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संसद में रहूं या बाहर, चाहे जेल में डाल दिया जाए, लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं और माफ़ी नहीं मांगेंगे क्योंकि उनका नाम ‘सावरकर नहीं गांधी है’ और गांधी माफ़ी नहीं मांगते।’
Rahul gandhi
फ़ोटो साभार: PTI

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के एक दिन बाद शनिवार को कहा कि वह संसद के सदस्य रहें या नहीं रहें, या फिर उन्हें जेल में ही क्यों न डाल दिया जाए, वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वह डरने वाले नहीं हैं और माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि उनका नाम ‘सावरकर नहीं गांधी है’ और गांधी माफी नहीं मांगते।’

कांग्रेस नेता ने साथ ही उनका समर्थन करने वाले विपक्षी दलों का धन्यवाद किया और कहा कि सब मिलकर काम करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी अडानी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है।

राहुल गांधी ने कहा, "असली सवाल यह है कि अडानी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है?"

उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह सदन में अडानी मामले पर अपना अगला भाषण देने वाले थे।

कांग्रेस नेता ने कहा, "अडानी जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किस ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा। मोदी जी और अडानी जी के रिश्ते के बारे में पूछा। मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।"

राहुल गांधी ने कहा, "मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जो देश के खिलाफ हो। मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका दिया जाए, लोकसभा अध्यक्ष मुस्कुरा कर कहते हैं कि मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, " सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। मोदी जी का अडानी के साथ क्या रिश्ता है, शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं, ये सवाल पूछता रहूंगा। इन लोगों से कोई डर नहीं लगता। ये सोचते हैं कि अयोग्य ठहराकर, डराकर, जेल में डालकर आवाज बंद करा सकते हैं, तो यह नहीं होगा, मेरे ऐसा इतिहास नहीं है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘ मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिये लड़ रहा हूं, आगे भी लड़ता रहूंगा। मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं। यह सच्चाई है।"

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ मैं हमेशा कहता हूं कि सभी एक हैं। यह ओबीसी का मामला नहीं है, यह अडानी जी और मोदी जी के रिश्तों का मामला है। भाजपा ध्यान भटकाने का प्रयास करती है।’’

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए थे जो अडानी पर होने वाला था। मैंने उनकी आखों में यह डर देखा है।’’

राहुल गांधी ने प्रमुख विपक्षी दलों से मिले समर्थन पर कहा, ‘‘मैं विपक्षी दलों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मेरा समर्थन किया। हम सब मिलकर काम करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सदस्यता मिले या नहीं मिले। मुझे स्थायी रूप से अयोग्य ठहरा दें, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि संसद के अदंर रहूं या नहीं रहूं।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था, ‘‘मैं सच्चाई को देखता हूं, सच्चाई बोलता हूं। यह बात मेरे खून में है...यह मेरी तपस्या है, उसको मैं करता जाऊंगा। चाहे मुझे अयोग्य ठहराएं, मारे-पीटें, जेल में डालें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे अपनी तपस्या करनी है।’’

राहुल गांधी ने कहा कि वह वायनाड के लोगों से चिट्ठी लिखकर अपने दिल की बात करेंगे।

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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