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कोविड-19 टीके को जमा करने की प्रवृत्ति को लेकर डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों को चेतावनी दी

कुछ अमीर देशों ने पहले ही आवश्यकता से अधिक खुराक जमा कर ली है जबकि अधिकांश ग़रीब देशों को एक भी खुराक नहीं मिली है।
कोविड-19 टीके को जमा करने की प्रवृत्ति को लेकर डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों को चेतावनी दी

दुनिया के अमीर देशों द्वारा अधिक से अधिक COVID टीकों को खरीदने और स्टोर करने की मची होड़ को उजागर करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडनम गेब्रिसस ने सोमवार 22 फरवरी को कहा कि इसने गरीब देशों और दुनिया के सबसे कमजोर लोगों तक टीके देने की प्रक्रिया में COVAX कार्यक्रम को नजरअंदाज किया है।

टेड्रोस ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में समृद्ध देश सीधे इन टीकों के उत्पादकों के पास पहुंच जाते हैं और अपने लिए अधिक से अधिक टीके की खुराक सुरक्षित कर लेते हैं। इनमें से कुछ देशों ने टीके को इकट्ठा कर लिया है जो दो बार तक उनके यहां के लोगों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं। इसके कारण बड़ी संख्या में गरीब देशों को अब तक एक भी खुराक नहीं मिले हैं और COVAX कार्यक्रम को नजरअंदाज किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्त पोषित गवी और डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में COVAX कार्यक्रम को पिछले साल उन सभी देशों को वैक्सीन डिलीवरी की सुविधा देने के लिए शुरू किया गया था जिन देशों की भले ही खरीदने की क्षमता पर्याप्त न हो। हालांकि, अभी तक ये कार्यक्रम उच्च कीमतों और टीकों की कमी के कारण गरीब देशों को किसी तरह की मदद पहुंचाने में विफल रहा है।

हालांकि जी-7 देशों ने इस कार्यक्रम के लिए 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है लेकिन डब्ल्यूएचओ प्रमुख का कहना है कि ये पैसा पर्याप्त नहीं होगा क्योंकि टीके का कुल उत्पादन सीमित है और जो भी उत्पादन होता है उसे अमीर देशों द्वारा इकट्ठा कर लिया जाता है।

टेड्रोस बड़ी संख्या में उन वैश्विक राजनयिकों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अमीर देशों के बीच वैक्सीन राष्ट्रवाद को लेकर चिंता व्यक्त की है। पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोलते हुए महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने टीकों की जमाखोरी के लिए अमीर देशों की आलोचना की थी जिससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां केवल 10 देशों ने अब तक कुल टीकाकरणों का 75% हासिल कर लिया है जबकि 130 देशों को इसकी एक भी खुराक नहीं मिली है।

पिछले हफ्ते वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के नवनिर्वाचित प्रमुख नोजोजी ओकोनजो- ल्विला ने रायटर से बात करते हुए अमीर देशों के बीच "वैक्सीन राष्ट्रवाद" को लेकर चेतावनी दी थी और कहा था कि "कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं" और "यदि अन्य देशों में टीकाकरण नहीं होता है तो यह विश्व के लिए झटका होगा।”

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