असम: नागरिकता कानून के विरोध में बंद
गुवाहाटी: तकरीबन 50 संगठनों ने आज असम बंद का आह्वान किया हैI सुबह ही प्रदर्शनकारी रेल की पटरियों बैठ गये और बैरीकेड भी खड़े करने की कोशिश की ताकि पूरे राज्य में रेल सेवा अवरुद्ध की जा सकेI
नवम्बर के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीत सत्र में केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) कानन-2016 को पारित करने की कोशिश करने वाली हैI इसी का विरोध करने के लिए कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS), असोम जतियाताबादी युबा छात्र परिषद् (AJYCP) सहित अन्य कई संगठनों ने इस 12 घंटों के बंद का आह्वान किया थाI
संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ एक मीटिंग कीI इसके बाद कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने भी इस बंद का समर्थन कियाI
यह कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये गैर-मुस्लिम लोगों को देश की नागरिकता देने की बात करता हैI असम के कई संगठनों ने इसका भारी विरोध कियाI गौरतलब है कि असम में इस वक़्त भाजपा की ही सरकार है और इसके मुख्यमंत्री हैं सर्बनंदा सोनोवालI
भाजपा के नेतृत्ववाली असम सरकार में शामिल असोम गन परिषद् (AGP) ने JPC की प्रस्तावित मीटिंग के विरोध में रैली निकाल रही हैI AGP का अनुमान है कि इस रैली में कम-से-कम 50,000 लोग हिस्सा लेंगेI
बंद बुलाने वाले संगठन इस बात का विरोध कर रहे हैं कि बिना असम का दौरा किये गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ JPC की दूसरी बार मीटिंग बुलाई जा रही है और कहा जा रहा है कि यह मीटिंग तमाम विचारों का सामंजस्य करने के लिए बुलाई जा रही हैI
इसी बीच सोमवार को कुछ भाजपा नेता सोनोवाल से मिले ताकि उन्हें इस बात के लिए मनाया जा सके कि 17 नवम्बर को गुवाहाटी में होने वाली बंगाली सगठनों की मीटिंग के लिए सरकार द्वारा अनुमति न दी जायेI यह मीटिंग नागरिकता कानून के समर्थन में की जा रही हैI
असम के वित्त मंत्री बिस्वा सर्मा ने कहा कि, “17 नवम्बर को होने वाली मीटिंग से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती हैI हम 17 नवम्बर की मीटिंग नहीं होने देंगेI”
उन्होंने कहा कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बंद बुलाना गैरकानूनी हैI उन्होंने कहा कि, “कोर्ट ने बंद को गैरकानूनी कहा हैI हमें कोर्ट के निर्देश का पालन करना पड़ेगाI जिन्होंने बंद बुलाया है यदि वे कुछ नुक्सान करते हैं तो उन्हें इसकी भरपाई करनी होगीI”
KMSS ने साफ़ किया किया कि उनका संगठन बंद बुलाने का समर्थन नहीं करता लेकिन आज का बंद बुलाना उनकी मजबूरी थी क्योंकि राज्य सरकार निरंकुश हो चुकी हैI KMSS के नेता अखिल गोगोई ने कहा कि, “हम सरकार को [असम को] दूसरा जम्मू और कश्मीर या त्रिपुरा नहीं बनाने देंगे, जहाँ कि मूल निवासी अब अल्पसंख्यक बन चुके हैंI”
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