डिजिटल इंडिया में एसबीआई को इलेक्टोरल बांड डोनर का डिटेल देने के लिए 4 महीने की ज़रूरत क्यों?
सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इलेक्टोरल बांड का विवरण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से चार महीने का समय मांगा है। ज्ञात हो कि यह बैंक चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को गुमनाम चंदे का एकमात्र संचालक है। बैंक की याचिका को लेकर उसकी आलोचना की जा रही है।
गत महीने 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट चुनावी बांड को "असंवैधानिक" करार दिया और इसकी बिक्री को तत्काल प्रभाव से रोक दिया था। शीर्ष अदालत ने एसबीआई से खरीदारों के नाम, खरीद के मूल्यवर्ग और राजनीतिक दलों के नाम सहित सभी विवरण देने को कहा था। अदालत ने कहा था कि बैंक 13 मार्च तक इसे प्रकाशित करे।
लेकिन एसबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय देने की गुहार की। उसने यह दावा करते हुए याचिका लगाई कि डेटा को "डिकोड करना" और दानकर्ताओं का दान से मिलान करना एक "जटिल प्रक्रिया" है। यह ऐसे समय में कहा जा रहा है जब डिजिटल इंडिया और माउस के एक क्लिक से 'व्यापार करने में आसानी' के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं।
संयोग से, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस गुप्त योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी रही है। 2022-2023 के अंत तक, इस योजना की शुरुआत से लेकर इसके माध्यम से आने वाले कुल 12,000 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये बीजेपी के पास गए।
विपक्षी नेताओं और जनता ने एसबीआई की चार महीने का समय मांगने पर सवाल उठाया है, तब तक लोकसभा चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।
नरेंद्र मोदी सरकार पर "संदिग्ध लेनदेन" को छिपाने के लिए एसबीआई का "इस्तेमाल" करने का आरोप लगाते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि "विशेषज्ञों का कहना है कि दानदाताओं की 44,434 स्वचालित डेटा प्रविष्टियों को केवल 24 घंटों में मिलान किया जा सकता है, तो एसबीआई को यह जानकारी एकत्र करने के लिए 4 महीने और क्यों चाहिए?”
Modi Govt is using the largest bank of our country as a shield to hide its dubious dealings through Electoral Bonds.
No less than the Supreme Court of India had struck down Modi Govt’s 'Black Money Conversion' scheme of Electoral Bonds, holding it “Unconstitutional”, “Violative…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 5, 2024
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।