बारिश और बाढ़ का प्रकोप : केरल में 22, महाराष्ट्र में 27 की मौत, उत्तराखंड में मां-बेटी समेत 3 लापता
केरल, महाराष्ट्र और उत्तराखंड इस समय भारी बारिश और बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं। केरल में अब तक 22 लोगों की मौत की ख़बर है, जबकि महाराष्ट्र में 27 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड में भी अनेक स्थानों पर बादल फटने तथा भारी बारिश होने की घटनाओं में मां—बेटी सहित तीन व्यक्ति लापता हो गये हैं।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार केरल में लगातार जारी भारी बारिश के कारण मलप्पुरम जिले के एदावन्ना में शुक्रवार को एक मकान ढह जाने से एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई।
इसके साथ ही राज्य में वर्षा जनित हादसों पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है और 22000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है।
नौ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है जिनमें वायनाड, मलप्पुरम, कन्नूर और इडुक्की सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने हालात की समीक्षा के लिए शुक्रवार सुबह एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि पिछले तीन दिनों में भारी बारिश के कारण 22 लोगों की मौत हुई है।
विजयन ने बताया कि 24 स्थानों पर भूस्खलन हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘वायनाड में बृहस्पतिवार शाम को सबसे बड़ा भूस्खलन हुआ था। वायनाड के मेप्पाडी में दो पर्वतीय क्षेत्रों के बीच का इलाका पूरी तरह बह गया।’’
सरकार ने भारतीय वायु सेना से सहायता मांगी है।
एनडीआरएफ, पुलिस, दमकल कर्मी और वन अधिकारी बचाव अभियान में जुटे हैं।
विजयन ने बताया कि बाढ़ के कारण वायनाड के मेप्पाडी और मलप्पुरम के नीलाम्बुर सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।
बचाव अभियान में मदद करने के लिए एनडीआरएफ कर्मियों की 13 टीम और करीब 180 सैन्य अधिकारी पहले ही राज्य में पहुंच गए हैं।
एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पार्किंग क्षेत्र में पानी भर जाने के कारण पहले तो शुक्रवार को आधी रात तक विमान परिचालन बंद किया गया था और अब परिचालन रविवार दोपहर तीन बजे तक बंद रहेगा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पतनमतिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
केरल के तट पर पोझीयूर से कासरगोड तक शनिवार देर रात साढ़े 11 बजे तक 3.2 से 3.7 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की संभावना है। अधिकारियों ने मछुआरों को इस दौरान समुद्र में नहीं जाने की सलाह नहीं है।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि मरारीकुलम-अलप्पुझा रेल मार्ग में पटरी पर पेड़ गिर जाने से शुक्रवार को सुबह कुछ घंटों के लिए ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं। कम से कम चार ट्रेनें- मावेली एक्सप्रेस, राजधानी, धनबाद एक्सप्रेस और गुरुवायुर- विभिन्न स्थानों पर रुकी रहीं।
कोझिकोड जिले के वाटकरा में भूस्खलन के बाद से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। कोट्टायम के पाला में बाढ़ के कारण यातायात बाधित हो गया है।
पुलिस ने बताया कि मलप्पुरम जिले के एदावन्ना में एक मकान के ढह जाने से दो बच्चों समेत एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई।
केरल में वर्षा जनित हादसों में बृहस्पतिवार तक आठ लोगों की मौत हो गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य के 315 राहत शिविरों में शुक्रवार सुबह तक 22,165 लोगों को स्थानांतरित किया गया।
राज्य के राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने संवाददाताओं को बताया कि भोपाल से रक्षा कर्मियों की चार टीम और नीलगिरि से दो टीम बचाव कार्यों में मदद के लिए यहां पहुंच रही हैं।
वायनाड जिले के मेप्पाडी में शुक्रवार को भूस्खलन के बाद कई लोगों के लापता होने का संदेह हैं। एक मंदिर, एक मस्जिद, दो मकान और कुछ वाहन इस भूस्खलन की चपेट में आ गए।
अधिकारियों ने बताया कि केरल पुलिस सेवा आयोग और राज्य में विभिन्न विश्वविद्यालयों की शनिवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
राज्य में शैक्षणिक संस्थान और कॉलेज शनिवार को बंद रहेंगे।
