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भूषण कुमार पर लगा रेप का आरोप मीटू की याद क्यों दिलाता है?

भूषण कुमार पर काम देने के बहाने साल 2017 से 2020 तक एक महिला के साथ यौन शोषण करने आरोप लगा है। इससे पहले साल 2018 में हैशटैग मीटू मूवमेंट के दौरान भी भूषण कुमार पर यौन शोषण के आरोप लगे थे।
भूषण कुमार

गुलशन कुमार के बेटे और टी-सीरीज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वजह उन पर लगा दुष्कर्म का आरोप है, जिसकी शिकायत एक 30 वर्षीय महिला ने मुंबई के दादर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई है। महिला ने इल्ज़ाम लगाया है कि भूषण काम देने के बहाने लंबे वक़्त से उसके साथ दुष्कर्म कर रहे थे। हालांकि भूषण कुमार की कंपनी टी-सीरीज़ की ओर से जारी बयान में इन आरोपों को बेबुनियाद बताया गया है लेकिन इस खबर ने एक बार फिर मीटू कैंपेन की यादें ताज़ा कर दी हैं।

आपको बता दें कि साल 2018 में हैशटैग मीटू मूवमेंट के दौरान भी भूषण कुमार पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। तब सोशल मीडिया के माध्यम से पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई थी, जिसे भूषण ने साफ नकार दिया था। मामला कुछ दिनों बाद ही ठंडे बस्ते में भी चला गया था लेकिन अब जब दोबारा भूषण कुमार पर आरोप लगा है तो सोशल मीडिया पर उनके पुराने मामले ने भी तूल पकड़ लिया है।

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार, 16 जुलाई को देश की लीडिंग म्यूजिक कम प्रोडक्शन कंपनी टी-सीरीज़ अचानक मीडिया की खबरों में छा गई। देखते ही देखते मुंबई पुलिस के सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई कि टी सीरीज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 376 के तहत एक तीस वर्षीय महिला को अपनी कंपनी में काम का झांसा देकर बलात्कार करने का मामला मुंबई के डीएन पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया है। हालांकि अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है।

महिला का कहना है कि भूषण ने उसे अपने प्रोजेक्ट में काम देने का लालच देकर उसके साथ 2017 से लेकर 2020 तक कई बार अलग-अलग जगहों पर बलात्कार किया। महिला के मुताबिक़ भूषण कुमार द्वारा उसका बलात्कार करने के बाद उसकी तस्वीरों और वीडियो को वायरल करने की धमकी भी दी गई।

इस मामले में पुलिस ने भूषण कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 420 (धोखाधड़ी) और 506 (धमकी) के तहत केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि भूषण कुमार अभी मुंबई से बाहर हैं, इसलिए फिलहाल उनसे पूछताछ संभव नहीं हो पाएगी।

भूषण कुमार की कंपनी टी-सीरीज़ का क्या कहना है?

टी-सीरीज़ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भूषण कुमार के खिलाफ़ दर्ज हुई कंप्लेंट एकदम झूठी और बेबुनियाद है। भूषण कुमार पर काम देने के बहाने 2017 से 2020 तक इन महिला के साथ यौन शोषण करने का जो आरोप है, वो सरासर गलत है। ये रिकॉर्ड में है कि ये महिला पहले ही टी-सीरीज़ के बैनर तले बनी फ़िल्मों और म्यूजिक वीडियोज़ में काम कर चुकी हैं।

बयान के मुताबिक, “मार्च 2021 के करीब ये महिला भूषण कुमार के पास वेब सीरीज़ के लिए फंड मांगने आईं थीं जिसे वे प्रड्यूस कर रहीं थीं। हमारी ओर से नम्रता से उन्हें मना कर दिया गया था। जिसके बाद जून 2021 में लॉकडाउन खुलने के बाद वो अपने एक साथी के साथ टी-सीरीज़ के ऑफिस आकर जबरन एक बड़ी रकम की मांग करने लगीं। जिसके फलस्वरूप टी-सीरीज़ की तरफ़ से मुंबई के अम्बोली पुलिस स्टेशन में 1 जुलाई 2021 को इन महिला और इनके साथी के खिलाफ़ जबरन वसूली करने की शिकायत दर्ज कराई गई।

