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लगातार कम होते काम के अवसरों के साथ, कश्मीर में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी का भविष्य अंधकार की ओर

कश्मीर में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की जनसांख्यिकी पर हाल का कोई डेटा मौजूद नहीं है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, कश्मीर में 4,000 ट्रांसजेंडर लोग हैं। कश्मीर में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए आजीविका के दो मुख्य स्रोतों में शादियों में प्रदर्शन करना और मैचमेकिंग शामिल हैं।

कश्मीर में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की जनसांख्यिकी पर हाल का कोई डेटा मौजूद नहीं है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, कश्मीर में 4,000 ट्रांसजेंडर लोग हैं। कश्मीर में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए आजीविका के दो मुख्य स्रोतों में शादियों में प्रदर्शन करना और मैचमेकिंग शामिल हैं। ऑनलाइन डेटिंग के आने से और कश्मीर में म्यूज़िक बैंड की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, ये लोग बेरोज़गार हो गए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर एजाज अहमद बंड, 'सोनजल वेलफेयर ट्रस्ट' (Sonzal Welfare Trust) के नाम से एक एनजीओ चलाते हैं। यह एनजीओ कश्मीर के LGBTQIA+ कम्युनिटी के वेलफेयर के लिए काम करता है। उन्होंने इस कम्युनिटी की समस्याओं पर प्रकाश डाला। कश्मीर की ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को अक्सर भेदभाव और बहिष्कार का सामना करना पड़ा है। अब काम के अवसरों की कमी ने एक तरह से इनपर आख़िरी प्रहार किया है।

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