राहुल ने प्रधानमंत्री से बात की, केरल और वायनाड के लिए मदद मांगी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल और अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में बाढ़ की स्थिति को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और उनसे सहायता मांगी।
वायनाड से सांसद राहुल गांधी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया है, '' प्रधानमंत्री ने आपदा से प्रभावित लोगों के लिए हर जरूरी सहायता का भरोसा दिया है।’’
इससे पहले देश कई हिस्सों और केरल में आई भयावह बाढ़ पर चिंता प्रकट करते हुए राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया था कि वे बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं।
उत्तराखंड : कई जगह बादल फटे, भारी बारिश, तीन लापता
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में गुरुवार रात से अनेक स्थानों पर बादल फटने तथा भारी बारिश होने की घटनाओं में मां—बेटी सहित तीन व्यक्ति लापता हो गये और दर्जनों मकानों, दुकानों, मार्गों और खेतों के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही बड़ी संख्या में मवेशी बह गये ।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चमोली जिले के थराली क्षेत्र में गुरुवार देर रात बादल फटने से तलोर और फल्दिया सहित आधा दर्जन गांवों में पानी के साथ भारी मलबा आ गया जिसमें एक महिला और उसकी बेटी लापता हो गये ।
फल्दिया गांव की पुष्पा देवी (29) और उसकी पांच वर्षीया बेटी ज्योति के मलबे में दब जाने की आशंका है। इसके अलावा, इन गांवों में कई मवेशियों के भी मरने की सूचना है। यहां कई सड़क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए तथा खेतों को भी भारी नुकसान पहुंचा है ।
जिले के राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिये मौके पर पहुंच गये हैं । क्षेत्र के 10—12 परिवारों को पास ही के स्कूलों की इमारतों में स्थानांतरित कर दिया गया है ।
एक अन्य घटना में, टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र में बादल फटने से ठेला और थारती गांवों में भारी क्षति पहुंची। थारती में एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है। टिहरी जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र में सामने आयी एक दूसरी घटना में बादल फटने से एक गदेरे :बरसाती नाला: में बाढ आ गयी जिससे खेत और गांवों के मकान क्षतिग्रस्त हो गये। दर्जनों मवेशियों के भी इस दौरान बहने की ख़बर है।
रूद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि क्षेत्र में भी बादल फटने से कुछ दुकानों तथा मकानों को नुकसान पहुंचा।
पुलिस ने बताया कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में टीमें भेज दी गयी हैं और वहां राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।
महाराष्ट्र : बाढ़ पीड़ित सांगली जिले में नौसेना के 12 बचाव दल भेजे गए
पश्चिमी महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित सांगली जिले में भारतीय नौसेना के 12 बचाव दलों को तैनात किया जा रहा है।
एक रक्षा प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि सांगली और निकटवर्ती कोल्हापुर से विमान के जरिए लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया खराब मौसम के कारण बाधित हो गई जिसके बाद राज्य परिवहन वाहनों के जरिए बृहस्पतिवार की रात बचाव दल सांगली के लिए रवाना हुए।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कोल्हापुर में पहले की मौजूद टीमों के अलावा नौसेना के इन 12 दलों को आज (शुक्रवार को) सांगली में तैनात किया जाएगा।’’
सांगली जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री गिराने के लिए एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया जाएगा और इसका प्रयोग फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए भी किया जा सकता है।
पश्चिमी महाराष्ट्र के पांच जिलों में आई बाढ़ के मद्देनजर दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सांगली और कोल्हापुर जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।
इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान बाढ़ प्रभावित पांच जिलों में वर्षा जनित हादसों के कारण 27 लोगों की मौत हो गई।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।