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बंगाल : पानी कनेक्शन के लिए 'कट मनी' की ख़बर रिपोर्ट करने के बाद आठ पत्रकारों पर केस दर्ज

"सार्वजनिक कार्य के लिए रिश्वत लेना पूरी तरह से अनुचित है और इसकी रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यह नादिया जिले के नबद्वीप क्षेत्र और राज्य की दुःखद स्थिति को दर्शाता है।" : सुमित डे
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कोलकाता : नबद्वीप नगरपालिका के एक कार्यकारी अधिकारी की शिकायत के आधार पर पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के आठ पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। निवासियों को पानी का कनेक्शन देने के लिए नगरपालिका द्वारा अवैध रूप से "कट मनी" लेने के एक कथित मामले पर पत्रकारों ने रिपोर्ट की थी।

नादिया जिले से प्रकाशित एक साप्ताहिक समाचार पत्र, जनतर चिठ्ठी’ के संपादक सौविक बनर्जी ने कहा, “हमारा अपराध सिर्फ ये रिपोर्ट करना था कि नबद्वीप नगरपालिका नगर निगम क्षेत्र में पानी का कनेक्शन देने के लिए 3,000 रुपये भ्रष्टाचार के रूप में ले रही है। नतीजतन, हम पर खबर की रिपोर्टिंग करने के लिए दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।" पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए जिन धाराओं के इस्तेमाल किया गया उनमें आपराधिक धमकी (धारा 506), लोक सेवकों को कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकना (धारा 186), और आपराधिक साजिश (120B) शामिल हैं।

सौविक बनर्जी के साथ नादिया के सात अन्य पत्रकारों पर भी मामला दर्ज किया गया है। नगरपालिका अधिकारी प्यारी मोहन सरकार द्वारा दायर की गई शिकायत में दावा किया गया है कि इन आठ पत्रकारों ने नगरपालिका को बदनाम किया और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर दंगा करने के इरादे से लोगों को उकसाया।

शिकायत में नगरपालिका ने कहा है कि उक्त 3000 रुपये निवासियों से उनके घरों में साफ पानी का कनेक्शन देने के लिए "संचालन और रखरखाव" शुल्क के रूप में लिए गए थे। हालांकि, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत, निवासियों को पानी का कनेक्शन मुफ्त में मिलना चाहिए।

बनर्जी ने न्यूज़क्लिक को बताया, “जो भी निराधार दावे किए गए हैं उनमें ये कहा गया है कि हम, आम लोगों को नबद्वीप नगरपालिका के अध्यक्ष के खिलाफ भड़का रहे थे और लोगों को भड़काने के लिए इलाके में माइकिंग भी की। हमनें खबर की रिपोर्टिंग से जुड़ी सभी नियमावली का पालन किया, मगर नगर पालिका हमें परेशान करने के लिए हमारे खिलाफ निराधार आरोप लगाती रही।"

पत्रकार के अनुसार 23 दिसंबर 2022 को दिलीप अधिकारी नाम के एक व्यक्ति को नगरपालिका द्वारा पानी का कनेक्शन दिया गया और फिर उससे 3000 रुपये की मांग की गई और चूंकि वह राशि का भुगतान नही कर सका, इसलिए पांच से छह 'गुंडों' ने कथित तौर पर 31 दिसंबर को उसके घर का पानी का कनेक्शन काट दिया।

बनर्जी ने आगे कहा, “दिलीप अधिकारी के परिवार में कई मरीज़ हैं, जिनमें कुछ ऐसे भी हैं जिनके दिल में 'पेसमेकर' लगे हैं। हालांकि, इस संबंध में इस गरीब के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पत्रकारों की एक टीम जिसमें आठ लोग शामिल थे, घटना की जानकारी के बाद इसे कवर करने के लिए उनके घर गई। वार्ड पार्षद पारुल देबनाथ को मामले के बारे में सूचित किया गया और हमें कहा गया कि यह मामला नगरपालिका के चेयरमैन व तृणमूल कांग्रेस नेता बिमनकृष्ण साहा के अंतर्गत आता है। इस आधार पर हमने अध्यक्ष से संपर्क करने की कोशिश की जिन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर फोन पर बात नहीं की जा सकती और हमें उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए कहा। और शाम को जब हम चेयरमैन से मिलने में कामयाब हुए, तो उन्होंने कहा, "मैं आपको कुछ नहीं बताऊंगा, कुछ ना बोलना मेरा अधिकार है।"

उक्त घटना के विभिन्न समाचार चैनलों पर प्रसारण के बाद, रिपोर्टर आगे की खबर को रिपोर्ट करने के लिए इलाके में लौट आए। बनर्जी ने कहा, "स्थानीय निवासियों ने हमारा समर्थन किया, और हमें उन लोगों से कई अन्य जानकारियां मिलीं, जिन्हें अपने घरों में पानी का कनेक्शन लेने के लिए मजबूरन 3000 रुपये देने पड़े। उस शाम हम पत्रकारों की अपनी टीम के साथ स्थानीय पुलिस स्टेशन गए और पुलिस स्टेशन के लोकल आईसी अभिजीत चटर्जी से मिले।"

फिर 3 जनवरी 2023 को नबद्वीप नगरपालिका के कार्यपालक अधिकारी ने घटना को कवर करने गए आठ पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की शिकायत की।

बनर्जी ने दावा किया, "सात दंडात्मक धाराओं का उपयोग करते हुए, हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया गया जिसका केस नंबर 6/23 है। हक़ीक़त यह है कि हमने न तो कोई माइकिंग की थी और न ही जानबूझकर किसी को उकसाया था। हमने सिर्फ सरकारी काम में 'कट मनी' की घटना की सूचना दी थी।

उन्होंने कहा कि अभी तक कोई भी पत्रकार फरार नहीं है और वे सभी घर पर ही रह रहे हैं। पुलिस ने पत्रकारों को धारा 41 के तहत थाने के आईसी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस दिया है।

बनर्जी ने यह भी कहा कि इस घटना ने पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की दयनीय स्थिति को दिखाया है और प्रेस की स्वतंत्रता सवालों के घेरे में है।

न्यूज़क्लिक ने सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुमित डे से बात की, जिन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया घोर अलोकतांत्रिक थी। डे ने कहा, "सार्वजनिक कार्य के लिए रिश्वत लेना पूरी तरह से अनुचित है और इसकी रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यह नादिया जिले के नबद्वीप क्षेत्र और राज्य की दुःखद स्थिति को दर्शाता है।"

राजनीतिक टिप्पणीकार अंजन बेरा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में प्रेस की आज़ादी पर गंभीर हमले हो रहे हैं और पत्रकारों की आजादी पर अंकुश लगाया जा रहा है। उन्होंने न्यूज़क्लिक से कहा, "अगर वे (नगरपालिका) चाहते, तो वे अदालत जा सकते हैं, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने उन पत्रकारों के बारे में झूठे दावों के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का विकल्प चुना जो केवल अपनी ड्यूटी कर रहे थे। रिपोर्टरों को अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ, इस घटना की कड़ी निंदा करनी चाहिए।"

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Bengal: Eight Journalists Booked After Reporting on 'Cut Money' for Municipality Water Connection

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