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बिहार में बाढ़ का कहर बरकरार, 35 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में

भूमि का एक विशाल भाग लगातार जलमग्न है। आईएमडी का अनुमान है कि इस हफ्ते और इसके बाद भी काफी वर्षा होगी तो ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में बाढ़ का पानी घटने का कोई आसार नहीं है।
बिहार में बाढ़ का कहर बरकरार, 35 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में
चित्र सौजन्य: PTI

पटना : बिहार में बाढ़ की स्थिति बहुत ही गंभीर बनी हुई है। राज्य होकर बहने वाली सभी नदियां बृहस्पतिवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और बाढ़ पीड़ित जिलों की दर्जनों सड़कों पर घुटने से ऊपर पानी बह रहा है, जिससे यातायात काफी दुष्प्रभावित हो रहा है। हालांकि, इसके पहले गंगा नदी का बढ़ता जल स्तर कई इलाकों में कम होने लगा है, यह थोड़ी राहत की बात है।

बाढ़ के कारण भूमि का बड़ा भूभाग अब भी पानी में डूबा हुआ है और इस हालात में आने वाले दिनों में सुधार के बहुत कम आसार हैं, जैसा कि भारतीय मौसम विभाग ने इस हफ्ते और इसके अगले हफ्ते में भी भारी वर्षा होने का अनुमान लगाया है।

स्थानीय रिपोर्ट कहती है कि गांव के गांव पानी में डूब गए हैं, जिसके चलते हजारों लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है; ये लोग अधिक ऊंची जगहों जैसे, बांधों पर या राष्ट्रीय उच्चपथों (एनएच) पर खुले आसमान के नीचे, स्कूलों में या सरकारी ईमारतों में शरण लिए हुए हैं। बहुत सारे बाढ़ पीड़ित अपने मवेशियों के लिए हरी घास या अन्य चारे का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं। इसकी भारी किल्लत बनी हुई है।

अधिकारियों के मुताबिक, गंगा, कोशी, बागमती और बूढ़ी गंडक जैसी नदियां उफान मार रही हैं, जिनसे सैकड़ों गांव असहाय हो गए हैं, हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। खेतों में लगी खरीफ की फसलों की भी व्यापक क्षति पहुंची है। नदी में कटाव की लगातार आशंका से लोगों की रातों की नींद गायब है। सैकड़ों घरों एवं सैकड़ों एकड़ खेत नदियों में आई बाढ़ से डूबे हुए हैं। नए-नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों का अपने गांवों से पलायन का सिलसिला जारी है। ये लोग सुरक्षित जगहों पर शरण ले रहे हैं।

बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राज्य के 16 जिलों के 35 लाख से अधिक लोग बाढ़ से पीड़ित हुए हैं। इनमें मधुबनी, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण, सुपौल, दरभंगा, सारण, भोजपुर, पटना, समस्तीपुर, वैशाली, कटिहार, खगड़िया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।

बाढ़ की रोजाना की स्थिति के बारे में विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 99 प्रखंडों के 2,589 गांव बाढ़ से पीड़ित हैं। अभी तक 1,23,188 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा गया है। पीड़ित जिलों में 64 राहत शिविर लगाए गए हैं और 753 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गई है।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबित बाढ़ का पानी  पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, मधेपुरा और मुजफ्फरपुर नेशनल हाईवे एवं राज्य के हाईवे समेत सभी सड़कों पर बह रहा है।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कहा : “नदियों के जल स्तरों में पिछले 48 घंटों में बढ़ोतरी से नदी तटों पर कटाब का दबाव बढ़ गया है।”

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करेगी और इस मद में केंद्र सरकार से भी मदद मांगेगी।.

बाढ़ की विकरालता को  देखते हुए राज्य सरकार ने पीड़ित जिलों में अपने सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने लगातार हो रही भारी बरसात को देखते हुए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की है।

सरकार ने स्थानीय पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की मदद से  बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को बाढ़ पीड़ित जिलों के हवाई सर्वेक्षण करने के बाद अपने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया है।

बिहार में इस साल ठीक समय पर मानसून आने के बाद, अब तक सरप्लस वर्षा हुई है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने पटना में कहा कि पहली जून से लेकर 14 अगस्त के बीच राज्य में अब तक 745.2 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य बरसात से 19 फीसदी अधिक है।

अंग्रेजी में मूल रूप से प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Bihar: Flood Fury Persists With More Than 35 Lakh Affected

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