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डब्ल्यूएचओ ने कोविड महामारी का दर्जा घटाया, यह अब आपात स्थिति नहीं

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अद्यनोम घेब्रेयेसस ने जेनेवा में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की आपातकालीन समिति की अनुशंसा के बाद यह फैसला किया। समिति की 15वीं बैठक बृहस्पतिवार को हुई थी।
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संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 अब वैश्विक आपातकाल के योग्य नहीं है, जो विनाशकारी कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रतीकात्मक अंत को चिह्नित करता है।

इस महामारी की वजह से एक समय में दुनिया के विभिन्न देशों में ‘लॉकडाउन’ लगाया गया था, जिससे दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुईं और कम से कम 70 लाख लोगों की मौत हो गई।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अद्यनोम घेब्रेयेसस ने जेनेवा में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की आपातकालीन समिति की अनुशंसा के बाद यह फैसला किया। समिति की 15वीं बैठक बृहस्पतिवार को हुई थी।

उन्होंने कहा, “मैंने वह सलाह मान ली है। इसलिए बड़ी आशा के साथ मैं वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के तौर पर कोविड-19 के खत्म होने की घोषणा करता हूं।”

उन्होंने हालांकि आगाह किया कि कोविड-19 के अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं होने की घोषणा करने का यह मतलब नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में महामारी खत्म हो गई है।

घेब्रेयेसस ने कहा कि पिछले हफ्ते कोविड-19 के कारण हर तीन मिनट में एक व्यक्ति की जान गई और यह मौत के सिर्फ वो आंकड़े हैं जिनके बारे में हमें पता है।

अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमन (2005) (आईएचआर) आपातकालीन समिति के सदस्यों ने कोविड-19 मौतों में घटती प्रवृत्ति, कोविड-19 से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने और गहन देखभाल इकाई में भर्ती होने में गिरावट, और सार्स-सीओवी-2 के लिए जनसंख्या प्रतिरक्षा के उच्च स्तर पर प्रकाश डाला।

समिति का यह रुख पिछले कुछ महीनों में कायम रहा है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, “सार्स-सीओवी-2 के संभावित विकास से उपजी शेष अनिश्चितताओं को स्वीकार करते हुए, उन्होंने सलाह दी कि यह कोविड-19 महामारी के दीर्घकालिक प्रबंधन की तरफ बढ़ने का समय है।”

इसमें कहा गया है कि उसके महानिदेशक मौजूदा कोविड-19 महामारी के संबंध में समिति द्वारा दी गई सलाह से सहमत हैं।

उन्होंने निर्धारित किया कि कोविड-19 एक स्थापित और चल रही स्वास्थ्य समस्या है जो अब अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने जब पहली बार 30 जनवरी, 2020 को कोरोना वायरस को एक अंतरराष्ट्रीय आपदा घोषित किया। इसकी समिति ने हर तीन महीने में होने वाली बैठक में इस स्थिति को बरकरार रखा था।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि महामारी में कम से कम 70 लाख लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि सही आंकड़ा दो करोड़ मौत-आधिकारिक अनुमान से लगभग तीन गुना- के करीब “संभावित” है।

कोविड-19 पहली बार 2019 में चीन के वुहान शहर में उभरा था और महामारी के तौर पर दुनिया भर को अपनी चपेट में ले लिया।

तीन साल से अधिक समय के बाद, वायरस के कारण विश्व स्तर पर संक्रमण के अनुमानत: 76.4 करोड़ मामले सामने आए और लगभग पांच अरब लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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