Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

कौन हैं भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़?

डीवाई चंद्रचूड़ के रूप में देश को नया मुख्य न्यायाधीश मिलने वाला है, नए मुख्य न्यायाधीश के नाम कई ऐतिहासिक फैसले दर्ज हैं।
Chandrachud
Image courtesy : Indian Law Watch

जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। मौजूदा वक्त में सीजेआई उदय उमेश ललित ने चंद्रचूड़ का नाम केंद्र सरकार को भेजा है।  भारत के प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर सीनियर जज डी वाई चंद्रचूड़  के नाम की केंद्र से मंगलवार को सिफारिश की थी। मुख्य न्यायाधीश  ने अपने खत की कॉपी न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को सौंपी है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 9 नवंबर को 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण कर सकते हैं।

वीआई चंद्रचूड़ के बेटे

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने थे, वह देश के सबसे लंबे समय तक सीजेआई रहे न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं। उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक न्यायपालिका के शीर्ष पद पर काबिज रहे। सरकार ने 7 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा था। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों के साथ चर्चा करने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ का नाम केंद्र सरकार को भेजा है।

कब तक होगा कार्यकाल?

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल होगा और वह 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।

अतिथि प्रोफेसर रहे

दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए  ऑनर्स करने के बाद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैम्पस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री ली और अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से ज्यूरिडिकल साइंस में डॉक्टरेट तथा एलएलएम की डिग्री ली। उन्होंने उच्चतम न्यायालय और बंबई उच्च न्यायालय में वकालत की और मुंबई विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून के अतिथि प्रोफेसर भी रहे।

जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था। फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सिटिंग जज हैं।

डीवाई चंद्रचूड़ के ऐतिहासिक फ़ैसले

डीवाई चंद्रचूड़ को 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने मामलों में सुनवाई की, जिसमें सबसे अहम मामला अयोध्या केस था। सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज वो ज्ञानवापी मामले की सुनवाई में भी शामिल हैं।

नोएडा के ट्विन टावर गिराने का फ़ैसला

28 अगस्त 2022 को नोएडा का ट्विन टावर गिराया गया, सुप्रीम कोर्ट ने उसको गिराने का आदेश दिया था, टावर के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन किया गया था। कई महीनों की तैयारी के बाद एक 32 और एक 28 मंजिला सुपरटेक ट्विन टावर को महज आठ सेकंड में धराशायी कर दिया गया।

हादिया मामले में अहम निर्णय

केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया ने शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से 2016 में शादी की थी। इस मामले के खिलाफ काफी गुस्सा भी भड़का, जिसमें लड़की के पिता का आरोप था कि यह लव जिहाद का मामला है। पिता का आरोप था कि बेटी को प्यार के जाल में फंसा कर उनका धर्म बदल दिया गया। केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में शादी को रद्द कर दिया था मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को ही पलट दिया था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने दोहराया कि विवाह या धर्म में निर्णय लेने का एक वयस्क का अधिकार उसकी निजता के क्षेत्र में आता है।

अयोध्या राम मंदिर मामला

एक ऐतिहासिक फैसले में, 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि अयोध्या में विवादित स्थल हिंदुओं को जाएगा और मुसलमानों को वैकल्पिक भूमि मिलेगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस पीठ में शामिल थे।

अविवाहिता को गर्भपात का हक

जब सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहिता को भी अबॉर्शन का अधिकार दिया था, तब इस फैसले का स्वागत पूरे देश ने किया। अदालत ने कहा था कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक सभी को है। बेंच की अगुआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest