हिंसा के बाद अपने घर जाने में नाकाम पीड़ित
दिल्ली की हिंसा भले ही शांत हो गई है, पर हज़ारों परिवार अब पटरी पे आ चुके है, इनके सर पे न ही छत्त है और न ही कोई आर्थिक साधन। ऐसे में काफ़ी परिवार या तो relief कैम्प्स का सहारा ले रहे हैं या फिर रिश्तेदारों के घरों पर अपने दिन गुज़ार रहे हैं, Newsclick ने इन परिवारों से बात की जिनका कहना है उनके घर ही अब detention center बन चुके हैं, घरों का किराया डबल हो चुका है, वहीं कई हिन्दू मकानमालिक मुसलमानों को दुकानों और घरों मैं नहीं आने दे रहे। इसी सिलसिले मैं 600 से ज़्यादा cases रजिस्टर हो चुके है और 2000 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है
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