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एक अध्ययन : माइग्रेशन के आंकड़े बताते हैं कि  हालात अच्छे नहीं हैं

विवाह के आंकड़ों से अलग कुल माइग्रेट होने वाले लोगो में 2011 में 18.4% लोग ऐसे हैं जो व्यापार व रोज़गार के कारण माइग्रेट हुए हैं। 2.2% लोग ऐसे हैं जो शिक्षा के कारण माइग्रेट हुए हैं। जो अन्य कारणों के कारण माइग्रेट हुए हैं वो कुल माइग्रेशन का 38.6% हैं। 
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माइग्रेशन यानी प्रवास, यानी एक जगह से दूसरी जगह जाना या जाने को मजबूर होना यानी जबरन पलायन या विस्थापन। बहुत कम लोग अपनी खुशी और मर्जी से माइग्रेट होते हैं। माइग्रेशन एक तरह से अपनी जड़ों को छोड़कर जाना है...ये अगर आपकी मर्जी से नहीं है तो फिर ये जीवन भर दर्द देता है। 

माइग्रेशन के आकड़ों का अध्ययन करने पर वे सभी कारण सामने आते हैं जिसके कारण यह हो रहा है। ये सभी कारण देश की मौजूदा स्थिति को भी बयां करने में सहायक हैं। साथ ही ये भी पता चलता हैं कि क्यों लोग माइग्रेट हो रहे हैं।

आंकड़े बताते हैं कि केवल रोज़गार और व्यापार के लिए बड़ी संख्या  में लोगों को अपने घर-गांव छोड़कर दूर परदेस जाना पड़ता है। शिक्षा के लिए भी काफी बच्चों को अपना घर छोड़ना पड़ता है। ये रोज़गार और शिक्षा के केंद्रीयकरण का मामला है। यानी रोज़गार और उच्च शिक्षा देश के कुछ ही नगरों-महानगरों या राजधानियों तक सीमित हो कर गई है।

इतना ही नहीं प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, सूखा और यहां तक स्वास्थ्य यानी इलाज के लिए भी बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।    

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क्या कहते हैं आंकड़ें

2011की जनगणना के अनुसार माइग्रेट हो रहे लोगो की संख्या 45.57 करोड़ हैं जिसमें 9.9% लोग ऐसे हैं जो व्यापार व रोज़गार के कारण माइग्रेट हुए हैं, 46.3% लोग विवाह के कारण माइग्रेट हुए हैं, जो कुल माइग्रेशन का लगभग आधा हिस्सा है। 1.2% लोग शिक्षा के कारण माइग्रेट हुए हैं। परिवार के साथ माइग्रेट होने वाले लोग 14.5 % हैं। जन्म के बाद माइग्रेट होने वाले लोग 7.4% हैं तथा 20.7% लोग ऐसे हैं जो अन्य कारणों के कारण माइग्रेट हुए हैं। अन्य माइग्रेशन में प्राकृतिक आपदा, स्वास्थ्य और बढ़ते अपराध आदि के कारण माइग्रेट होने वाले लोग शामिल हैं।

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माइग्रेशन के आंकड़ों में विवाह के आंकड़े पहली नज़र में चौंकाते हैं लेकिन इसकी वजह ये है कि क्योंकि विवाह भारत की परंपरागत रीति है। इस रीति मैं लड़कियों को अपना मायका छोड़कर पति के घर माइग्रेट होना पड़ता है, यही वजह है कि इस तरह का माइग्रेशन कुल माइग्रेशन का लगभग आधा यानी 46 % है। अतः विवाह के आकड़ों को हम कुल माइग्रेशन के आकड़ों से हटाकर देखें तब लोगों की सामाजिक, आर्थिक समस्या की स्थिति साफ हो पाती है। 

विवाह के आंकड़ों से अलग कुल माइग्रेट होने वाले लोगो में 2011 में 18.4% लोग ऐसे हैं जो व्यापार व रोज़गार के कारण माइग्रेट हुए हैं। 2.2% लोग ऐसे हैं जो शिक्षा के कारण माइग्रेट हुए हैं तथा परिवार के साथ माइग्रेट होने वाले लोग 27 प्रतिशत हैं। जो लोग जन्म के बाद माइग्रेट हुए हैं वे भी 13.8% प्रतिशत हैं तथा जो अन्य कारणों के कारण माइग्रेट हुए हैं वो कुल माइग्रेशन का 38.6% हैं। अन्य कारणों में प्राकृतिक आपदा, स्वास्थ्य और बढ़ते अपराध आदि जैसे कारण शामिल हैं। 

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रोज़गार व व्यापार के कारण माइग्रेशन 

लोगों को अपनी जीविका चलने के लिए धन की जरूरत पड़ती हैं और धन का सीधा स्रोत रोज़गार व् व्यापार हैं परन्तु रोज़गार व व्यापार से जुड़े संसाधन उपलब्ध न हो पाने के कारण लोग उन स्थानों पर माइग्रेट हो जाते हैं जहाँ रोज़गार व्  व्यापार के संसाधन उपलब्ध हैं चाहे वह माइग्रेशन प्रदेश के भीतर हो या फिर प्रदेश से बाहर।   

