर टिप्पणी करते हुए यूपी पुलिस के पूर्व महानिरीक्षक एस.आर. दारापुरी ने कहा कि रेहड़ी पटरी विक्रेता की मौत के पीछे की मुख्य वजह उत्तर प्रदेश पुलिस की बर्बरता है, जिसके बारे में उनका कहना था कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्ववाली सरकार के तहत यह मुसलमानों के खिलाफ और अधिक क्रूर और पूर्वाग्रह-ग्रस्त हो चुकी है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने न्यूज़क्लिक को बताया “इस बात पर कोई शक नहीं है कि हिरासत में सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हो रही हैं और इसकी वजह यह है कि पुलिस ‘ठोंक दो कल्चर’ ‘सबक सिखा दो’ और फर्जी मुठभेड़ वाली नीति पर काम कर रही है। उन्हें ऐसा करने के लिए वरद हस्त प्राप्त है और वे इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। इसे बेशर्मी कहा जाता है।” वे आगे कहते हैं कि ये घटनाएं इसलिए घटित हो रही हैं क्योंकि पुलिस बल के बीच में जवाबदेही या अभियोजन का स्तर काफी कम है।

उन्होंने आगे कहा “संविधान या कोई भी अन्य कानून पुलिस को यातना देने की इजाजत नहीं देता, लेकिन चूँकि हमारे समाज में यह सब स्वीकार्य है इसलिए अक्सर यह सब बिना सजा पाए चलता रहता है। पूर्व आईजी ने दावा किया “यूपी में पुलिस द्वारा अत्याचार की घटनाएँ अक्सर देखने को मिलती रहती हैं और भय मुक्त संस्कृति की वजह से वे अधिक से अधिक अत्याचार करने से परहेज नहीं करते हैं। फैसल के मामले में उसका सबसे बड़ा अपराध उसके वास्तविक अपराध (लॉकडाउन नियमों को तोड़ने) के बजाय उसका धर्म था। इसीलिए पुलिस का पूर्वाग्रह निकलकर सामने आ गया।”

यूपी पुलिस के पूर्व महानिदेशक विभूति नारायण राय ने कहा कि हमारे समाज में पहले से ही हिंसा बढ़ी हुई है और पुलिस भी समाज का अंग है और उन्हें समाज में स्वीकृति प्राप्त है। न्यूज़क्लिक से बातचीत में राय का कहना था “हर दिन पुलिसिया बर्बरता की खबरें देखने को मिलती हैं, वो चाहे छत्तीसगढ़ में हो या उत्तर प्रदेश में। यह सब डिजिटल मीडिया की वजह से संभव हो सका है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के कारण इसमें पारदर्शिता बनी रहती है। पूर्व में प्रिंट मीडिया के दौरान ये चीजें इस मात्रा में रिपोर्ट कर पाना संभव नहीं था। हम कभी भी लोकतंत्र नहीं रहे और 70 सालों के बाद भी नहीं बन सके हैं।” वे आगे कहते हैं कि पुलिस सुधार आज वक्त की पुकार है, लकिन दुर्भाग्यवश “यह नहीं होने वाला है क्योंकि हर “शासक” चाहता है कि पुलिस उनके आदेशों पर काम करती रहे।”

unnao
Lucknow
custodial death
Uttar Pradesh police
COVID-19

Related Stories

लखनऊ: नाम पूछकर डिलीवरी बॉय के मुंह पर थूका, "कहा तुम्हारा छुआ नहीं खा सकते’’!

यूपीटीईटी पेपर लीक मामले में दो और गिरफ़्तार

कुलदीप सेंगर के करीबी अरुण सिंह को टिकट देकर रद्द करना बीजेपी का दोहरा चरित्र है?

भाजपा शासित एमपी सरकार ने कोविड-19 के इलाज के लिए व्यापम आरोपियों के निजी अस्पतालों को अनुबंधित किया

न्यायालय ने पत्रकार कप्पन को बेहतर इलाज के लिए राज्य के बाहर भेजने का योगी सरकार को दिया निर्देश

महाराष्ट्र रेमडेसिवीर मामला : भाजपा पर उठे गंभीर सवाल?

उन्नाव: पोस्टमार्टम में ज़हर खाने से मौत की पुष्टि, छावनी में तब्दील हुआ बबुरहा गांव

ज़रा सोचिए… जब बाबरी मस्जिद गिरी ही नहीं तो किसे और कैसी सज़ा!

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला: बाहर जो 'श्रेय' लेते हैं अदालत में क्यों मुकर जाते हैं!

दिल्ली: सबसे बड़े कोविड सेंटर में दुष्कर्म का मामला, आख़िर सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई कैसे?


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर मनाया भारत छोड़ो दिवस
    09 Aug 2022
    सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू), अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) और ऑल इंडिया ऐग्रिकल्चरल वर्कर्स यूनियन (एआईएडब्ल्यूयू) के आह्वान पर, श्रमिकों ने देश भर के जिला मुख्यालयों पर एकत्रित होकर धरना…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    नीतीश कुमार शाम 4 बजे कर सकते हैं राज्यपाल से मुलाकात, स्पीकर 24 घंटों में ही कोरोना से उबरे
    09 Aug 2022
    पार्टी सूत्रों ने बताया कि जदयू के सांसदों और विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग पर हो रही है।
  • पीपल्स रिपोर्टर
    बांग्लादेश में भी ईंधन की क़ीमतों में बेतहाशा वृद्धि, विरोध में प्रदर्शन शुरू
    09 Aug 2022
    सरकार वित्तीय दबाव में है और आईएमएफ से 450 मिलियन डॉलर का क़र्ज़ लेने की कोशिश कर रही है। इस ऋण की शर्तों में से एक ऊर्जा क्षेत्र में सब्सिडी की वापसी है। माना जा रहा है कि ईंधन की क़ीमतों में…
  • भाषा
    एफबीआई ने ट्रंप के मार-ए-लागो आवास पर छापा मारा, तिजोरी तोड़ी
    09 Aug 2022
    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि फ्लोरिडा के उनके घर में तलाशी चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे देश के लिए बुरा दौर है क्योंकि फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो के मेरे…
  • भाषा
    देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीज़ों की संख्या घटकर 1,31,807 हुई
    09 Aug 2022
    पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 3,703 की कमी दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.51 प्रतिशत है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें