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नासा ने जानबूझकर अपने अंतरिक्ष यान को क्षुद्रग्रह में क्यों तोड़ दिया?

डीएआरटी (DART - डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट) का एस्टेरॉयड के साथ इच्छानुरूप टक्कर का परीक्षण यह देखने के लिए किया गया कि क्या भविष्य में इसी तरह की घटनाएं किसी क्षुद्रग्रह (asteroid) को उसके रास्ते से हटाने के लिए संभव होंगी।
नासा ने जानबूझकर अपने अंतरिक्ष यान को क्षुद्रग्रह में क्यों तोड़ दिया?

नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एजेंसी) ने अपने अंतरिक्ष यान डीएआरटी को एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह में तोड़ दिया है। परीक्षण के रूप में डीएआरटी (डबल एस्टेरॉय़ रिडायरेक्शन टेस्ट) की क्षुद्रग्रह (खगोलीय पिंड) के साथ इच्छानुरूप टक्कर यह देखने के लिए की गई है कि क्या भविष्य में इसी तरह की घटनाएं किसी क्षुद्रग्रह को अपने रास्ते से हटाने के लिए संभव होंगी जो संभावित रूप से पृथ्वी के लिए हानिकारक हो सकती है। डीएआरटी ने अपने लक्ष्य के रूप में 160 मीटर चौड़ी वस्तु डिमोर्फोस को आघात किया।

इस असामान्य और अपनी तरह के पहले प्रयोग में नासा ने पृथ्वी से 11 मिलियन किलोमीटर दूर क्षुद्रग्रह को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। डीएआरटी में स्थापित कैमरों ने लक्ष्य से टकराने तक अंतरिक्ष यान की हर एक सेकंड पर फोटो भेजी। लक्ष्य विलुप्त होने तक लगातार तस्वीरें मिलती रही। विशेष रूप से, डीएआरटी ने डिमोर्फोस को लक्ष्य बनाया जो क्षुद्रग्रह की जोड़ी का एक छोटा सदस्य है। यह क्षुद्रग्रह के बड़े सदस्य डिडिमोस का चंद्रमा है।

डीएआरटी अंतरिक्ष यान एक वेंडिंग मशीन के आकार के समान है और जो अपने लक्ष्य डिमोर्फोस से टकराने तक 14,000 मील/ घंटे की तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ रहा था।

नासा के ग्रह विज्ञान विभाग के निदेशक लोरी ग्लेज़ ने एक बयान में कहा कि "यह अलग-अलग पिक्सल के संग्रह से गया और अब आप डिडिमोस के आकार और बनावट को देख सकते हैं और जैसे-जैसे हम क़रीब आते हैं तो आप डिमोर्फोस के जैसी ही चीज़े देख सकते हैं। यह बहुत अच्छा है।"

डीएआरटी के कैमरों के अंतिम तस्वीर से पता चला कि डिडिमोस कुछ कुछ अंडे के आकार का चट्टान है जिसमें बोल्डर और क्रेटर हैं। जब तक वे ब्लैंक नहीं हो गए डीएआरटी के कैमरे हर सेकेंड की तस्वीर भेज रहे थे। यह ऐसा क्षण है जब वास्तव में टक्कर हुई थी। यह नासा टीम के लिए ख़ुशी का क्षण था।

नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि हालांकि क्षुद्रग्रह पूरी तरह से नहीं टूटे हैं लेकिन यह ख़राब हो गया है और इस प्रभाव ने डिडिमोस के आसपास डिमोर्फोस की कक्षा को थोड़ा छोटा कर दिया होगा। अगर यह सच है तो यह साबित होगा कि एक अंतरिक्ष यान के साथ टकराव एक क्षुद्रग्रह के प्रक्षेपवक्र (ट्रैजेक्टरी) को बदल सकता है।

हालांकि, प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है और खगोलविद आने वाले हफ़्तों में इस क्षुद्रग्रह का अध्ययन करना जारी रखेंगे। हालांकि नासा की टीम का मानना था कि इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक बयान में कहा, "हम दिखा रहे हैं कि ग्रह की रक्षा एक वैश्विक प्रयास है और अपने ग्रह को बचाना संभव है।"

