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धर्मनिरपेक्ष राजनीति को अपने आलस से निकलने की ज़रूरत है : प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद

आईडिया ऑफ़ इंडिया कॉन्क्लेव के आयोजन पर प्रोफेसर अपूर्वानंद ने बढ़ती सांप्रदायिकता और नफ़रत के विषय में अपने विचार साझा किये I

आईडिया ऑफ़ इंडिया कॉन्क्लेव के आयोजन पर प्रोफेसर अपूर्वानंद ने बढ़ती सांप्रदायिकता और नफ़रत के विषय में अपने विचार साझा किये I अपूर्वानंद के मुताबिक इस वक्त जो दल सत्ता पर काबिज़ है वह इस मुल्क में निरंतर अस्थिरता और बेचैनी चाहता है I उनके विचार में आज देश में हिन्दू धर्म का राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की जा रही है I इसमें धर्म और राष्ट्रवाद दोनों को इस कदर मिला दिया गया है कि आम हिन्दू महसूस करने लगा है कि उसे इस राष्ट्रवाद की रक्षा करनी है I

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