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अलीगढ़ मर्डर केस: हमारे समाज के अमानवीय हो जाने की कहानी है

अलीगढ़ में एक पिता कर्ज़ नहीं चुका सका तो देनदारों ने उनकी ढाई साल की बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी और बाद में उसकी आंखें निकाल दीं।
Aligarh
फोटो साभार: livehindustan

अलीगढ़ में ढाई साल की एक मासूम बच्ची के साथ जो हुआ उसे सुनकर इंसानियत शर्मसार हो जाती है। ढाई साल की एक बच्ची को बिस्किट देने के लालच में बुलाया गया। उसकी हत्या की गई। उसकी आंख निकालकर शरीर पर तेजाब डालकर बोरे में भरकर घर में रखा गया। फिर कचरे के डिब्बे में डाल दिया गया ताकि जानवर उसके शरीर को खा जाएं। जब बच्ची का शव मिला तो वह गल गया था। उसका हाथ अलग मिला।

यह एक ऐसा अमानवीय कृत्य जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाए लेकिन बात इतने पर ही खत्म नहीं होती है। जब आप इसका कारण सुनेगें तो दिल और भारी हो जाएगा। 
पुलिस ने बताया कि बच्ची के माता-पिता आरोपितों का 10 हज़ार रुपये कर्ज नहीं चुका पा रहा थे। इसके बदले उन्होंने बच्ची को मार डाला। पुलिस ने मामले के दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहते थे।

 क्या था मामला? 

यह घटना अलीगढ़ के टप्पल नाम के इलाके की है। यहां 30 मई को पीड़ित बच्ची अपने घर से गायब हो गई थी। बीती दो जून को उसका शव उसके घर के नजदीक कचरे के मैदान में पड़ा मिला।

 एनबीटी के मुताबिक अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि कानूगोयान मोहल्ला निवासी बनवारी लाल शर्मा की ढाई साल की बेटी की लाश घर के पास कूड़े के ढेर से मिली थी। बनवारी लाल की शिकायत पर इस मामले में जाहिद और असलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की तैयारी है जबकि मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा।

 पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका बनवारी से रुपये के लेन-देन को लेकर झगड़ा हुआ था। बनवारी ने उनसे 10 हजार रुपये उधार लिए थे जो वह चुका नहीं पाए थे। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

आपको बता दें कि इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों पर लापरवाही बरतने के आरोप में गाज गिरी है। एक इंस्पेक्टर, एक सिपाही और तीन दरोगा को निलंबित किया गया है।

देश भर में आक्रोश 

अलीगढ़ में निर्ममता से की गई ढाई साल की मासूम की हत्या का मामला सामने आने के बाद से देशभर में आक्रोश है। बच्ची के पिता ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है। 
उनके कहा कि बेटी की हत्या जाहिद के घर पर हुई थी। ऐसे में जाहिद की पत्नी और उसके भाई को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि 24 घंटे में सभी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह थाने में परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'अलीगढ़ में हुई नृशंस हत्या एक निर्दोष बच्ची के खिलाफ एक और अमानवीय और अवर्णनीय अपराध है। बच्ची के परिजनों को हो रहे दर्द के बारे में मैं सोच भी नहीं पा रही। हम क्या हो गए हैं?'

क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया है कि टप्पल में सबसे भयानक तरीके से ढाई साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या की खबर से बेहद परेशान हूं। वह न्याय की हकदार है।
आपको बता दें कि पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म की खबर आई थी लेकिन बाद में पोस्टमार्टम में साफ हुआ कि उसके साथ रेप नहीं हुआ है। 
फिल्म अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना ने लिखा है कि बच्ची की भयानक हत्या के बारे में सुनकर दिल दहल जाता है। अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से अनुरोध किया है।

अभिषेक बच्चन ने ट्वीट किया है कि बच्ची के बारे में सुनकर गुस्सा आ गया। कोई ऐसा काम करने की सोच भी कैसे सकता है? अभिनेता आयुष्मान खुराना ने ट्वीट किया है कि यह अमानवीय और बर्बर है। उसके परिवार के लिए प्रार्थना है। न्याय होना चाहिए। 

सिद्धार्थ मल्होत्रा ने लिखा है कि इस खबर से बेहद परेशान हूं। यह एक ऐसी दुनिया में रहने के लिए डरावना है, जहां मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं।  फिल्म अभिनेता अर्जुन कपूर बच्ची की हत्या मानवता पर एक शर्म की बात है। न्याय मिलना चाहिए। रवीना टंडन ने ट्वीट किया है कि यह भयानक, बर्बर घटना है। कानून को तेजी से काम करना चाहिए।

शर्मसार होती इंसानियत

हालांकि जहां इस बर्बर घटना को लेकर लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसमें अपनी राजनीति साधने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी सामने आए हैं जो बच्ची की हत्या के मामले में हिंदू—मुस्लिम एंगल निकाल रहे हैं। 

फिलहाल हमें ये स्वीकार करना होगा कि निर्भया, कठुआ और अब अलीगढ़ जैसी तमाम घटनाओं में पीड़ितों के साथ—साथ इंसानियत का भी कत्ल हुआ है। इन घटनाओं में पीड़ित, इंसान के हैवानी रूप का शिकार हुए हैं। 

ये सारी घटनाएं हमारे समाज के बर्बर और वीभत्स बनते जाने की कहानी कह रही हैं। हर घटना अपने साथ कई सवाल लेकर आती है लेकिन क्या हम खुद और समाज के रूप में इतने परिपक्व हो पाएं हैं कि उन सवालों का जवाब दे पाएं? 

आखिर ऐसी घटनाओं का लगातार घटित होना एक समाज के रूप में हमारे व्यवहार के बारे में क्या बता रहा है? यही कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए अमानवीयता और असभ्यता की कुछ कहानियां छोड़ जाएंगे। ऐसी कहानियां जो इंसानियत को शर्मसार करती रहेंगी।

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