2001 में कुल माइग्रेट होने वाले लोगो की संख्या 15.84 करोड़ थी जिसमें 3.27 करोड़ लोग रोज़गार व व्यापार के कारण माइग्रेट हुए, जो कुल माइग्रेशन का 20.7% था। वहीं 2011 में यह संख्या बढ़कर 4.50 करोड़ लोगों की हो गई जो कुल माइग्रेशन का 18.4% है तथा कुल माइग्रेट होने वाले लोगो की संख्या 24.46 करोड़  हो गयी है। 

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राज्य के भीतर माइग्रेट होने वालो लोगों की कुल संख्या 2001 में 12.49 करोड़ थी जो 2011 में बढ़कर 20.26 करोड़ हो गयी है जिसमें रोज़गार व व्यापार के कारण माइग्रेट होने वाले लोगों की संख्या 2001 में 2.05 करोड़ थी जो कुल माइग्रेट होने वाले लोगो का 13% था जो 2011 में बढ़कर 3.09 करोड़ हो गई, जो कुल माइग्रेट होने वाले लोगो का 12.6% है। 

राज्य के बाहर अन्य राज्यों में माइग्रेट होने वाले लोगो की कुल संख्या 2001 में 2.89    करोड़ थी 2011 में यह बढ़कर 3.73 करोड़ हो गयी है। जिसमें रोज़गार व व्यापार के कारण माइग्रेट होने वाले लोगो की संख्या 2001 में 1.16  करोड़ थी जो कुल माइग्रेशन का 7.4% था जो 2011 में बढ़ कर 1.34 करोड़ हो गयी है जो कुल माइग्रेशन का 5.5% है।

शिक्षा के कारण माइग्रेशन

बेहतर शिक्षण संस्थानों व् उच्च कोटि की शिक्षा प्राप्त करने  के कारण भी समाज का एक हिस्सा माइग्रेट होता रहा हैं कुल माइग्रेशन में 33.6 लाख लोग 2001 में शिक्षा के कारण माइग्रेट हुए थे वहीं 2011 में यह संख्या बढ़कर 54.5 लाख लोगो की हो गयी है। 

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राज्य के भीतर शिक्षा के लिए माइग्रेट होने  वाले लोगो की संख्या 2001 में 27.6 लाख थी वही 2011 में यह संख्या बढ़ कर 46.5 लाख लोगो की हो गयी है। 

राज्य से बाहर अन्य राज्यों में शिक्षा के कारण माइग्रेशन में भी इज़ाफा हुआ है। 2001 में शिक्षा के लिए माइग्रेट होने वाले  लोगो की संख्या 5.4 लाख थी वही 2011 में यह संख्या बढ़ कर 7.4 लाख हो गयी है।

परिवार के साथ व् जन्म के बाद माइग्रेशन  

परिवार के साथ जन्म के बाद माइग्रेट हुए लोग में वे सभी लोग शामिल हैं जो अपने स्थान से अपने परिवार के साथ माइग्रेट हुए हैं और जो जन्म के दौरान जनगणना में कहीं और काउंट हो गए हैं।  इन माइग्रेट लोगो में काफी बड़ी वृद्धि आई है। 

परिवार के साथ व जन्म के बाद माइग्रेट हुए लोगो की संख्या में भी बड़ा इज़ाफा हुआ है। 2001 में यह संख्या कुल संख्या की 5.88  करोड़ थी जो 2011 में दो गुना से थोड़ा कम यानी 9.98 करोड़ हो गयी है। 

राज्य के भीतर परिवार के साथ व जन्म के बाद माइग्रेट होने वाले  लोगों की संख्या 2001 में 4.54 करोड़ थी जो 2011 में 8.21 करोड़ हो गयी है।

राज्य के बाहर परिवार के साथ व जन्म के बाद माइग्रेट होने  वाले लोगों की संख्या 2001 में 1.13 करोड़ थी जो 2011 में बढ़ कर 1.15  करोड़ हो गयी है।

अन्य माइग्रेशन

अन्य माइग्रेशन में वे सभी कारण शामिल हैं जो सीधे व अप्रत्यक्ष रूप से  लोगों को माइग्रेट होने पर मजबूर करते हैं जैसे प्राकृतिक आपदा, स्वास्थ्य और बढ़ते अपराध आदि 

जिसके कारण कुल माइग्रेशन का एक बड़ा हिस्सा माइग्रेट होता रहा है। 2001 में कुल माइग्रेशन का लगभग 40% यानी कुल संख्या का 6.35 करोड़ लोग अन्य माइग्रेशन में शामिल हैं। 2011 में यह आंकड़ा बढ़कर 9.43  करोड़ लोगो हो गया है। 

राज्य के भीतर माइग्रेट होने वाले लोगों की संख्या 2001 में 5.62  करोड़ थी जो 2011 में बढ़कर 8.49 करोड़ हो गयी है।

राज्य के बाहर अन्य राज्यों में माइग्रेट होने वाले लोगो की बात की जाए तो 2001 में यह संख्या 0.53  करोड़ थी जो 2011 में बढ़कर 0.76 करोड़ हो गयी है। 

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