कंपनी ने आगे कहा, “हमारे पास सबूत के रूप में इनकी जबरन वसूली की मांग करने के वक़्त की ऑडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है। जिसे हम इस केस की छानबीन कर रही एजेंसी को भी मुहैया करवा देंगे। जो इस वक़्त उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है वो और कुछ नहीं, सिर्फ उनके और उनके साथी के खिलाफ़ की गई कंप्लेंट का बदला लेने की कोशिश मात्र है। हम अपनी लीगल टीम के साथ इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं। जल्द से जल्द इनके खिलाफ़ हम लीगल एक्शन लेंगे”।

मीटू में भी लगे आरोप

गौरतलब है कि इससे पहले भी भूषण कुमार पर यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं। 2018 में ट्विटर पर एक एनॉनिमस अकाउंट से एक अभिनेत्री ने बताया था कि भूषण कुमार ने उन्हें फ़िल्म से निकलवा दिया था क्यूंकि उन्होंने भूषण के साथ संबंध बनाने से इनकार कर दिया था।

महिला के मुताबिक़ भूषण ने उन्हें तीन फ़िल्मों का ऑफर दिया था। भूषण ने उनसे कहा था कि उनके अंदर बहुत पोटेंशियल है और अगर वो ‘वर्क एंड प्लेजर’ को समझती हैं तो उनके वर्सोवा वाले फार्महाउस पर आ जाएं। महिला के मुताबिक़ भूषण उन्हें अगला सुपरस्टार बनाने की बात कहते थे।

इस ट्वीट के वायरल होने के बात भूषण कुमार ने सफाई में कहा था कि ट्वीट में लिखी गई बात और उन पर लगा मीटू का आरोप एकदम बेबुनियाद है और सिर्फ उनकी छवि को धूमिल करने की साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है। अब एक बार फ़िर भूषण आरोपों के घेरे में हैं, ऐसे में देखना होगा कि इस बार ये मामला कहां तक जाता है।

मीटू आंदोलन और हाई प्रोफाइल लोगों की खुलती पोल

वैसे मीटू आंदोलन ने बड़े-बड़े हाई प्रोफाइल लोगों की पोल खोली। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ बॉलीवुड से शुरू हुआ यह अभियान धीरे-धीरे मीडिया, कला, कॉमेडी, टीवी, राजनीति और दूसरे प्रोफेशनल क्षेत्र में आग की तरह फैल गया। महिलाएं अपने साथ हुए दुर्व्यवहार पर खुल कर बोलने लगीं। ताक़त की आड़ में दबा दी जाने वाली आवाज़ को सोशल मीडिया के #MeToo अभियान ने बुलंदी दी।

बॉलीवुड में तनुश्री दत्ता के पहले भी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले और आपबीती सोशल मीडिया पर शेयर की जाती रही हैं, पर उसका कोई व्यापक असर नहीं दिखा। नाना पाटेकर पर आरोप लगने के बाद देश में यह एक अभियान के रूप में शुरू हुआ। इसके बाद फ़िल्म और टीवी इंडस्ट्री की तमाम महिलाओं ने बड़े-बड़े दिग्गज कलाकारों का नाम लेकर उन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।

इसके दायरे में विकास बहल, सुभाष घई, साजिद खान, आलोक नाथ, विवेक अग्निहोत्री, उत्सव चक्रवर्ती, कैलाश खेर अभिजीत भट्टाचार्या, वरुण ग्रोवर, चेतन भगत जैसी फ़िल्मी हस्तियां आईं। आरोप संगीतकार और रियलिटी शो के जज अनु मलिक पर भी लगे और उन्हें इंडियन आइडल शो के जज पद से हटना पड़ा ।

ज्यादातर मामले ठंडे बस्ते में

सिनेमा के बाद यह अभियान पत्रकारिता क्षेत्र में पहुंचा, जहां एम जे अकबर, विनोद दुआ जैसे पत्रकार और पूर्व पत्रकारों पर आरोप लगे। कई संस्थानों ने अपने सहकर्मियों के ख़िलाफ़ जांच की बात कही। कई पत्रकारिता संस्थानों ने अपने कर्मचारियों के ख़िलाफ़ ही ख़बर चलाई। कईयों को नौकरी तक गंवानी पड़ी। हालांकि बावजूद इसके बड़े लोगों पर कुछ समय बाद इसका कोई खास असर नहीं दिखा। ज्यादातर मामले या तो ठंडे बस्ते में डाल दिए गए या भुला दिए गए।

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