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एम जे अकबर को अंततः देना पड़ा इस्तीफ़ा

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ वाली सरकार के कैबिनेट मंत्री ने आखिरकार दबाव में आकर इस्तीफ़ा दियाI
M J Akbar
Image Courtesy: NDTV

#MeToo कैंपेन के दौरान 14 महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद आखिरकार पूर्व सम्पादक और विदेश मंत्री एम जे अकबर ने बुधवार को इस्तीफ़ा दे दियाI उन्होंने खुद पर सबसे पहले आरोप लगाने वाली महिला प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसकी पहली सुनवाई (18 अक्टूबर) से पिछले दिन ही उन्होंने इस्तीफ़ा दिया हैI

ANI ने अकबर का एक वक्तव्य जारी किया है जिसके मुताबिक वे अपना पद इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि अब वे व्यक्तिगत तौर पर न्यायालय में न्याय माँगने जा रहे हैं, ताकि अपने खिलाफ लगे इल्ज़ामों को चुनौती दे सकेंI

अकबर ने जब से यह मुकदमा दायर किया है तभी से उनके इस्तीफ़े की माँग और ज़ोर-शोर से उठ रही थीI मंगलवार को अकबर के साथ The Asian Age में काम कर चुकीं 20 महिला पत्रकार रमानी के समर्थन में सामने आयीं और कहा कि वे न्यायालय में गवाही देने के लिए तैयार हैंI तमाम पत्रकारों और महिला संगठनों के समर्थन के साथ रमानी ने बड़े ही हौंसले के साथ इस मुकदमे के बारे में कहा कि ‘सच ही उनका बचाव है’I कुछ पुरुष पत्रकार भी अपनी साथी महिला पत्रकारों के समर्थन में सामने आये हैंI

जब यह आरोप सोशल मीडिया में सामने आये थे तब अकबर देश में नहीं थे और कयास लगाये जा रहे थे कि जब वे दिल्ली लौटेंगे तो इस्तीफ़ा देंगेI लेकिन ऐसा नहीं हुआI यह बातें भी हुईं कि शायद मोदी सरकार ने उन्हें इस्तीफ़े के लिए नहीं कहा हैI हालांकि, तीन महिला कैबिनेट मंत्री- मेनका गाँधी, स्मृति इरानी और निर्मला सीतारमण- ने खुलकर अकबर पर आरोप लगाने वाली महिलाओं का समर्थन किया थाI

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मोदी सरकार यूँ तो महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन इस पूरे मामले में वे ख़ामोश रहेI इस वजह से महिला संगठनों, विपक्षी दलों और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने उन पर सवाल भी उठायेI मोदी सरकार की इस चुप्पी से साफ़ ज़ाहिर होता है कि महिला सुरक्षा उनके लिए ऐसा मुद्दा नहीं जिसके आधार पर वे किसी मंत्री की छुट्टी करेंI  

मोदी ने तो अपनी कैबिनेट में राजस्थान से सांसद निहाल चंद को शामिल किया और आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई हैI उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप है लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई हैI ऐसे और भी कई मामले भाजपा के नेताओं, सांसदों और विधायकों आदि पर हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होतीI

आरोपों की पुष्टि?

जिन महिला पत्रकारों ने अकबर के खिलाफ आरोप लगाये थे वे खुश हैं कि आखिरकार अकबर को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ाI

मानहानि का मुकदमा झेल रहीं प्रिया रमानी ने कहा है कि इससे उनके आरोपों की पुष्टि होती हैI

रमानी ने ट्वीट किया कि, “महिला होने के नाते हमें लगता है कि एम जे अकबर के इस्तीफ़े से हमारे आरोपों की पुष्टि होती हैI मैं उस दिन के इंतज़ार में हूँ जब मुझे न्यायालय में भी इन्साफ मिलेगाI”

पत्रकार सुपर्णा शर्मा ने अकबर पर उनकी 'ब्रा का स्ट्रैप खींचने' का आरोप लगाया है, उनके मुताबिक सिर्फ इस्तीफ़े पर यह मामला खत्म नहीं होगाI 

अकबर ने रविवार को अपने खिलाफ आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए एक वक्तव्य जारी किया थाI सुपर्णा शर्मा का कहना है कि, “वक्तव्य जारी करने की बजाये अकबर को भारत लौटते ही इस्तीफ़ा दे देना चाहिए थाI”

पत्रकार हरिंदर बवेजा, जिन्होंने भी अकबर पर आरोप लगाये थे, इंतज़ार कर रही हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपनी चुप्पी तोड़ेंगेI

(आईएएनएस के इनपुट सहित)

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