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अन्य दलों की नियुक्ति वैध, आम आदमी पार्टी की नियुक्ति अवैध

सलाहकार की नियुक्तियां हर सरकार करती है, पर ऐसा लगता है कि केजरीवाल ने नियुक्त किया तो वो अपराधी हो गये |
kejriwal
image courtesy : financial express

आम आदमी पार्टी के लोग कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने राजनीतिक विरोध के कारण दिल्ली सरकार की नियुक्ति को रद्द किया है | दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ‘भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती है’ | सलाहकार की नियुक्तियां हर सरकार करती है,पर ऐसा लगता है कि केजरीवाल  ने नियुक्त किया तो वो अपराधी हो गये है | हर विषय पर चाहे वो संसदीय सचिवों का मामला हो या फिर  सहलकारों की नियुक्ति का हो सभी पर केंद्र की भाजपा सरकार और उपराज्यपाल केजरीवाल सरकार से सौतेला व्यवहार कर रही है  |

केंद्र के निर्देश पर दिल्ली के 9 सहलाकारों की नियुक्ति को उपराज्यपाल ने रद्द कर दी |  दिल्ली सरकार ने सरकारी योजना बनाने और लागु करने में मदद के लिए इन सलाहकारों की नियुक्ति की थी | जो कि भी सरकारें इस तरह की नियुक्ति करती हैं, लेकिन कभी भी इन पर विवाद नहीं हुआ | दिल्ली सरकार और केंद्र के बिच इस तरह के टकराव आम बात हैं जब केजरीवाल सरकार कोई फैसला करती है तो उसे केंद्र की भाजपा सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से पलट देती है |

हाल के वर्षो में दिल्ली की सरकार पूरी तरह से भाजपा की केंद्र के समक्ष लाचार और बेचरगी के मुद्रा में लग रही है | केजरीवाल के समर्थक कई बार मुखर होकर कहते हैं कि केंद्र की भाजपा ने उनकी सरकार को बंधक बना रखा है | सरकार कोई काम करती है,केंद्र उस पर रोक लगा देता है |

दिल्ली की आप सरकार के 9 सहलाकारों की नियुक्तियों को केंद्र की भाजपा सरकार ने अवैध घोषित किया लिकिन ये भी सत्य है  की हर राजनितिक दल अपनी सरकार में इस तरह के पदों पर नियुक्तियां करती है | भाजपा भी इससे अछूती नहीं है , भाजपा ने भी अपनी अलग-अलग सरकारों में अपने कार्यकर्ताओं को  ऐसे पदों पर नियुक्तियां की है | जिससे उन्हें मोटी धनराशी और अन्य सुविधाएँ सरकार की तरफ से दी गई हैं | दूसरे दल ने भी समय-समय पर किसी तरह से इस तरह की राजनितिक नियुक्तियाँ की हैं की सूची बहुत ही बड़ी है,परन्तु कुछ इस तरह की नियुक्तियां निम्नलिखित हैं :-

भजपा के केंद्र सरकार ने भजपा के आईटी सेल के सदस्यों और आरआरएस से सम्बन्धित लोगो को केन्द्रीय गृह मंत्रालय का मिडिया  सहलाकर नियुक्त किया है | जो की पूरी तरह से राजनितिक लाभ के लिए किया गया था |

 भाजपा ने खादी के प्रचार प्रसार के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सहलाकर ऋतू बेरी को नियुक्त किया था,इसमें  भाजपा सांसद मीनक्षी लेखी भी मौजूद थी | ये नियुक्ति केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रलाय के द्वरा की गई थी | इसी प्रकार से स्वास्थ्य मंत्रलाय ने भी डॉ०आर०पी० गुप्ता को  स्वास्थ्य विभाग में सहलाकर नियुक्त किया है | रिपोर्ट के अनुसार इन्होने भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र को तैयार करने में मदद की थी | उनको इस का फल चुनाव जितने के बाद भाजपा ने इन्हें सहलाकर बना कर दिया है I

इसी प्रकार हरियाणा सरकार ने भाजपा के नेता विशाल सेठ को पीडब्लूडी में तकनीकी सहलाकर नियुक्त किया था | जिसमे विपक्ष ने सवाल भी उठाए थे |

बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने भी प्रशांत किशोर को सहलाकर नियुक्त किया था | उसके लिए उन्हें काफी पैसा और सुविधा दी गई थी |

आंध्रप्रदेश की टीडीपी सरकार ने भाजपा के सरकार में केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ट नेता निर्मला सीतारमन के पति परकला प्रभाकर को भाजपा की सहयोगी दल की सरकार ने इन्हें अपना मिडिया सहलाकर नियुक्त किया |

इसकी सूचि बहुत ही बड़ी है इस प्रकार की नियुक्तियाँ हर सरकार करती है पर जब इस बार केजरीवाल सरकार ने अपने सहलाकर नियुक्त किया तो उसे अवैध घोषित कर रद्द करना साफतौर राजनितिक फैसला लग रहा है | ये केजरीवाल का केंद्र से लगतार टकराव का फल लग रहा  है |

इस पुरे मसले पर उपमुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता कर के कहा कि ये भाजपा की सरकार  दिल्ली में हो रहे विकास कार्य को बाधित करने का प्रयास कर रही है | उन्होंने कहा कि "उनके सहलाकर कोई पैसा नहीं ले रहे थे मात्र 1 रू के मासिक वेतन पर कार्य कर रहे थे और न ही वो सरकारी लाभ ले रहे हैं | वो केवल दिल्ली की व्यवस्था के सुधार के लिए कार्य कर रहे थे,और उन्होंने कहा की इन लोगो की सहायता से ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में इतने बड़े स्तर पर परिवर्तन संभव हुआ है” |

इसी पूरी घटना का सबसे मज़ेदार बात ये है कि इन सहलाकारों की नियुक्ति भी उपराज्यपाल के कार्यालय के आज्ञा के बाद ही हुई थी,परन्तु आज इनकी नियुक्ति को  उपराज्यपाल द्वारा ही रद्द किया गया है और कहा गया है केन्द्रीय गृह मंत्रालय की जानकारी के बिना इन्हें  नियुक्ति किया गया है,इसलिए ये नियुक्ति रद्द की जा रही है |

दिल्ली सरकार के दावे के अनुसार जिन 9 सलाहकार की नियुक्ति रद्द की गई उसमे से चार लोगो ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था |

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