हैती में युवाओं को मदद की जरूरत, लिंग आधारित हिंसा चरम पर: संरा बाल प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी की प्रमुख ने कहा है कि कैरेबियाई देश हैती की कम से कम आधी आबादी को मानवीय मदद की जरूरत है और हजारों की संख्या में युवा लिंग अधारित हिंसा के शिकार हैं।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने बृहस्पतिवार को कहा,‘‘ हैती के लोग और हमारी टीम ने हमें बताया कि ऐसे भयावह हालात इससे पहले कभी नहीं थे। भूख, कुपोषण, खस्ताहाल अर्थव्यवस्था, हैजा तथा असुरक्षा की भावना तेजी से पैर पसार रही है और इसी के कारण हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं।’’
I was in Haiti last week. I heard horrific stories but there was hope.
The children still dream of a better future.
They want to be the doctors, nurses and entrepreneurs that Haiti needs.
They need support. Now.
#HaitiCantWait @iascch pic.twitter.com/v4nRDL5Jzs— Catherine Russell (@unicefchief) June 29, 2023
रसेल ने कहा कि उनकी हालिया यात्रा से उन्हें यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस के पास देश को सुरक्षित रखने तथा हिंसक समूहों से लोगों की सुरक्षा कर पाने की क्षमता नहीं है।
उन्होंने संवाददाताओं से कुछ उन घटनाओं का जिक्र किया जिनकी जानकारी उन्हें लिंग आधारित हिंसा के पीड़ितों से जुड़े एक केन्द्र में मिली थी।
रसेल ने कहा कि केंद्र में 11 वर्षीय लड़की आठ माह की गर्भवती थी और उसने बताया कि पांच लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था।
एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए रसेल ने कहा कि केन्द्र में एक अन्य युवती ने बताया कि कुछ लोग दीवार फांद कर उसके घर में घुसे और उसके साथ दुष्कर्म किया और जब उसकी 20 वर्षीय बहन ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उसे आग के हवाले कर दिया, बाद में घर को भी आग लगा कर जला दिया।
रसेल ने बताया,‘‘ मुझे बताया गया कि सशस्त्र बलों की यह नयी रणनीति है। वे लड़कियों, महिलाओं से दुष्कर्म करते हैं और उनके घरों में आग लगा देते हैं। इसके बाद निराश्रित लड़कियों का उत्पीड़न करना और उन पर नियंत्रण पाना और आसान हो जाता है।’’
गौरतलब है कि रसेल से एक दिन पहले हैती पर संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ विलियम ओ नील ने कहा था कि सामूहिक हिंसा से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय बल को तैनात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा था ,‘‘हैती में सभी प्रकार के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। पूरे देश का अस्तित्व दांव पर है।’’
(समाचार एजेंसी भाषा/एपी के इनपुट एक साथ)
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