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कश्मीर : पैगंबर की विवादित छवि पेश करने वाली किताब को अधिकारियों ने हटाया

दिल्ली के जे सी प्रकाशन की सातवीं कक्षा की किताब का घाटी में विरोध हो रहा है।
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तस्वीर सौजन्य : Free Press Kashmir

श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर में अधिकारियों ने सातवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है, जिसमें कथित तौर पर इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद की तस्वीर को दर्शाया गया है, जिससे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है।

श्रीनगर के डीएम ऑफिस ने श्रीनगर एसपी से किताब के प्रकाशक और वितरक पर कार्रवाई करने को कहा था जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है।

इस किताब में में पैगंबर मुहम्मद की एक तस्वीर का उपयोग किया गया है जिसे महादूत गेब्रियल के साथ दिखाया गया है। पैगंबर के चित्रण की गंभीर आलोचना हुई है, विशेष रूप से सोशल मीडिया नेटवर्क पर, जहां कई लोगों ने प्रकाशक पर समुदाय के प्रति असंवेदनशील होने का इल्ज़ाम लगाया है। मुसलमान सभी इस्लामिक आइकनों के दृश्य प्रतिनिधित्व या इमेजरी को पवित्र मानते हैं।

ट्विटर पर समीउल्लाह ने लिखा, "यह मुसलमानों के दिलों पर हमला है।"

एक धार्मिक संस्था, द इस्लामिक फ्रेटरनिटी ऑफ जम्मू एंड कश्मीर ने सोमवार को सातवीं कक्षा की इतिहास और नागरिक शास्त्र के संस्करण-2020 में आपत्तिजनक सामग्री के प्रकाशन को समुदाय के खिलाफ "साजिश" करार दिया।

आईएफजेके के अध्यक्ष मोहम्मद आमिर ने कहा, "यह दिल्ली स्थित जे सी प्रकाशन द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ रची गई साजिश थी, जो समय से पहले ही बेनकाब हो गई।"

समूह, जिसने श्रीनगर जिला प्रशासन की कार्रवाई को समय पर बताया, ने कहा कि इस तरह की हरकतें अक्सर होती हैं लेकिन कश्मीर घाटी में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रकाशक ने नबी को एक बार भी सम्मानित नहीं किया था और सल्ला अल्लाहु अलैहि वसल्लम जैसे इस्लामी सम्मानों का उपयोग किए बिना उनके नाम का उल्लेख किया था।

समूह ने लोगों से दिल्ली स्थित जे सी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का बहिष्कार करने और प्रकाशक की पुस्तकों को ब्लैकलिस्ट करने का भी आग्रह किया। उन्होंने प्रचारकों से आने वाले शुक्रवार को सामूहिक प्रार्थना के दौरान इस मुद्दे पर बोलने की भी अपील की।

आमिर ने कहा, "हम निजी स्कूल संघों और अभिभावकों से प्रकाशन गृह द्वारा प्रकाशित की जा रही पुस्तकों को ब्लैकलिस्ट करने का भी अनुरोध करते हैं।"

क्षेत्रीय स्कूल बोर्ड ने भी बाजार से विवादास्पद किताब को वापस लेने का आह्वान किया है और स्कूलों से कहा है कि अगर उन्होंने इसे पेश किया है तो इसका इस्तेमाल बंद कर दें। बोर्ड के एक अधिकारी ने एक बयान में कहा, “यदि किसी स्कूल में पाठ्यपुस्तक का उपयोग किया जा रहा है, तो इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। अन्यथा कानून के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।"

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।

Authorities Withdraw Textbook from Kashmir After Controversial Depiction of Prophet

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