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कांग्रेस ने एनडीटीवी के अधिग्रहण के प्रयास को बताया स्वतंत्र मीडिया पर हमला; रवीश के इस्तीफ़े की खबरें अफ़वाह

अडाणी समूह ने पहले प्रतिद्वंद्वी उद्योगपति मुकेश अंबानी से पूर्व में जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था। इस कंपनी ने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। अडाणी समूह की कंपनी ने इस ऋण को अब समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है।
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उद्योगपति गौतम अडाणी द्वारा न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी) के अधिग्रहण संबंधी खबरों के बीच कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘खास दोस्त’’ के स्वामित्व वाली कंपनी का यह प्रयास स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और उसे दबाने के लिए उठाया गया एक कदम है।

अडाणी समूह ने पहले प्रतिद्वंद्वी उद्योगपति मुकेश अंबानी से पूर्व में जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था। इस कंपनी ने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था।

अडाणी समूह की कंपनी ने इस ऋण को अब समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है।

समूह ने मंगलवार को बयान में कहा कि इसी के साथ उसने एनडीटीवी में 26 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिये 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है।

अडानी समूह का यह कमद मीडिया परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। देश के सबसे लोकप्रिय समाचार चैनलों में शामिल एनडीटीवी के मालिकों ने कहा कि उन्हें मंगलवार तक इस अधिग्रहण की कोई जानकारी नहीं थी और यह बिना किसी चर्चा या सहमति के लिया गया निर्णय था।

इस घटनाक्रम पर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री के 'खास दोस्त' की अत्यधिक ऋणी कंपनी द्वारा एक प्रसिद्ध टीवी न्यूज़ नेटवर्क के द्वेषपूर्ण अधिग्रहण की ख़बर आर्थिक और राजनीतिक ताकत का केंद्रीकरण है।’’

उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र मीडिया को नियंत्रित करने और दबाने के लिए उठाया गया बेशर्मी भरा कदम है।

इस खबर के बाद लोगों ने डील को  लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। वरिष्ठ पत्रकार एमके वेणु ने ट्विटर पर लिखा, "मुकेश अंबानी को एनडीटीवी में अपनी 29% हिस्सेदारी अपने सबसे प्रतिद्वंदी अडानी को बेचने में किसी भी तरह का लाभ नहीं है, तो ऐसे में इसे बेचने के पीछे क्या कारण है इसकी पड़ताल जरूरी है।"

इस खबर के बीच एनडीटीवी प्राइम टाइम ऐंकर रवीश कुमार के इस्तीफे की अफवाह भी तेजी से सोशल मीडिया पर फैल गई। इसके बाद खुद कुमार ने इसपर सफ़ाई देते हुए कहा कि यह बात अफवाह ठीक उसी तरह है, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझे इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गए हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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