डिमोर्फोस छोटा है और पिरामिड के आकार का है और कभी भी पृथ्वी के लिए ख़तरा नहीं रहा है। लेकिन क्षुद्रग्रह बेल्ट की तुलना में कई अन्य क्षुद्रग्रह और धूमकेतु क़रीब के कक्षाओं में घूम रहे हैं। इसमें कुछ ऐसे भी शामिल हैं जिन्हें नासा ने अभी तक खोजा नहीं है। यदि कोई बड़ा क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराता है, तो यह पृथ्वी पर जीवन के लिए संभावित ख़तरा पैदा कर सकता है। यहां यह याद रखने वाली बात है कि डायनासोर के विलुप्त होने का एक प्रमुख कारण बड़े क्षुद्रग्रह का पृथ्वी से टकराना था जिसने भारी मात्रा में मलबा और धूल का निर्माण किया। इसने इतना मलबा और धूल का निर्माण किया कि सूर्य का प्रकाश भी प्रवेश नहीं कर सका। इससे पौधे, अन्य जीव-जन्तु और अंततः डायनासोर का विलोप हो गया।

डीएआरटी का परीक्षण 2015 से हो रहा है और इसे नासा के कई केंद्रों के सहयोग के साथ जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की एप्लाइड फिजिक्स प्रयोगशाला द्वारा विकसित और संचालित किया गया। इसे पिछले साल नवंबर में लॉन्च किया गया था। डीएआरटी विशाल एआईटीए परियोजना (एस्टेरॉयड इम्पैक्ट और डिफ्लेक्शन एसेसमेंट) का एक हिस्सा है जो नासा और ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) के बीच एक संयुक्त कार्य है। इस मिशन में एरिज़ोना, न्यू मैक्सिको, चिली और अन्य स्थानों पर वेधशालाएं (ऑब्जर्वेट्रीज) स्थित हैं जहां खगोलविदों ने टक्कर के प्रभाव का आकलन करने के लिए डिमोर्फोस और डिडिमोस पर अपनी दूरबीनें लगाई हैं।

अंतिम ऑब्जेक्ट को डीआरएसीओ नाम के कैमरे द्वारा कैद किया गया था। यह शक्तिशाली कैमरा एक अन्य अंतरिक्ष यान न्यू होराइजन्स में स्थापित कैमरे के समान है जो प्लूटो द्वारा भेजी गई थी। यहां तक कि यह शक्तिशाली क्लोज-अप कैमरा भी टक्कर होने से कुछ घंटे पहले तक डिमोर्फोस को एक अलग वस्तु के रूप में देख सकता था।

पहले के एक बयान में, जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के ग्रह वैज्ञानिक और डीएआरटी के समन्वय प्रमुख नैन्सी चाबोट ने कैमरे द्वारा लिए गए क्षुद्रग्रह के तस्वीर को समझाया और कहा, "क्योंकि आप इतनी तेज़ी से आ रहे हैं, ऐसे में पिछले कुछ मिनटों में हम देखेंगे कि डिमोर्फोस कैसा दिखता है: इस क्षुद्रग्रह का आकार कैसा है जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा है। यह वास्तव में केवल पिछले 30 सेकंड की बात है जब हम क्षुद्रग्रह पर सतह की विशेषताओं को हल करेंगे।

ख़ास तौर से, नासा के वैज्ञानिकों न डीएआरटी के साथ साथ एक और परीक्षण एलआईसीआईएक्यूब भी की जो एक इतालवी परीक्षण है जो डीएआरटी से थोड़ा पीछे चल रहा था। यह प्रभाव के तीन मिनट बाद ही डिमोर्फोस से आगे निकल गया। यहां के कैमरे प्रभाव से ठीक पहले और बाद की तस्वीरों को क़ैद करेंगे। हालांकि, इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी एएसआई द्वारा इतालवी परीक्षण के परियोजना प्रबंधक सिमोने पिरोट्टा के अनुसार, एलआईसीआईएक्यूब से महत्वपूर्ण तस्वीरें प्रभाव के 24 घंटे बाद ही उपलब्ध होनी चाहिए।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Why did NASA Purposefully Smash Its Spacecraft Into an Asteroid?

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