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दिल्ली समेत देशभर में काम पर लौटे डॉक्टर

इस पूरे मामले में उच्चतम न्यायालय ने अपनी सुनवाई स्थगित करते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करने से इंकार किया है, लेकिन कहा कि वह चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा से जुड़े व्यापक मुद्दे का अभी निपटारा नहीं कर रहा है।
फाइल फोटो
Image Courtesy: Indian Express

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने सोमवार रात अपनी हड़ताल ख़त्म कर दी। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देशभर में विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर मंगलवार को वापस काम पर लौट आए। उधर, इस पूरे मामले पर उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करने से इंकार किया है, लेकिन कहा कि वह चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा से जुड़े व्यापक मुद्दे का अभी निपटारा नहीं कर रहा है।

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हड़ताली चिकित्सकों को राज्य के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने के कदम उठाने का आश्वासन देने के बाद चिकित्साकर्मियों ने हफ्ते भर से चल रही हड़ताल को सोमवार रात को समाप्त कर दिया, जिसके बाद आज, मंगलवार को दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में भी अस्पतालों में कामकाज शुरू हो गया।

केन्द्र द्वारा संचालित एम्स, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल तथा दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल और डीडीयू अस्पताल जैसे अस्पतालों तथा कुछ निजी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर थे।

कई रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने अपना विरोध जताने के लिए अपने अपने परिसरों में मार्च निकाला था।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘ पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के हड़ताल खत्म करने के मद्देनजर, नयी दिल्ली स्थित एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर भी तत्काल प्रभाव से ड्यूटी पर लौट आएं। हमें पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही डॉक्टरों की सुरक्षा पर एक नया केंद्रीय कानून लाएगी, जैसा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने समयबद्ध तरीके से वादा किया था, जिसके विफल होने पर हम भविष्य में हड़ताल का सहारा लेंगे।’’

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जूनियर डॉक्टर बीते मंगलवार से हड़ताल पर थे। उनके दो साथियों पर एक मरीज के परिजनों ने कथित तौर पर हमला किया था जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। मरीज की मौत कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हो गई थी।

आईएमए ने शुक्रवार को कोलकाता की घटना को लेकर चार दिन का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया था और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए केन्द्रीय कानून बनाए जाने की मांग की थी।

उधर, उच्चतम न्यायालय ने सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों की रक्षा और सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में अपनी हड़ताल वापस ले ली है, ऐसे में याचिका पर सुनवाई की कोई अत्यावश्यकता नहीं है।

देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी न्यायालय पहुंची थी।

इस पूरे मामले पर उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करने से इंकार किया, लेकिन कहा कि वह चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा से जुड़े व्यापक मुद्दे का अभी निपटारा नहीं कर रहा है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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