चुनाव 2019 : नेताओं के भाषणों से अलग है ज़मीनी हक़ीक़त
चुनाव अपने चरम पर है, लेकिन नेताओं के भाषण से जनता के मुद्दे गायब हैं। चुनाव के दौरान अलग-अलग राज्यों में जाकर ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहीं पत्रकार भाषा सिंह और तारिक़ अनवर से मुकुल सरल की विशेष बातचीत।
चुनाव अपने चरम पर है, लेकिन नेताओं के भाषण से जनता के मुद्दे गायब हैं। आम मतदाता आज भी रोज़ी-रोटी की बात कर रहा है, साथ ही वो देश में अमन-चैन चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सत्तारूढ़ दल के अन्य शीर्ष नेताओं के भाषण में उग्र राष्ट्रवाद, पुलवामा, बालाकोट और अली-बजरंगबली जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। चुनाव के दौरान अलग-अलग राज्यों में जाकर ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहीं पत्रकार भाषा सिंह और तारिक़ अनवर से मुकुल सरल की विशेष बातचीत।
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