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दिल्ली : राज्य के दर्जे की माँग को लेकर आम आदमी पार्टी ने तेज़ किया आंदोलन

केजरीवाल ने पहले कहा था कि  उनकी पार्टी 17 जून को दिल्ली को राज्य बनाये जाने के मसले  पर एक आंदोलन  शुरू करेगी।
arvind kejriwal

11 जून को दिल्ली विधानसभा ने देश की राजधानी को राज्य  का दर्जा  दिए जाने के प्रस्ताव  को मान्यता दी। इसके बाद, उस शाम से ही मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के बाकी साथी उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर में धरना दे रहे हैंI उनकी माँग है कि उपराज्यपाल IAS अफसरों को अपनी हड़ताल खत्म करें और सरकार की घर-घर तक राशन पहुँचाने वाली योजना को पारित  करें। स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन  और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया  इन माँगों का समर्थन  करते हुए भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। जहाँ  एक तरफ ये आंदोलन तेज़ हुआ और आम  आदमी  पार्टी 13 मई की शाम को उपराज्यपाल के घर पहुँची  वहीं दूसरी तरह बैजल ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी  है।  

केजरीवाल ने पहले कहा था कि  उनकी पार्टी 17 जून को दिल्ली को राज्य बनाये जाने के मसले  पर एक आंदोलन  शुरू करेगी। आम आदमी पार्टी 2015 में दिल्ली की सत्ता में काबिज़ हुई और तभी से वह उपराज्यपाल (पहले नजीब जंग और अब अनिल बैजल) पर ये आरोप लगा रही है कि वह दिल्ली के कामकाज के सम्बन्ध में उनकी सलाह को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। 

2016 में सरकार ने 'The State of Delhi Bill, 2016’ बनाया और उसे लोगों की प्रतिक्रिया जानने  के लिए पेश किया।  बिल में कई प्रावधान हैं जैसे दिल्ली पुलिस, Delhi Development Authority (DDA) और दिल्ली नगर पालिका को जनता द्वारा चुनी गयी सरकार के समक्ष जवाबदेह बनाया जाये आदिI

IAS अफसरों और केजरीवाल के मंत्रीमंडल के बीच पिछले चार महीनों से चल रहे विवाद के बाद आप सरकार दिल्ली को राज्य का दर्ज़ा दिए जाने के मुद्दे को आगे सामने लेकर आई है।  दिलचस्प बात ये है कि ये माँग कांग्रेस और बीजेपी दोनों के घोषणा  पत्रों  में थी।  

फरवरी में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने ये आरोप लगाया था कि केजरीवाल के घर पर एक मीटिंग चल रही एक के दौरान आम आदमी पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्ला खान  और प्रकाश जडवाल ने उन पर हाथ उठाया। इन दोनों विधायकों को गिरफ्तार किया गया और बाद में छोड़ दिया गया था। लेकिन तभी से सभी नौकरशाह दिल्ली सरकार के खिलाफ एक 'अघोषित हड़ताल' पर हैंI दिल्ली सरकार के मुताबिक वे सरकार की ओर से बुलाई  गयी किसी भी बैठक में नहीं आ रहे और इस वजह से आधिकारिक  काम  में तकलीफ हो रही है। आम आदमी पार्टी के मौजूदा विरोध प्रदर्शन की एक माँग ये भी है कि उन IAS अफसरों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाए जिन्होंने 4 महीनों से काम करना बंद कर दिया है।  

11 जून को दिए गए अपने भाषण में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 1.3 लाख करोड़  कर  इक्कठा  किये जाने के बावजूद सरकार को सिर्फ 325 करोड़ रुपये ही केंद्र सरकार से वापस  मिलते हैं। उन्होंने कहा "अगर सिर्फ 30% पैसा भी वापस आये तो सरकार 5 सालों  में हर परिवार को घर प्रदान  कर सकती है।"

बीजेपी के नियुक्त उपराज्पाल द्वारा सरकार की तरफ से दायर विकास के प्रस्तावों को  लगातार अस्वीकार करने के आरोप लगते हुए केजरीवाल ने कहा "बड़ा सवाल ये है कि दिल्ली सरकार को कौन चलता है? उपराज्यपाल  या आम लोग? अब समय आ गया है कि लोग राज्य के दर्ज़े के लिए संघर्ष करें।"

आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि राजधानी के क्षेत्र में कई आधिकारिक क्षेत्र  होने की वजह से और उनके पास कानून व्यवस्था, नगर पालिका, ज़मीन और बाकी चीज़ों पर नियंत्रण न होने की वजह से विकास के कार्य में रुकावटें  आती है और इसका एक ही समाधान है दिल्ली को पूर्ण  राज्य  का दर्ज़ा  दिया जाना। 

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